• December 25, 2025

राज्यसभा में जेपी नड्डा का विपक्ष पर तीखा हमला: ईवीएम, चुनाव आयोग और SIR को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप

नई दिल्ली। राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को विपक्ष, खासतौर पर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। चुनाव सुधार, ईवीएम की विश्वसनीयता, चुनाव आयोग की भूमिका और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) जैसे मुद्दों पर चर्चा करते हुए नड्डा ने विपक्ष पर देश को गुमराह करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, मानो देश में चुनाव प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही हो, जबकि सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है।

जेपी नड्डा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ईवीएम और चुनाव आयोग को लेकर फैलाए जा रहे संदेह लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश हैं। उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब चुनाव के नतीजे उनके पक्ष में आते हैं, तब ईवीएम पर भरोसा होता है, लेकिन जब परिणाम मनमाफिक नहीं होते, तो उसी प्रक्रिया पर सवाल उठाए जाने लगते हैं।

“देश को गुमराह कर रहा है विपक्ष” – नड्डा

राज्यसभा में बोलते हुए जेपी नड्डा ने कहा,
“पिछले चार महीनों में एक ऐसा नैरेटिव गढ़ने की कोशिश की गई है, जैसे देश में चुनाव निष्पक्ष नहीं हो रहे हों, मानो वोट चोरी हो रही हो और ईवीएम में गड़बड़ी की जा रही हो। यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक प्रवृत्ति है।”

उन्होंने कहा कि विपक्ष लगातार चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा है, जबकि यह संवैधानिक संस्था दशकों से स्वतंत्र और पारदर्शी तरीके से काम करती आ रही है। नड्डा के अनुसार, ऐसे आरोप न केवल संस्थाओं को कमजोर करते हैं, बल्कि आम मतदाताओं के मन में भी भ्रम और अविश्वास पैदा करते हैं।

SIR प्रक्रिया कोई नई बात नहीं

जेपी नड्डा ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर भी विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष यह पूछ रहा है कि SIR की जरूरत क्यों है, जबकि यह प्रक्रिया कोई नई नहीं है।

नड्डा ने सदन में बताया,
“SIR की प्रक्रिया लोकसभा चुनावों में 1952 से चली आ रही है। यह कोई नई या अचानक लाई गई व्यवस्था नहीं है। संविधान ने चुनाव आयोग को यह अधिकार दिया है कि वह समय-समय पर मतदाता सूची का पुनरीक्षण और सत्यापन करे, ताकि लोकतंत्र मजबूत बना रहे।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि SIR का उद्देश्य किसी का अधिकार छीनना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में हो और कोई भी अयोग्य व्यक्ति उसमें शामिल न रहे।

“चुनाव आयोग की जिम्मेदारी सबसे बड़ी”

जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में चुनाव आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारियों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का मूल कर्तव्य है कि हर योग्य नागरिक को मतदान का अधिकार मिले और चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी रहे।

उन्होंने कहा,
“चुनाव आयोग को यह संतुलन बनाना होता है कि कोई भी योग्य नागरिक वोट देने से वंचित न हो और साथ ही कोई भी अयोग्य व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न रहे। इसी संतुलन को बनाए रखने के लिए SIR जैसी प्रक्रियाएं जरूरी हैं।”

नड्डा ने यह भी कहा कि लंबे समय से मतदाता सूची में व्यापक स्तर पर पुनरीक्षण नहीं हुआ है। उनके अनुसार, वर्ष 2010 के बाद से बड़े पैमाने पर नाम हटाने या गहन जांच की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई, इसलिए अब इसकी जरूरत और भी बढ़ गई है।

कांग्रेस पर सीधा हमला

जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर सीधा हमला करते हुए कहा कि जिस पार्टी ने दशकों तक देश पर शासन किया, वही आज लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सवाल खड़े कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि लंबे समय तक चुनाव आयोग का काम एक ही परिवार द्वारा नियंत्रित पार्टी के दौर में हुआ, लेकिन उस समय कभी ईवीएम या आयोग की निष्पक्षता पर सवाल नहीं उठाए गए।

