• October 22, 2025

बाल विवाह रोकने जिला प्रशासन ने समाज प्रमुखों का सहयोग लेने का किया निर्णय

 बाल विवाह रोकने जिला प्रशासन ने समाज प्रमुखों का सहयोग लेने का किया निर्णय

जिले में 17 अप्रैल को रामनवमी तथा 10 मई को अक्षय तृतीया पर्व आ रहा है, इस दौरान बड़ीसंख्या में विवाह होंगे। इन्हीं कार्यक्रमों में बाल विवाह होने की आशंका रहती है, बाल विवाह रोकने जिला प्रशासन ने समाज प्रमुखों का सहयोग लेने का निर्णय लेने के साथ इसकी जिम्मेदारी महिला बाल विकास विभाग, महिला और बाल संरक्षण विभाग को सौंपी है। कलेक्टर विजय दयाराम के निर्देश के बाद महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने इस काम के लिए एक टीम गठित की गई है। यदि कोई परिवार बाल विवाह कराता हुआ पाया जाता है तो विवाह में शामिल माता-पिता, भाई-बहन, बाराती, टेंट हाउस, प्रिंटर्स, ब्यूटी पार्लर, हलवाई, मेरिज गार्डन, घोड़ी वाले, बैंड-बाजा झ वाले, कैटरर्स, पंडित, समाज के मुखिया सहित अन्य पर कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई में दो वर्ष की कैद और एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी अरूण पांडे ने बताया कि उक्त पर्व के दिन बाल विवाह की संभावना को देखते हुए शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला बाल संरक्षण के की टीम सक्रिय है। बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं, कानूनन अपराध भी है, जिसके लिए 18 वर्ष के पूर्व लड़की तथा 21 वर्ष से पूर्व लड़के का विवाह करना बाल विवाह की श्रेणी में आता है। जिसके लिए कानून में कठोर दंड का प्रावधान किया गया है। उन्होने बताया कि 2015 से लेकर वर्ष 2023 तक जिले में बाल विवाह के 26 मामले दर्ज किए गए हैं।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी विजय शर्मा ने नागरिकों से अपील की है कि जिले में बाल विवाह कराए जाने की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल इसकी सूचना जिला बाल संरक्षण इकाई, परियोजना अधिकारी, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, महिला व बाल विकास विभाग तथा थाना-चौकी प्रभारी, आपातकालीन नंबर 112 पर सूचना देकर रोकथाम में सहयोग करें। मोबाइल नंबर 9425758122 और 7440714131 पर दे सकते हैं, सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

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Rama Niwash Pandey

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