पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव: अमेरिका ने जारी की यात्रा एडवाइजरी, दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली, 24 अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जो पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन माना जाता है। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इसकी निंदा की है। अमेरिका ने जम्मू-कश्मीर के लिए “यात्रा न करें” की एडवाइजरी जारी की है, और दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इस घटना ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को एक नए निचले स्तर पर पहुंचा दिया है।
पहलगाम हमले का विवरण
22 अप्रैल 2025 को, पहलगाम के बैसारन घाटी में, जो पर्यटकों के बीच अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, आतंकवादियों ने एक पर्यटक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। यह हमला उस समय हुआ जब पर्यटक बैसारन में पिकनिक मना रहे थे। हमले में नवविवाहित जोड़े, बच्चे और परिवार के लोग शामिल थे, जो वहां छुट्टियां मनाने आए थे। मरने वालों में एक नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और कोलकाता के बिटन अधिकारी भी शामिल थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हमले में शामिल आतंकवादियों की पहचान के लिए तीन आतंकवादियों के स्केच जारी किए हैं और प्रत्येक की जानकारी देने के लिए 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि हमले में पांच आतंकवादी शामिल थे, जिनमें से तीन पाकिस्तान से थे।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा को छोटा करके दिल्ली लौट आए और 23 अप्रैल को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल शामिल थे। बैठक के बाद, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े कदमों की घोषणा की:
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इंडस वाटर ट्रीटी का निलंबन: भारत ने 1960 के इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित कर दिया, जो भारत और पाकिस्तान के बीच नदियों के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करता है। यह कदम पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और कृषि पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि वह सिंधु नदी के पानी पर निर्भर है।
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अटारी-वाघा सीमा बंद: भारत ने अटारी-वाघा चेकपोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और लोगों की आवाजाही प्रभावित होगी।
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राजनयिक संबंधों में कटौती: भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित किया और उन्हें एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया। साथ ही, दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 करने का फैसला लिया गया, जो 1 मई 2025 तक लागू होगा।
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SAARC वीजा छूट योजना रद्द: पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना को रद्द कर दिया गया है, और भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
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आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई: भारत ने हमले के अपराधियों और उनके प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाने का संकल्प लिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने “जोरदार जवाब” देने की बात कही है
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि ये कदम “पहलगाम हमले में सीमा पार संबंधों” के कारण उठाए गए हैं।
अमेरिका की यात्रा एडवाइजरी
हमले के बाद, अमेरिका ने जम्मू-कश्मीर के लिए एक नई यात्रा एडवाइजरी जारी की, जिसमें अपने नागरिकों को इस क्षेत्र में यात्रा न करने की सलाह दी गई है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले और हिंसक नागरिक अशांति संभव है। इस क्षेत्र में हिंसा छिटपुट रूप से होती है और भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LOC) के साथ यह आम है।” एडवाइजरी में विशेष रूप से श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम जैसे पर्यटक स्थलों का उल्लेख किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमले की कड़ी निंदा की और भारत को अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन
24 अप्रैल को, दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर 500 से अधिक लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी, जिनमें बीजेपी और एंटी-टेरर एक्शन फोरम के सदस्य शामिल थे, ने पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए और आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी और ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान, एक विवादास्पद घटना भी सामने आई। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक व्यक्ति पाकिस्तान उच्चायोग में केक बॉक्स लेकर जाता दिखाई दिया। इसने लोगों में आक्रोश पैदा किया, क्योंकि कुछ लोगों ने इसे हमले का “उत्सव” मान लिया। हालांकि, इस घटना की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
पाकिस्तान का जवाब
पाकिस्तान ने हमले में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इसे “घरेलू हिंसा” करार दिया और कहा कि इसका पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत कोई कार्रवाई करता है, तो पाकिस्तान जवाब देगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 24 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई है ताकि भारत के कदमों का जवाब तैयार किया जा सके।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
पहलगाम हमले की निंदा करने वालों में पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी शामिल हैं। सुनक ने कहा, “यह बर्बर हमला नवविवाहितों, बच्चों और परिवारों की जिंदगी छीन ले गया। आतंक कभी नहीं जीतेगा।” एक पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन ने पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित करने की मांग की और पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की तुलना ओसामा बिन लादेन से की।
