Asia Cup 2025: एशिया कप 2025 की नई तारीख और भारत-पाक मुकाबले की संभावित जगह
Asia Cup 2025: एशिया कप 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, और यह टूर्नामेंट क्रिकेट प्रशंसकों के लिए खास होने वाला है, खासकर भारत-पाकिस्तान मुकाबले को लेकर। हाल ही में सामने आई जानकारी के अनुसार, यह टूर्नामेंट सितंबर 2025 में होने की संभावना है, और भारत-पाकिस्तान का बहुप्रतीक्षित मुकाबला एक तटस्थ स्थान पर हो सकता है। भारत को आधिकारिक तौर पर मेजबानी का अधिकार मिला है, लेकिन भू-राजनीतिक तनावों के कारण संयुक्त अरब अमीरात (UAE) या श्रीलंका को तटस्थ स्थान के रूप में चुना जा सकता है।
एशिया कप 2025 की तारीख और प्रारूप
एशिया कप 2025 की 17वीं संस्करण सितंबर 2025 में होने की संभावना है, जिसमें टी20 प्रारूप में 19 मैच खेले जाएंगे। क्रिकबज और इंडिया टुडे की रिपोर्ट्स के अनुसार, टूर्नामेंट 10 सितंबर से शुरू होकर सितंबर के चौथे सप्ताह तक चल सकता है। यह टूर्नामेंट 2026 टी20 विश्व कप की तैयारी के रूप में महत्वपूर्ण है। इसमें आठ टीमें हिस्सा लेंगी: भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), ओमान, और हॉन्गकॉन्ग। टूर्नामेंट में दो समूह होंगे, प्रत्येक में चार टीमें, और शीर्ष दो टीमें सुपर फोर चरण में पहुंचेंगी। सुपर फोर की शीर्ष दो टीमें फाइनल खेलेंगी। भारत और पाकिस्तान संभवतः एक ही समूह में होंगे, जिससे कम से कम दो और अधिकतम तीन मुकाबले संभव हैं।
भारत-पाक मुकाबले की तटस्थ जगह
भारत को एशिया कप 2025 की मेजबानी का अधिकार मिला है, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच भू-राजनीतिक तनाव, विशेष रूप से अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले और मई 2025 में भारत के ऑपरेशन सिंधु के बाद, भारत में टूर्नामेंट आयोजित करना मुश्किल है। लिवमिंट और हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट्स के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए प्रमुख दावेदार है, हालांकि श्रीलंका भी एक विकल्प है। भारत-पाकिस्तान मुकाबला UAE के दुबई या अबू धाबी में हो सकता है, जैसा कि 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में देखा गया, जहां भारत ने अपने सभी मैच दुबई में खेले। यह तटस्थ स्थान का फैसला एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के समझौते का हिस्सा है, जो 2024-2027 के लिए भारत-पाक मैचों को तटस्थ स्थानों पर आयोजित करने का प्रावधान करता है।
भारत की भागीदारी पर संकट
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने एशिया कप 2025 की भागीदारी पर सवाल उठाए हैं। इंडिया टुडे और बिजनेस स्टैंडर्ड की 19 मई 2025 की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने ACC को सूचित किया था कि वह न तो टूर्नामेंट में भाग लेगा और न ही इसकी मेजबानी करेगा, जिसके कारण टूर्नामेंट के रद्द होने की आशंका थी। हालांकि, क्रिकबज और टाइम्स नाउ नवभारत की 29 जून 2025 की रिपोर्ट्स में कहा गया कि भारत और पाकिस्तान दोनों टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे। यह बदलाव ACC की तटस्थ स्थान की रणनीति और भारत-पाक क्रिकेट की व्यावसायिक महत्वाकांक्षा, विशेष रूप से सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के 170 मिलियन डॉलर के प्रसारण सौदे, के कारण हो सकता है। भारत की भागीदारी के बिना टूर्नामेंट की वित्तीय व्यवहार्यता कम हो सकती है।
टूर्नामेंट का प्रारूप और भारत-पाक मुकाबले का महत्व
एशिया कप 2025 में आठ टीमें दो समूहों में बंटी होंगी: समूह A (भारत, पाकिस्तान, UAE, हॉन्गकॉन्ग) और समूह B (अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, ओमान)। प्रत्येक समूह की शीर्ष दो टीमें सुपर फोर में पहुंचेंगी, जहां भारत और पाकिस्तान का दूसरा मुकाबला हो सकता है। यदि दोनों टीमें फाइनल में पहुंचती हैं, तो तीसरा मुकाबला संभव है। भारत-पाक मुकाबला हमेशा वैश्विक दर्शकों का ध्यान खींचता है, और 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में दुबई में भारत की छह विकेट की जीत ने इस प्रतिद्वंद्विता को और रोमांचक बना दिया है। भारत, जो 2023 में श्रीलंका को हराकर चैंपियन बना था, इस बार भी खिताब का प्रबल दावेदार है।
सामाजिक और कूटनीतिक प्रभाव
एशिया कप 2025 का आयोजन और भारत-पाक मुकाबला न केवल क्रिकेट के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्रीय कूटनीति और सामाजिक भावनाओं को भी प्रभावित करता है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुछ लोग पाकिस्तान के साथ क्रिकेट न खेलने की मांग कर रहे हैं, खासकर पहलगाम हमले के बाद। सोशल मीडिया पर प्रशंसक भारत-पाक मुकाबले को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन कुछ लोग इसे राजनीतिक तनाव का हिस्सा मानते हैं। UAE जैसे तटस्थ स्थान का चयन इस तनाव को कम करने और टूर्नामेंट की सफलता सुनिश्चित करने का प्रयास है। भारत की संभावित भागीदारी और तटस्थ स्थान क्रिकेट की व्यावसायिक और सांस्कृतिक अपील को बनाए रखने की दिशा में एक कदम है। भविष्य में, ACC को ऐसी कूटनीतिक चुनौतियों का सामना करना होगा ताकि क्षेत्रीय क्रिकेट की एकता बनी रहे।