चंद्रिका देवी मंदिर में दुकानदारों की गुंडई: प्रसाद न लेने पर श्रद्धालुओं को दौड़ाकर पीटा, 5 गिरफ्तार
लखनऊ, 8 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब (बीकेटी) क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध चंद्रिका देवी मंदिर में एक शर्मनाक घटना ने सभी को हतप्रभ कर दिया है। 7 अप्रैल 2025 को मंदिर परिसर में दुकानदारों ने श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की, क्योंकि उन्होंने दुकानों से प्रसाद खरीदने से इनकार कर दिया था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें दुकानदारों को श्रद्धालुओं को बेल्ट और लात-घूसों से पीटते हुए देखा जा सकता है। इस हमले में महिलाएं और बच्चे भी घायल हुए हैं। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 5 आरोपियों को हिरासत में लिया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।
घटना का पूरा विवरण
यह घटना सोमवार दोपहर करीब 12 बजे की है, जब अलीगंज के त्रिवेणी नगर निवासी पीयूष शर्मा अपने परिवार और दोस्तों के साथ चंद्रिका देवी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे। उनके साथ उनकी बड़ी बहन पूजा, छोटा भाई ईशान, मित्र रंजीत कश्यप और उनकी बहन पूर्णिमा व भाई आशीष भी थे। मंदिर के मुख्य द्वार के पास प्रसाद और फूल-माला बेचने वाले दुकानदारों ने उन पर अपनी दुकानों से सामान खरीदने का दबाव बनाना शुरू किया। पीयूष ने बताया कि दुकानदार अंकित ने पहले उनसे प्रसाद खरीदने को कहा, लेकिन जब उन्होंने मना किया तो वह अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगा।
विरोध करने पर दुकानदार ने अपने साथियों को बुला लिया, जिनमें विकास सिंह, दीपू सिंह, प्रियांशु, दिलीप, कुलदीप, अंकुल, अरुण, हरिओम, गणेश और अन्य शामिल थे। इसके बाद दुकानदारों ने एकजुट होकर पीयूष और उनके साथियों पर हमला बोल दिया। वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि दुकानदारों ने बेल्ट, डंडे और लात-घूसों से श्रद्धालुओं को दौड़ाकर पीटा। बीच-बचाव करने आईं महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा गया। कई श्रद्धालु जमीन पर गिर गए, और उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए। करीब आधे घंटे तक चले इस हंगामे से मंदिर परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही बीकेटी पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन उस समय तक दुकानदार भाग चुके थे। पीड़ितों की तहरीर पर पुलिस ने 11 नामजद और 4 अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट, अभद्रता और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार सिंह ने बताया कि अब तक 5 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है और उनकी पूछताछ जारी है। पुलिस ने मंदिर परिसर के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है ताकि बाकी आरोपियों की पहचान की जा सके। घायलों का मेडिकल परीक्षण करवाया गया है, जिसमें मामूली चोटों की पुष्टि हुई है।
श्रद्धालुओं का आक्रोश
इस घटना ने श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी पैदा की है। पीयूष ने बताया कि दुकानदारों ने न केवल उन पर हमला किया, बल्कि उनकी बहन पूजा और पूर्णिमा के साथ भी धक्का-मुक्की की। उन्होंने कहा, “हम मंदिर में शांति से दर्शन करने आए थे, लेकिन दुकानदारों की गुंडई ने हमारा पूरा अनुभव खराब कर दिया।” कई अन्य श्रद्धालुओं ने भी शिकायत की कि मंदिर के आसपास दुकानदार अक्सर जबरन सामान खरीदने का दबाव बनाते हैं और मना करने पर गाली-गलौज करते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। एक यूजर ने लिखा, “यह शर्मनाक है कि धार्मिक स्थल पर भी लोग सुरक्षित नहीं हैं। दुकानदारों की ऐसी हरकतें मंदिर की पवित्रता को कलंकित करती हैं।” कई लोगों ने पुलिस और मंदिर कमेटी से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मंदिर कमेटी का बयान
चंद्रिका देवी मेला कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यह मंदिर की गरिमा के खिलाफ है। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि दोषी दुकानदारों की दुकानें हटा दी जाएं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश रहती है कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, लेकिन इस तरह की घटनाएं हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।”
मंदिर का महत्व
चंद्रिका देवी मंदिर लखनऊ से करीब 35 किलोमीटर दूर गोमती नदी के तट पर स्थित एक प्राचीन और पवित्र तीर्थ स्थल है। यह मंदिर मां दुर्गा के एक रूप चंद्रिका देवी को समर्पित है और इसे 300 साल से भी पुराना माना जाता है। मान्यता है कि त्रेता युग में लक्ष्मण के पुत्र चंद्रकेतु ने इस स्थान पर मां चंद्रिका की स्थापना की थी। हर साल नवरात्रि और अमावस्या के मौके पर यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के पास सुधंवा कुंड भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है।
धार्मिक स्थलों पर दुकानदारों की मनमानी
यह पहला मौका नहीं है जब किसी धार्मिक स्थल पर दुकानदारों की गुंडई सामने आई हो। इससे पहले भी कई मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं ने जबरन खरीदारी के दबाव और दुर्व्यवहार की शिकायत की है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाएं धार्मिक स्थलों की शांति और पवित्रता को प्रभावित करती हैं। सामाजिक कार्यकर्ता रमेश तिवारी ने कहा, “मंदिर प्रशासन को दुकानों के आवंटन और दुकानदारों के व्यवहार पर सख्त निगरानी रखनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि श्रद्धालु बिना किसी डर के दर्शन कर सकें।”
सरकार और प्रशासन की भूमिका
इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। पिछले कुछ सालों में योगी सरकार ने धार्मिक स्थलों के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें चंद्रिका देवी मंदिर परिसर का सुंदरीकरण भी शामिल है। 2023 में सरकार ने इसके लिए 6.46 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसमें पहुंच मार्ग, प्रकाश व्यवस्था और घाट निर्माण जैसे कार्य शामिल हैं। लेकिन इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या केवल बुनियादी ढांचे का विकास ही काफी है, या व्यवहारिक समस्याओं पर भी ध्यान देना जरूरी है।
