अयोध्या राम मंदिर को मिला 175 किलो ‘गुप्त’ स्वर्ण दान, दरवाजों से लेकर शिखर तक में हो रहा इस्तेमाल
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में देश-विदेश के श्रद्धालुओं का आस्था से ओत-प्रोत समर्पण लगातार सामने आ रहा है। जहां एक ओर कई प्रमुख हस्तियों और ट्रस्टों ने खुले दिल से आर्थिक योगदान दिया है, वहीं मुंबई के एक उद्यमी ने गुप्त रूप से 175 किलो सोना (अनुमानित मूल्य लगभग 150 करोड़ रुपये) दान किया है, जिससे राम मंदिर की भव्यता को स्वर्णिम स्वरूप दिया जा रहा है।
मंदिर के शिखर से चौखट तक चमका स्वर्ण
यह गुप्त स्वर्णदान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को प्राप्त हुआ है, जिसकी जानकारी मंदिर निर्माण प्रभारी एवं आमंत्रित सदस्य गोपाल राव ने साझा की। उन्होंने बताया कि यह दानदाता अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं करना चाहते थे और उन्होंने समर्पण की गोपनीयता की शर्त स्वीकार की।
यह 175 किलो सोना राम मंदिर के मुख्य शिखर, शिखर-कलश, द्वारों और चौखटों में उपयोग किया गया है। मंदिर के परकोटे के छह सहायक मंदिरों के शिखर-कलश पहले ही स्वर्णमंडित किए जा चुके हैं, जबकि शेषावतार मंदिर में यह काम अभी जारी है।
नामकरण की अपेक्षा पर ट्रस्ट का जवाब
गोपाल राव ने यह खुलासा उस वक्त किया जब एक श्रद्धालु ने निर्माणाधीन प्रेक्षागृह के लिए 10 करोड़ रुपये का दान करते हुए उसके नाम पर प्रेक्षागृह का नामकरण करने की इच्छा जताई। राव ने कहा, “जब 175 किलो स्वर्ण समर्पण करने वाले दानदाता ने भी अपना नाम उजागर नहीं किया, तो 10 करोड़ दान करने वालों को यह विशेष सुविधा कैसे दी जा सकती है?”
उन्होंने यह भी बताया कि दस करोड़ रुपये या उससे अधिक दान करने वालों की संख्या सैकड़ों में है।
महावीर मंदिर ट्रस्ट रहा पहला प्रमुख दाता
राम मंदिर को सबसे पहले 10 करोड़ रुपये दान करने की घोषणा पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट ने की थी। ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव और पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल ने यह राशि दो-दो करोड़ रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से पांच वर्षों में दान की। उन्होंने गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने का भी प्रस्ताव दिया था, लेकिन ट्रस्ट ने इसे स्वीकृति नहीं दी।
अब तक मंदिर में कितना स्वर्ण लगा?
हाल ही में संपन्न हुए दूसरे प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव (3 से 5 जून) के दौरान मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार, शेषावतार मंदिर और अन्य सहायक मंदिरों में मूर्तियों की प्रतिष्ठा की गई। उसी दौरान मंदिर के शिखर-कलशों पर सोने की परत चढ़ाने का कार्य भी जारी था।
भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने बताया कि अब तक का सटीक आंकड़ा नहीं है, लेकिन अनुमानतः 50 करोड़ रुपये मूल्य का सोना राम मंदिर के शिखरों पर लगाया जा चुका है। कुल मिलाकर, मुख्य मंदिर और परकोटे के सहायक मंदिरों में 175 किलो सोने का उपयोग हो चुका है।
