आंबेडकर जयंती 2025: अखिलेश यादव बोले- देश को संविधान से चलना चाहिए, प्रतिमाएं खंडित करना साजिश का हिस्सा
लखनऊ, 14 अप्रैल 2025: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आंबेडकर जयंती के अवसर पर भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में बाबासाहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प दोहराया। अखिलेश ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि देश को संविधान के रास्ते पर चलना चाहिए और यह सुनिश्चित करना होगा कि सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों की रक्षा हो। साथ ही, उन्होंने बाबासाहेब की प्रतिमाओं को खंडित करने की घटनाओं को साजिश का हिस्सा करार दिया।
संविधान की रक्षा पर जोर
लखनऊ में सपा मुख्यालय में आयोजित समारोह में अखिलेश यादव ने कहा, “बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने हमें दुनिया का सबसे बेहतरीन संविधान दिया, जो हर नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और सम्मान का अधिकार देता है। यह संविधान हमारी ढाल है, हमारी ताकत है। देश को संविधान के रास्ते पर ही चलना चाहिए।” उन्होंने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ ताकतें संविधान की मूल भावना को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। “पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) समाज के अधिकारों को छीनने की साजिशें हो रही हैं। हमें एकजुट होकर इन साजिशों का मुकाबला करना होगा।”
अखिलेश ने बाबासाहेब के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल संविधान बनाया, बल्कि समाज के सबसे कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। “बाबासाहेब का सपना था कि समाज में कोई भेदभाव न हो, हर व्यक्ति को सम्मान और अवसर मिले। आज हमें उनके इस सपने को साकार करने के लिए और मजबूती से काम करना होगा।”
प्रतिमाएं खंडित करना साजिश का हिस्सा
अखिलेश ने हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमाओं को खंडित करने की घटनाओं पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने इसे एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया। “बाबासाहेब की प्रतिमाएं केवल मूर्तियां नहीं हैं, वे सामाजिक न्याय और समानता की प्रेरणा का प्रतीक हैं। इन प्रतिमाओं को खंडित करना सिर्फ पत्थर तोड़ना नहीं, बल्कि संविधान और सामाजिक एकता पर हमला है। कुछ लोग समाज को बांटना चाहते हैं, पीडीए समाज को कमजोर करना चाहते हैं। लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे।”
उन्होंने हाल ही में लखनऊ के महिंगवा के खंतारी गांव में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा को हटाने की कोशिश का जिक्र किया, जहां ग्रामीणों के विरोध के बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई थी। अखिलेश ने इस घटना का उल्लेख करते हुए कहा, “लखनऊ में बाबासाहेब की मूर्ति को हटाने का दुस्साहस प्रशासन ने किया, लेकिन इसके पीछे शासन का दबाव है। पीडीए समाज इसे अच्छी तरह समझ रहा है। यह केवल एक मूर्ति का सवाल नहीं है, यह हमारे स्वाभिमान और सम्मान का सवाल है।”

पीडीए की एकजुटता का आह्वान
अखिलेश ने अपने संबोधन में ‘पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक’ (पीडीए) की एकजुटता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “बाबासाहेब ने हमें संविधान के रूप में एक ऐसा हथियार दिया है, जो हमें उत्पीड़न और शोषण से बचाता है। पीडीए समाज को एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करनी होगी। हम संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी बाबासाहेब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने और सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे गांव-गांव जाकर बाबासाहेब के संदेश को फैलाएं। “हमें लोगों को बताना होगा कि बाबासाहेब ने शिक्षा, समानता और स्वाभिमान की जो लड़ाई लड़ी, वह आज भी उतनी ही प्रासंगिक है। हमारा लक्ष्य है कि हर व्यक्ति को सम्मान और अवसर मिले, जैसा कि बाबासाहेब ने सपना देखा था।”
संविधान पर खतरे का आरोप
अखिलेश ने भाजपा पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कुछ लोग संविधान को बदलने की बात करते हैं, आरक्षण को खत्म करने की साजिश रचते हैं। लेकिन हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि कोई कितना भी ताकतवर हो, बाबासाहेब का संविधान हम बदलने नहीं देंगे।” उन्होंने इटावा में हाल ही में डॉ. आंबेडकर की मूर्ति के अनावरण के दौरान दिए अपने बयान को दोहराया, “संविधान हमारी संजीवनी है, हमारी ढाल है। इसे बचाने के लिए पीडीए समाज को एकजुट होना होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि बाबासाहेब ने हर व्यक्ति को आत्मसम्मान और स्वाभिमान के साथ जीने का अधिकार दिया। “जो लोग बाबासाहेब का अपमान करते हैं, उनकी प्रतिमाओं को खंडित करते हैं, वे वास्तव में पीडीए समाज को हतोत्साहित करना चाहते हैं। लेकिन हम उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे।”
अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
आंबेडकर जयंती के अवसर पर सपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी बाबासाहेब को श्रद्धांजलि दी। पार्टी महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कहा, “बाबासाहेब का जीवन संघर्ष और साहस की मिसाल है। हमें उनके दिखाए रास्ते पर चलकर समाज में समानता लानी होगी।” विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि सपा हमेशा बाबासाहेब के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध रही है।
लखनऊ में आयोजन
लखनऊ में सपा मुख्यालय के अलावा, गोमती नगर, आलमबाग और अन्य क्षेत्रों में भी आंबेडकर जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यकर्ताओं ने शोभायात्राएं निकालीं और बाबासाहेब की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। सपा कार्यकर्ताओं ने स्कूलों और कॉलेजों में निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया, ताकि युवा पीढ़ी को बाबासाहेब के योगदान से परिचित कराया जा सके।
