उत्तर गोवा अर्पोरा नाइटक्लब अग्निकांड: मुख्य आरोपी गौरव और सौरभ लुथरा दिल्ली लाए गए, गोवा पुलिस की हिरासत में
नई दिल्ली/गोवा:
उत्तर गोवा के अर्पोरा इलाके में हुए भीषण नाइटक्लब अग्निकांड मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी गौरव लुथरा और सौरभ लुथरा को मंगलवार दोपहर दिल्ली लाया गया। दिल्ली पहुंचते ही दोनों को गोवा पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया। अब दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ की जाएगी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली की पाटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोर्ट से आगे की कानूनी प्रक्रिया और ट्रांजिट रिमांड को लेकर फैसला होने की संभावना है।
यह कार्रवाई उस दर्दनाक हादसे के करीब 10 दिन बाद हुई है, जिसमें उत्तर गोवा के एक नाइटक्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे ने न केवल गोवा, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। ऐसे में लुथरा बंधुओं का भारत लाया जाना पीड़ित परिवारों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
एयरपोर्ट पर उतरते ही हिरासत में लिए गए लुथरा बंधु
मंगलवार दोपहर जैसे ही गौरव और सौरभ लुथरा दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे, वहां पहले से मौजूद गोवा पुलिस की टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई थी और मीडिया की मौजूदगी के बीच दोनों आरोपियों को सीधे पुलिस कस्टडी में ले जाया गया।
गोवा पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में जरूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों आरोपियों को देर रात या बुधवार तड़के गोवा ले जाया जा सकता है। गोवा पहुंचने पर उन्हें पहले अंजुना पुलिस स्टेशन ले जाया जाएगा, जहां उनसे हादसे से जुड़े तमाम पहलुओं पर पूछताछ की जाएगी। इसके बाद उन्हें मापुसा अदालत में पेश किए जाने की संभावना है।
किन आरोपों में फंसे हैं लुथरा बंधु?
गौरव और सौरभ लुथरा के खिलाफ गोवा पुलिस ने गैर-इरादतन हत्या (culpable homicide not amounting to murder) और गंभीर लापरवाही से जुड़े धाराओं में मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसियों का आरोप है कि जिस नाइटक्लब में आग लगी, वह जरूरी फायर सेफ्टी नियमों का पालन किए बिना चलाया जा रहा था।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि:
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नाइटक्लब में पर्याप्त फायर एक्सिट नहीं थे
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अग्निशमन उपकरण या तो मौजूद नहीं थे या काम करने की स्थिति में नहीं थे
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क्षमता से अधिक लोगों को क्लब के अंदर जाने दिया गया
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आपात स्थिति में बाहर निकलने की व्यवस्था बेहद कमजोर थी
इन सभी कारणों ने मिलकर आग लगने की स्थिति में हालात को और भयावह बना दिया, जिसके चलते 25 लोगों की जान चली गई।
25 मौतों ने झकझोरा देश, सवालों के घेरे में नाइटक्लब संस्कृति
अर्पोरा नाइटक्लब अग्निकांड गोवा के इतिहास के सबसे भयावह हादसों में से एक माना जा रहा है। छुट्टियों और पार्टी कल्चर के लिए मशहूर गोवा में इस तरह की घटना ने नाइटलाइफ और क्लबों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आग लगते ही क्लब के अंदर अफरा-तफरी मच गई थी। धुएं और अंधेरे के कारण कई लोग बाहर निकलने का रास्ता नहीं खोज पाए। कुछ लोगों ने दम घुटने से, तो कुछ ने जलने से अपनी जान गंवाई।
इस हादसे के बाद देशभर में नाइटक्लब, पब और बड़े आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बहस तेज हो गई है।
कैसे थाईलैंड भागे लुथरा बंधु?
हादसे के तुरंत बाद गौरव और सौरभ लुथरा के देश छोड़कर फरार होने की खबर सामने आई थी। जांच में पता चला कि दोनों आरोपी थाईलैंड भाग गए थे। इसके बाद गोवा पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने उन्हें पकड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई शुरू की।
भारत और थाईलैंड के बीच 2013 में प्रत्यर्पण संधि हुई थी, जो 2015 से लागू है। इसी संधि के तहत लुथरा बंधुओं को भारत वापस लाना संभव हो पाया।
गिरफ्तारी और डिपोर्टेशन की प्रक्रिया
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11 दिसंबर को थाईलैंड के फुकेट में दोनों को हिरासत में लिया गया
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भारतीय दूतावास ने थाई अधिकारियों के साथ समन्वय किया
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भारत सरकार ने दोनों के पासपोर्ट रद्द कर दिए
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आरोपों और साक्ष्यों से जुड़ा एक विस्तृत डोजियर थाईलैंड सरकार को सौंपा गया
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इसके बाद डिपोर्टेशन की प्रक्रिया पूरी कर दोनों को भारत भेजा गया
इस पूरी प्रक्रिया में केंद्रीय एजेंसियों और विदेश मंत्रालय की अहम भूमिका रही।
इंटरपोल नोटिस और अन्य गिरफ्तारियां
लुथरा बंधुओं के खिलाफ इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था, ताकि उनकी लोकेशन का पता लगाया जा सके और उन्हें भारत लाने की प्रक्रिया तेज की जा सके।
इस मामले में गोवा पुलिस अब तक:
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नाइटक्लब के 5 मैनेजर और कर्मचारियों को गिरफ्तार कर चुकी है
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क्लब के लाइसेंस, फायर एनओसी और अन्य दस्तावेजों की जांच कर रही है
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स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है
पुलिस सूत्रों का कहना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
इस बीच, सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाइटक्लब अग्निकांड से जुड़े एक सिविल केस को जनहित याचिका (PIL) में तब्दील कर दिया। कोर्ट ने इस मामले पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि—
“इस तरह के हादसे में किसी न किसी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सिस्टम की गंभीर विफलता भी हो सकती है।”
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और संबंधित विभागों से जवाब मांगा है और संकेत दिए हैं कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं।
पीड़ित परिवारों की उम्मीद और न्याय की मांग
लुथरा बंधुओं के भारत लाए जाने की खबर से पीड़ित परिवारों में न्याय की उम्मीद जगी है। कई परिवारों ने कहा है कि वे चाहते हैं कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले, ताकि भविष्य में कोई भी व्यवसायी सुरक्षा नियमों से समझौता करने की हिम्मत न करे।
परिवारों का कहना है कि यह हादसा केवल एक क्लब की लापरवाही नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की कमजोरी को उजागर करता है।
आगे क्या?
अब सबकी निगाहें गोवा पुलिस की जांच और अदालत की कार्रवाई पर टिकी हैं। आने वाले दिनों में:
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लुथरा बंधुओं से विस्तृत पूछताछ
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नाइटक्लब के मालिकाना ढांचे और फंडिंग की जांच
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स्थानीय प्रशासन की भूमिका की समीक्षा
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फायर सेफ्टी नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई
जैसे कई अहम पहलुओं पर निर्णय हो सकते हैं।
निष्कर्ष
उत्तर गोवा अर्पोरा नाइटक्लब अग्निकांड न केवल 25 जिंदगियों की त्रासदी है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि मनोरंजन और मुनाफे की दौड़ में सुरक्षा से समझौता कितना घातक हो सकता है। गौरव और सौरभ लुथरा की गिरफ्तारी और भारत वापसी से जांच को नई दिशा मिली है। अब यह देखना अहम होगा कि कानून इस मामले में कितनी सख्ती से आगे बढ़ता है और क्या पीड़ितों को समय पर न्याय मिल पाता है।