उन्होंने कहा,
“जब एक परिवार द्वारा नियंत्रित पार्टी सत्ता में थी, तब चुनाव आयोग पर कोई सवाल नहीं था। लेकिन आज जब लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार सत्ता में है, तो वही लोग संस्थाओं पर अविश्वास फैला रहे हैं।”

नड्डा ने इसे दोहरे मापदंड करार देते हुए कहा कि विपक्ष की यह राजनीति केवल सत्ता हासिल करने की हताशा को दर्शाती है।

“मोदी सरकार चर्चा से नहीं डरती”

जेपी नड्डा ने यह भी स्पष्ट किया कि मोदी सरकार संसद में किसी भी मुद्दे पर चर्चा से पीछे नहीं हटती। उन्होंने कहा कि सरकार लोकतंत्र और संसदीय परंपराओं में पूरा विश्वास रखती है।

उन्होंने सदन में कहा,
“यह सरकार चर्चा से भागने वाली नहीं है। लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली सरकार हर विषय पर खुले मन से चर्चा के लिए तैयार रहती है। चुनाव सुधार हों या संस्थागत प्रक्रियाएं, हर मुद्दे पर संसद में संवाद होना चाहिए।”

नड्डा ने विपक्ष को भी सलाह दी कि वह लोकतांत्रिक संवाद के रास्ते पर चले, न कि संस्थाओं को बदनाम करने की राजनीति करे।

ईवीएम पर फिर भरोसा जताया

ईवीएम को लेकर बार-बार उठ रहे सवालों पर जेपी नड्डा ने कहा कि देश में चुनाव प्रक्रिया लगातार तकनीकी रूप से मजबूत और सुरक्षित बनाई गई है। उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर सर्वोच्च न्यायालय से लेकर कई विशेषज्ञ समितियों ने इसकी विश्वसनीयता पर भरोसा जताया है।

नड्डा ने कहा,
“ईवीएम एक पारदर्शी और सुरक्षित प्रणाली है। अगर इसमें कोई गड़बड़ी होती, तो अब तक देश में हुए सैकड़ों चुनावों में यह सामने आ चुका होता। लेकिन विपक्ष हर हार के बाद उसी पुराने आरोप को दोहराता है।”

“संविधान के तहत काम कर रहा है चुनाव आयोग”

जेपी नड्डा ने अपने भाषण में यह भी कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह से संविधान के दायरे में रहकर काम करता है। आयोग के पास मतदाता सूची के पुनरीक्षण, सत्यापन और सुधार का पूरा अधिकार है।

उन्होंने भरोसा दिलाया कि
“चुनाव आयोग पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करेगा। किसी भी नागरिक के अधिकारों से समझौता नहीं किया जाएगा।”

विपक्ष के आरोपों को बताया राजनीतिक स्टंट

जेपी नड्डा ने विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को “राजनीतिक स्टंट” करार दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और ईवीएम पर सवाल उठाकर विपक्ष जनता के बीच भ्रम फैलाना चाहता है।

उनका कहना था कि लोकतंत्र में हार-जीत स्वाभाविक है, लेकिन हार को स्वीकार करने के बजाय संस्थाओं को कटघरे में खड़ा करना लोकतांत्रिक संस्कृति के खिलाफ है।

राज्यसभा में जेपी नड्डा का यह भाषण साफ तौर पर सरकार के रुख को दर्शाता है। उन्होंने एक ओर जहां चुनाव आयोग, ईवीएम और SIR जैसी प्रक्रियाओं का मजबूती से बचाव किया, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और विपक्ष पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करने का आरोप लगाया।

नड्डा ने यह संदेश देने की कोशिश की कि मोदी सरकार न केवल चुनाव सुधारों के पक्ष में है, बल्कि हर संवैधानिक संस्था की स्वतंत्रता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं विपक्ष से उन्होंने अपील की कि वह लोकतंत्र को कमजोर करने के बजाय रचनात्मक आलोचना और संवाद का रास्ता अपनाए।

इस पूरे बयान के बाद यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में चुनाव प्रक्रिया और सुधारों को लेकर राजनीतिक बहस और तेज हो सकती है, लेकिन सरकार अपने फैसलों और संवैधानिक प्रक्रियाओं पर पूरी तरह से अडिग नजर आ रही है।

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