घुसपैठ और राष्ट्रवाद पर आर-पार: पीएम मोदी ने कांग्रेस को बताया ‘राष्ट्रविरोधी’, खरगे का पलटवार- ‘सुरक्षा में फेल डबल इंजन सरकार, दोष विपक्ष पर क्यों?’
नई दिल्ली/गुवाहाटी: भारत की राजनीति में घुसपैठ और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर एक बार फिर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तलवारें खिंच गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा असम दौरे के दौरान कांग्रेस पर ‘घुसपैठियों को बसाने’ और ‘राष्ट्रविरोधी गतिविधियों’ में शामिल होने के आरोपों के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इन आरोपों पर कड़ा पलटवार करते हुए कहा है कि यदि देश की सीमाओं पर घुसपैठ हो रही है, तो यह केंद्र और राज्य की ‘डबल इंजन’ सरकार की सुरक्षा विफलता है, न कि विपक्ष की जिम्मेदारी। खरगे ने प्रधानमंत्री के बयानों की निंदा करते हुए इसे सरकार की अपनी नाकामियों को छिपाने का एक प्रयास करार दिया है।
पीएम मोदी का हमला: कांग्रेस पर ‘वोट बैंक’ और ‘घुसपैठ’ के आरोप
रविवार को असम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त है और असम की जनसांख्यिकी को बदलने की कोशिश कर रही है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को असम में बसाने में मदद कर रही है ताकि वह अपना वोट बैंक सुरक्षित कर सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी पार्टी का असमिया लोगों की पहचान, संस्कृति और गौरव से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने मतदाता सूची में संशोधन (Voter List Revision) का विरोध करने के लिए भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। मोदी के अनुसार, भाजपा सरकार हमेशा असमिया लोगों की भूमि और अस्तित्व की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है और आगे भी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस केवल सत्ता हथियाने के लिए राष्ट्रहित से समझौता कर रही है, जबकि भाजपा असम को अहोम साम्राज्य जैसी ऐतिहासिक शक्ति और गौरव दिलाना चाहती है।
मल्लिकार्जुन खरगे का पलटवार: ‘विपक्ष नहीं, सरकार है जिम्मेदार’
प्रधानमंत्री के आरोपों के कुछ ही घंटों बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए करारा जवाब दिया। खरगे ने सवाल उठाया कि जब केंद्र में भाजपा की सरकार है और असम में भी भाजपा की ही सरकार है, जिसे प्रधानमंत्री खुद ‘डबल इंजन’ सरकार कहते हैं, तो फिर घुसपैठ कैसे हो रही है? खरगे ने कहा, “सीमाओं की सुरक्षा करना और घुसपैठियों को रोकना केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय का काम है। अगर वे अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहते हैं, तो सारा दोष विपक्ष पर मढ़ देना हास्यास्पद और गलत है।”
खरगे ने प्रधानमंत्री के ‘राष्ट्रविरोधी’ वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि असल में वे (भाजपा) राष्ट्रविरोधी हैं क्योंकि वे देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस कभी भी आतंकवादियों या अवैध घुसपैठियों का समर्थन नहीं करती है। खरगे के मुताबिक, पीएम मोदी केवल दोषारोपण की राजनीति कर रहे हैं ताकि जनता का ध्यान वास्तविक विफलताओं से भटकाया जा सके।
विकास और औद्योगिक गौरव पर भी छिड़ी जंग
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में असम के विकास और औद्योगीकरण का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार युवाओं को नए सपने देखने के लिए सशक्त बना रही है। मोदी ने नामरूप यूरिया संयंत्र (Namrup Urea Plant) का उदाहरण देते हुए कहा कि यह संयंत्र असम में औद्योगिक विकास का नया प्रतीक बनेगा, जिससे स्थानीय किसानों को खाद मिलेगी और हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने इस संयंत्र को आधुनिक बनाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया और किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया। वहीं, खरगे ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विकास के बड़े-बड़े दावे केवल कागजी हैं और सरकार बुनियादी मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय केवल विभाजनकारी मुद्दों को हवा दे रही है।
बांग्लादेश में दीपू दास की हत्या और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा
राजनीतिक बयानबाजी के बीच मल्लिकार्जुन खरगे ने बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा की गई नृशंस हत्या पर भी अपनी गहरी चिंता व्यक्त की। खरगे ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि पड़ोसी देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाए और बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाए कि वहां रह रहे हिंदुओं की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। खरगे ने कहा कि कांग्रेस हमेशा अल्पसंख्यकों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के पक्ष में रही है, चाहे वह देश के भीतर हो या बाहर।
निष्कर्ष: चुनावी मोड में राष्ट्रवाद और पहचान की राजनीति
प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष के बीच का यह ताजा टकराव यह स्पष्ट करता है कि आगामी समय में ‘घुसपैठ’ और ‘असमिया पहचान’ का मुद्दा देश की राजनीति के केंद्र में रहने वाला है। जहां भाजपा इसे राष्ट्रवाद और क्षेत्रीय अस्मिता से जोड़कर कांग्रेस को घेर रही है, वहीं कांग्रेस इसे ‘डबल इंजन सरकार’ की प्रशासनिक विफलता और सुरक्षा चूक के रूप में पेश कर रही है। जैसे-जैसे राजनीतिक घटनाक्रम आगे बढ़ रहा है, दोनों दलों के बीच का यह वाकयुद्ध और अधिक तीखा होने की संभावना है।