संस्कार भारती ने गंगा आरती कर किया नव संवत्सर का अभिनंदन
नव संवत्सर चैत्र शुक्ल 2081 प्रतिपदा के अवसर पर संस्कार भारती की ओर से गंगा के माल्देपुर घाट पर मंगलवार को नव वर्ष का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर गंगा आरती के बाद भक्तिमय गीतों के जरिए नव वर्ष की खुशियां मनाई गईं।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डाॅ. पुष्पा मिश्रा ने इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज ही के दिन ब्रह्मा ने सृष्टि सृजन प्रारंभ किया। आज ही के दिन वनवास से वापस आने पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ था। इस खुशी में प्रकृति भी हरी-भरी हो जाती है। तरह-तरह के फूलों की चमक एवं गमक से वातावरण में मस्ती एवं उल्लास दिखाई देता है। भक्ति एवं शक्ति के साथ अध्यात्म की ओर हमें मुड़ने का अवसर मिलता है। अध्यक्षीय उद्बोधन में रामबदन चौबे ने कहा कि आज से नवरात्र प्रारंभ होता है, जिससे जन-जन में मां दुर्गा की शक्ति व्याप्त होती है।
इस अवसर पर संस्कार भारती के कला साधकों ने सरस्वती वंदना व ध्येय गीत प्रस्तुत किया। मां गंगा को समर्पित गीत ”गंगा तेरा पानी अमृत” तथा ”जय जय भागीरथ नंदिनी” प्रस्तुत किया गया। फिर मां गंगा की आरती के बाद ”मेरी नैया में लक्ष्मण राम” तथा ”बताव जननी राम कहिया ले” प्रस्तुत किया गया। इसके बाद ”मैया तेरी चुनरी पर राम लिख दूं” तथा ”पायोजी मैंने राम रतन धन पायो” प्रस्तुत किया। इसी क्रम में ”कईके बैल के सवारी मैया शैलपुत्री” गीत मां दुर्गा के चरणों में समर्पित किया गया। कार्यक्रम में पवन पाल, सुदर्शन पाठक, नरेंद्र पांडेय, गुलजारी लाल, राकेश गुप्त, ताराचंद, सुनील शुक्ल, पंकज, विपुल, सचिन, नीरज, अभिषेक, राजू दुबे, हरेराम दुबे, महेंद्र दुबे, कृष्णा वर्मा, ओम प्रकाश गुप्त, मुरारी, अशोक कुमार, असगर अली, वीरेंद्र, भानु जी, रोहित, सीताराम, वैष्णवी, रानी, आरती, विद्यार्थी, स्वस्तिका, सुजीत, अनीश, प्रज्ञा,दिव्यांश, सात्विक, रश्मि पाल, धीरज गुप्त, विशाल यादव, कृष्णा, त्यागी जी, सुनीता राय व अश्विन आदि ने अपनी-अपनी प्रस्तुति दी। अंत में संस्कार भारती के अध्यक्ष राजकुमार मिश्र ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।



