• December 30, 2025

खेलों को अपने दैनिक जीवन में जरूर अपनाएं, तभी संपूर्ण विकास संभव: कुलपति कम्बोज

 खेलों को अपने दैनिक जीवन में जरूर अपनाएं, तभी संपूर्ण विकास संभव: कुलपति कम्बोज

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि इंसान में खेल भावना किस कदर होनी चाहिए, अगर ये जानना है तो हमारे लिए सबसे बड़ा उदाहरण है हॉकी के महान जादूगर मेजर ध्यानचंद। इस महान खिलाड़ी ने भारत देश को उस समय तीन बार ओलम्पिक खेलों में गोल्ड मेडल हॉकी में दिलाए, जब हमारे पास न तो अच्छे ग्रांउड थे और न ही अच्छी सुविधाएं। कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज बुधवार को विश्वविद्यालय में छात्र कल्याण निदेशालय और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के संयुक्त तत्वावधान में मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस पर राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने उपस्थित खिलाडिय़ों, विद्यार्थियों व शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए मेजर ध्यानचंद के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि हमें शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने और आध्यात्मिक ज्ञान को अपनाने की जरूरत है और ये सभी गुण खेलों को अपनाने से ही संभव है। क्योंकि स्वस्थ व निरोगी बने रहने में खेलों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने का उद्देश्य भी खेल हस्तियों को सम्मानित करने के साथ लोगों को खेल गतिविधियों को दैनिक जीवन में शामिल करने के लिए प्रेरित करना है ताकि वे स्वस्थ व निरोगी रह सकें। इस तरह के आयोजन न केवल खिलाडिय़ो को प्रोत्साहित करते हैं बल्कि आमजन का ध्यान खेलों की तरफ आकर्षित करते हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे खेलों को अपने दैनिक जीवन में जरूर अपनाए। साथ ही अपने अंदर देश-प्रेम, एकाग्रता व टीम-वर्क जैसे गुणों को भी धारण करें तभी उनका संपूर्ण विकास संभव है। कार्यक्रम में मुख्यातिथि ने मेजर ध्यानचंद के उम्दा खेल प्रदर्शन को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *