पटाखा बनाते समय भीषण विस्फोट… पलक झपकते ही उड़ गया गोदाम; मलबे में दबकर कारीगर गंभीर घायल
लखनऊ,7 अप्रैल2025: उत्तर प्रदेश के एक जिले में रविवार को पटाखा निर्माण के दौरान हुए भीषण विस्फोट ने पूरे इलाके को दहला दिया। यह हादसा उस समय हुआ जब कारीगर एक गोदाम में पटाखे बना रहे थे। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि पलक झपकते ही पूरा गोदाम हवा में उड़ गया और मलबे में तब्दील हो गया। इस घटना में कई कारीगर मलबे में दब गए, जिनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिए, लेकिन हादसे ने पटाखा निर्माण की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का विवरण
यह दर्दनाक हादसा लखनऊ का हुआ, जिसकी आवाज कई किलोमीटर तक सुनाई दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि गोदाम की छत और दीवारें ताश के पत्तों की तर ह बिखर गईं। आसपास के घरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए और इलाके में धूल का गुबार छा गया। धमाके के बाद गोदाम से आग की लपटें और काला धुआं उठता देखा गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि गोदाम में उस समय 8 से 10 कारीगर काम कर रहे थे। विस्फोट के बाद मलबे में दबे कारीगरों की चीख-पुकार सुनाई दी। कुछ ग्रामीणों ने तुरंत मलबा हटाने की कोशिश शुरू की, लेकिन आग और धुएं के कारण बचाव कार्य में मुश्किल हुई। सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू किया।
घायलों की स्थिति
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस हादसे में कम से कम चार कारीगर गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जबकि कई अन्य लापता बताए जा रहे हैं। घायलों को मलबे से निकालकर नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। एक घायल कारीगर, रामू (बदला हुआ नाम), जिसकी उम्र 30 साल है, ने बताया, “हम लोग पटाखों में बारूद भर रहे थे। अचानक एक चिंगारी उठी और फिर सब कुछ खत्म हो गया।” डॉक्टरों का कहना है कि घायलों में से कुछ के शरीर का 50% से ज्यादा हिस्सा जल गया है, जिसके कारण उनकी जान को खतरा बना हुआ है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
हरदोई के पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल का दौरा किया और बताया कि यह गोदाम अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। उन्होंने कहा, “प्रथम दृष्टया यह पटाखा निर्माण के दौरान सुरक्षा नियमों की अनदेखी का मामला लगता है। हमने गोदाम मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश शुरू कर दी है।” पुलिस ने घटनास्थल से कुछ सबूत जमा किए हैं, जिनमें बारूद के अवशेष और टूटे हुए उपकरण शामिल हैं। फोरेंसिक टीम को भी जांच के लिए बुलाया गया है ताकि विस्फोट के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके।
दमकल विभाग की टीम ने करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। दमकल अधिकारी ने बताया कि गोदाम में बड़ी मात्रा में बारूद और ज्वलनशील पदार्थ रखे हुए थे, जिसके कारण आग तेजी से फैली।

संभावित कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विस्फोट बारूद के गलत ढंग से रखरखाव या इस्तेमाल के दौरान चिंगारी उठने से हुआ होगा। पटाखा निर्माण में अक्सर ऐसी लापरवाही देखी जाती है, जहां सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “यह गोदाम कई सालों से चल रहा था। गांव वाले शिकायत करते थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।” पुलिस का कहना है कि अगर गोदाम के पास वैध लाइसेंस नहीं था, तो यह हादसा प्रशासनिक नाकामी को भी उजागर करता है।
इलाके में दहशत
इस विस्फोट के बाद गांव में दहशत का माहौल है। आसपास के घरों में रहने वाले लोग रात भर जागते रहे और अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दिया। एक महिला ने कहा, “हमें लगा कि कोई बम फट गया है। हमारे घर की दीवारें हिल गईं। अब हम डर के मारे सो नहीं पा रहे।” ग्रामीणों ने मांग की है कि ऐसे खतरनाक काम गांव से दूर किए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
घायलों के परिजनों और गांव वालों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। एक घायल के भाई ने कहा, “हमारे पास कमाई का कोई और जरिया नहीं है। अब भाई की हालत खराब है, सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए।” इसके साथ ही, लोगों ने प्रशासन से अवैध पटाखा इकाइयों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पटाखा उद्योग पर सवाल
उत्तर प्रदेश में पटाखा निर्माण का काम कई ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर होता है, खासकर त्योहारों के मौसम में। लेकिन इनमें से ज्यादातर इकाइयां बिना लाइसेंस और सुरक्षा मानकों के चलती हैं। पिछले कुछ सालों में राज्य में इस तरह के कई हादसे हो चुके हैं, जिनमें दर्जनों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक सख्त नियम और उनकी निगरानी नहीं होगी, ऐसे हादसे रुकना मुश्किल है।
