• October 14, 2025

सीएम योगी की समीक्षा बैठक: विकास प्राधिकरणों को लंबित भवन मानचित्रों का निस्तारण, जीआईएस आधारित मास्टर प्लान और मेट्रो परियोजनाओं पर जोर

लखनऊ, 3 मई 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में विकास प्राधिकरणों, नगर निगमों और मेट्रो परियोजनाओं से जुड़े अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। बैठक में सीएम ने विकास प्राधिकरणों में लंबित भवन मानचित्रों (बिल्डिंग प्लान) के प्रकरणों का एकमुश्त निस्तारण सुनिश्चित करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, सभी नगरों के जीआईएस (जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम) आधारित मास्टर प्लान को मई 2025 के अंत तक अनुमोदित करने और कानपुर, आगरा, लखनऊ मेट्रो परियोजनाओं को निर्धारित समयसीमा में पूरा करने पर जोर दिया। यह बैठक वाराणसी में छह सड़कों को मॉडल रोड बनाने और मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत के साथ हुई घटना के बाद प्रदेश में विकास और कानून व्यवस्था पर केंद्रित चर्चाओं के बीच हुई।
लंबित भवन मानचित्रों का निस्तारण
सीएम योगी ने विकास प्राधिकरणों में भवन मानचित्रों के स्वीकृति से जुड़े लंबित प्रकरणों पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि ये प्रकरण आम नागरिकों और व्यापारियों के लिए अनावश्यक देरी का कारण बन रहे हैं, जो विकास की गति को प्रभावित करते हैं। सीएम ने निर्देश दिए कि सभी विकास प्राधिकरण एक विशेष अभियान चलाकर इन प्रकरणों का एकमुश्त निस्तारण सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा, “लंबित भवन मानचित्रों की स्वीकृति में देरी से न केवल जनता को परेशानी होती है, बल्कि यह भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देता है। सभी प्रकरणों की ऑनलाइन ट्रैकिंग सुनिश्चित करें और पारदर्शी तरीके से समयबद्ध निस्तारण करें।” इसके लिए सीएम ने ऑनलाइन पोर्टल को और प्रभावी बनाने और शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए।
जीआईएस आधारित मास्टर प्लान को मंजूरी
मुख्यमंत्री ने सभी नगरों के लिए जीआईएस आधारित मास्टर प्लान को मई 2025 के अंत तक अनुमोदित करने का निर्देश दिया। जीआईएस आधारित मास्टर प्लान आधुनिक तकनीक पर आधारित है, जो शहरी नियोजन को अधिक व्यवस्थित और डेटा-आधारित बनाता है। यह प्लान शहरों में भूमि उपयोग, यातायात, जल निकासी, और बुनियादी ढांचे के विकास को वैज्ञानिक तरीके से नियोजित करने में मदद करता है।
सीएम ने कहा, “जीआईएस आधारित मास्टर प्लान के बिना शहरी विकास अव्यवस्थित हो जाता है। सभी नगर निगम और विकास प्राधिकरण इस दिशा में तेजी से काम करें। मई के अंत तक सभी मास्टर प्लान को अंतिम रूप दे दिया जाए।” उन्होंने लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, आगरा, मेरठ, और गोरखपुर जैसे प्रमुख शहरों पर विशेष ध्यान देने को कहा।
इस संदर्भ में वाराणसी में हाल ही में शुरू हुई छह मॉडल रोड परियोजना को भी जीआईएस आधारित मास्टर प्लान के तहत लागू करने की योजना है, जो शहर के यातायात और सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देगी।
मेट्रो परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का निर्देश
सीएम योगी ने लखनऊ, कानपुर, और आगरा में चल रही मेट्रो परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन परियोजनाओं को निर्धारित समयसीमा में पूरा किया जाए।
  • लखनऊ मेट्रो: लखनऊ मेट्रो के विस्तार कार्य, विशेष रूप से चारबाग से बसंतकुंज कॉरिडोर, को जल्द से जल्द पूरा करने का आदेश दिया गया।
  • कानपुर मेट्रो: कानपुर में मेट्रो के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन कुछ स्टेशनों और रेलवे लाइन के टेस्टिंग कार्य शेष हैं। सीएम ने इसे जून 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा।
  • आगरा मेट्रो: आगरा मेट्रो का पहला कॉरिडोर (सिकंदरा से ताज ईस्ट गेट) तेजी से प्रगति पर है। सीएम ने इसे 2026 की शुरुआत तक चालू करने के निर्देश दिए।
योगी ने कहा, “मेट्रो परियोजनाएं न केवल शहरी यातायात को सुगम बनाती हैं, बल्कि आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में भी योगदान देती हैं। किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
संदर्भ: वाराणसी और मुजफ्फरनगर की घटनाएं
यह समीक्षा बैठक ऐसे समय में हुई है, जब वाराणसी में 47.84 करोड़ रुपये की लागत से छह सड़कों को मॉडल रोड के रूप में विकसित करने की परियोजना को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना भी जीआईएस आधारित मास्टर प्लान और यातायात प्रबंधन के तहत लागू की जा रही है, जो सीएम के निर्देशों के अनुरूप है।
वहीं, मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत के साथ जन आक्रोश रैली में हुई धक्का-मुक्की और इसके विरोध में आयोजित महापंचायत ने प्रदेश का माहौल गरम कर रखा है। इस घटना के बीच मौसम विभाग ने 58 जिलों, जिसमें वाराणसी और मुजफ्फरनगर शामिल हैं, में बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी भी जारी की है। इन परिस्थितियों में सीएम योगी का विकास और कानून व्यवस्था पर एक साथ ध्यान देना उनकी कार्यशैली को दर्शाता है।
अन्य निर्देश
बैठक में सीएम ने निम्नलिखित अतिरिक्त निर्देश भी दिए:
  • स्मार्ट सिटी परियोजनाएं: लखनऊ, वाराणसी, और आगरा में स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। सीएम ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत सड़क, जल निकासी, और डिजिटल सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए।
  • स्वच्छता और जल निकासी: मानसून से पहले सभी शहरों में नालों की सफाई और जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए।
  • पारदर्शिता और जवाबदेही: सभी परियोजनाओं में वित्तीय पारदर्शिता और समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम को मजबूत करने को कहा गया।
प्रशासनिक और सामाजिक प्रभाव
सीएम योगी के इन निर्देशों का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को शहरी विकास और बुनियादी ढांचे के मामले में अग्रणी राज्य बनाना है। भवन मानचित्रों के निस्तारण से आम नागरिकों को राहत मिलेगी, जबकि जीआईएस आधारित मास्टर प्लान और मेट्रो परियोजनाएं दीर्घकालिक शहरी विकास को बढ़ावा देंगी।
सोशल मीडिया पर भी इन निर्देशों की चर्चा हो रही है। एक एक्स पोस्ट में लिखा गया, “सीएम योगी का विकास पर फोकस सराहनीय है। मेट्रो, मॉडल रोड, और मास्टर प्लान से यूपी के शहरों की सूरत बदल रही है।”
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Rama Niwash Pandey

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