• December 25, 2025

लखनऊ में आज स्वर्णिम अध्याय: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे भव्य ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ का लोकार्पण, अटल-दीनदयाल-श्यामा प्रसाद की 65 फीट ऊंची प्रतिमाएं बढ़ाएंगी शहर की शोभा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए आज का दिन ऐतिहासिक होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बसंतकुंज योजना में नवनिर्मित ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ का भव्य लोकार्पण करेंगे। यह परियोजना न केवल लखनऊ की सुंदरता में चार चांद लगाएगी, बल्कि देश की तीन महान विभूतियों—पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय के विचारों और उनके जीवन संघर्षों को भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम बनेगी। वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के साथ शुरू हुआ यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट अब पूरी तरह तैयार है और आज प्रधानमंत्री इसके द्वार जनता के लिए खोलेंगे।

लोकार्पण समारोह की तैयारियां लखनऊ में उत्सव के रूप में पूरी की गई हैं। कार्यक्रम के महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह स्वयं आयोजन स्थल पर मौजूद रहकर प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे। करीब दो बजे प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर कार्यक्रम स्थल पर उतरेगा, जिसके बाद वह उत्तर प्रदेश की धरती से राष्ट्रवाद और अंत्योदय का संदेश देंगे। इस समारोह में न केवल लखनऊ बल्कि आसपास के जनपदों से भी बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने करीब डेढ़ लाख से अधिक लोगों के बैठने और सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की है।

सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता का संगम: राष्ट्र प्रेरणा स्थल

राष्ट्र प्रेरणा स्थल करीब 65 एकड़ के विशाल भूभाग में फैला हुआ है। इसे बनाने में लगभग 232 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस स्थल की सबसे बड़ी विशेषता यहां स्थापित की गई तीन महान विभूतियों की विशालकाय प्रतिमाएं हैं। ये प्रतिमाएं 65-65 फीट ऊंची हैं और कांसे से निर्मित हैं। इन प्रतिमाओं का निर्माण देश के सबसे कुशल शिल्पकारों द्वारा किया गया है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा का निर्माण विश्व प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने किया है, जिन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को आकार दिया था। वहीं, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाओं को प्रसिद्ध मूर्तिकार माटू राम ने बनाया है। इन तीन प्रतिमाओं के निर्माण पर ही शासन ने 21 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो अपनी भव्यता से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देंगी।

म्यूजियम में जीवंत होगा राष्ट्रनायकों का इतिहास

प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले इन तीन विभूतियों की प्रतिमाओं का अनावरण करेंगे। श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद वह वहां बने अत्याधुनिक म्यूजियम का लोकार्पण करेंगे। यह म्यूजियम आधुनिक तकनीक और ऐतिहासिक संस्मरणों का एक अनूठा मेल है। म्यूजियम के भीतर तीन अलग-अलग गैलरी बनाई गई हैं जो क्रमशः श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित हैं। पहली गैलरी में डिजिटल सिस्टम के माध्यम से आगंतुकों को इन राष्ट्रनायकों के जीवन परिचय से रूबरू कराया जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री भारत माता, जनसंघ के प्रतीक चिन्ह ‘दीपक’ और सुदर्शन चक्र गैलरी का अवलोकन करेंगे। म्यूजियम की ऊपरी मंजिल पर इन महापुरुषों से जुड़ी व्यक्तिगत वस्तुओं और दुर्लभ तस्वीरों को सहेजा गया है, जो इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र होंगी।

लोकार्पण के लिए दुल्हन की तरह सजी नवाबों की नगरी

इस बड़े आयोजन के लिए केवल राष्ट्र प्रेरणा स्थल ही नहीं, बल्कि समूचे लखनऊ शहर को भव्य रूप से सजाया गया है। आयोजन स्थल को हरा-भरा और आकर्षक बनाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से विशेष फूलों वाले पौधे मंगाए गए हैं। शहर के मुख्य चौराहों, मार्गों और डिवाइडरों की सफाई कर उन्हें नए रंगों से रंगा गया है। स्ट्रीट लाइट के पोल पर रंगीन झालरें लगाई गई हैं और दीवारों पर सुंदर चित्रकारी की गई है जो उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है। शाम के समय पूरा शहर दूधिया रोशनी में नहाया हुआ नजर आएगा।

सुरक्षा का अभेद्य किला और प्रशासनिक मुस्तैदी

इतने बड़े आयोजन और प्रधानमंत्री की उपस्थिति को देखते हुए लखनऊ पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा के अभेद्य इंतजाम किए हैं। जेसीपी एलओ बबलू कुमार के अनुसार, सुरक्षा व्यवस्था में 18 पुलिस उपायुक्तों से लेकर हजारों सिपाहियों की फौज तैनात की गई है। जमीनी सुरक्षा के साथ-साथ आसमान से भी नजर रखी जा रही है। एनएसजी की दो टीमें, एटीएस की एक टीम और एंटी-ड्रोन सिस्टम के साथ-साथ बम निरोधक दस्ता और एंटी-माइन टीमें भी तैनात की गई हैं। कार्यक्रम स्थल पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की गहन जांच की जाएगी और चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। आपातकालीन स्थितियों के लिए क्विक रिस्पांस टीमें और पुलिस की रिजर्व टीमें भी अलर्ट मोड पर हैं।

ट्रैफिक डायवर्जन: आम जनता के लिए विशेष निर्देश

भारी भीड़ और सुरक्षा कारणों से लखनऊ के यातायात में व्यापक बदलाव किए गए हैं। 24 दिसंबर की रात 12 बजे से ही कई मार्गों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जो कार्यक्रम के समापन तक जारी रहेगा। मलीहाबाद, दुबग्गा, सीतापुर रोड और मोहान रोड जैसे प्रमुख क्षेत्रों से आने वाले वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग निर्धारित किए गए हैं। भारी वाहनों को शहर के भीतर आने से रोकने के लिए आउटर रिंग रोड और किसान पथ का उपयोग करने की सलाह दी गई है। हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि एंबुलेंस, फायर सर्विस और स्कूली वाहनों जैसे आपातकालीन वाहनों को प्राथमिकता के आधार पर रास्ता दिया जाएगा। यातायात संबंधी किसी भी समस्या के लिए ट्रैफिक कंट्रोल नंबर भी जारी किया गया है।

परिवहन व्यवस्था और पार्किंग के इंतजाम

आयोजन में शामिल होने वाले लोगों की सुविधा के लिए आसपास के जिलों से लगभग 2000 बसों के संचालन की व्यवस्था की गई है। इतनी बड़ी संख्या में वाहनों के प्रबंधन के लिए प्रशासन ने कुल 13 पार्किंग स्थल तैयार किए हैं। इन पार्किंग क्षेत्रों में एक साथ 2600 बसें और 2000 कारें खड़ी करने की क्षमता है। पार्किंग स्थलों पर अव्यवस्था न हो, इसके लिए विशेष रूप से राजस्व और पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस प्रेरणा स्थल का लोकार्पण लखनऊ के पर्यटन मानचित्र पर एक नया अध्याय जोड़ेगा। यह स्थल न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शोधार्थियों और छात्रों के लिए भी एक ज्ञान केंद्र के रूप में उभरेगा जहाँ वे स्वतंत्र भारत के निर्माण में इन तीन महापुरुषों के योगदान को करीब से देख और समझ सकेंगे।

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