‘लिव-इन रिलेशनशिप से सावधान’: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की बेटियों को सलाह
वाराणसी, 10 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने युवतियों को लिव-इन रिलेशनशिप जैसे चलन से दूर रहने की सलाह दी है। वाराणसी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 47वें दीक्षांत समारोह में उन्होंने बेटियों से सोच-समझकर निर्णय लेने और समाज में शोषण करने वाले तत्वों से सतर्क रहने का आग्रह किया। इसके साथ ही, उन्होंने महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर चिंता जताई और पर्यावरण संरक्षण व शोध कार्य पर जोर दिया। समारोह में हजारों छात्र-छात्राओं को उपाधियां और मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। राज्यपाल के इस संबोधन ने सामाजिक और शैक्षिक मुद्दों पर गंभीर चर्चा को जन्म दिया है। आइए, इसकी पूरी कहानी जानते हैं।
बेटियों की सुरक्षा और समझदारी पर जोर
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह में छात्राओं को संबोधित करते हुए लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बेटियों को अपने निजी जीवन में सावधानी और समझदारी से निर्णय लेने चाहिए। “लिव-इन रिलेशनशिप जैसी परिस्थितियों से दूर रहें, क्योंकि समाज में कुछ तत्व शोषण का मौका तलाशते हैं,” उन्होंने चेतावनी दी। राज्यपाल ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए जागरूकता जरूरी है। उन्होंने छात्राओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे अपने भविष्य को सुरक्षित और सम्मानजनक बना सकें। यह संदेश युवा पीढ़ी, खासकर बेटियों, के लिए एक मार्गदर्शन के रूप में सामने आया है, जो सामाजिक बदलावों के बीच अपनी राह चुन रही हैं।
पर्यावरण और शोध: भविष्य की दिशा
राज्यपाल ने प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरण संरक्षण पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली जनहानि को कम करने के लिए अनुसंधान और शोध कार्य को बढ़ावा देना जरूरी है। इसके साथ ही, उन्होंने जैविक कृषि को अपनाने पर जोर दिया, ताकि पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों का संतुलन बना रहे। “हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर विकास करना होगा,” उन्होंने कहा। यह बयान पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने छात्रों से शोध और नवाचार में योगदान देने का आह्वान किया, ताकि समाज और देश को इसका लाभ मिले। यह संदेश न केवल शैक्षिक समुदाय के लिए, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक है, जो टिकाऊ विकास की दिशा में कदम बढ़ाने को प्रोत्साहित करता है।
शिक्षा और सम्मान: दीक्षांत समारोह की उपलब्धियां
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 47वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने 55,642 विद्यार्थियों को स्नातक और 15,321 को स्नातकोत्तर उपाधियां प्रदान कीं। इनमें 34,252 छात्राएं और 21,387 छात्र शामिल थे। इसके अलावा, 178 शोधार्थियों को पी.एच.डी. की उपाधियां और 101 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। यह समारोह शिक्षा के क्षेत्र में विद्यापीठ की उपलब्धियों का प्रतीक बना। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा केवल डिग्री नहीं, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक है। उन्होंने छात्रों से समाज और देश के विकास में योगदान देने का आग्रह किया। यह आयोजन न केवल शैक्षिक उत्कृष्टता का उत्सव था, बल्कि सामाजिक जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर विचार-मंथन का मंच भी बना।
