सोना-चांदी फिर लुढ़के: निवेशकों की टेंशन बढ़ी, खरीदारों के लिए सुनहरा मौका!
नई दिल्ली, 8 नवंबर: भारत में कीमती धातुओं का बाजार इन दिनों सुस्ती के दौर से गुजर रहा है। सोना और चांदी, दोनों की कीमतों में लगातार गिरावट से निवेशकों में बेचैनी और ग्राहकों में उलझन देखने को मिल रही है। दो हफ्तों के भीतर सोने में 10,000 रुपये से अधिक और चांदी में करीब 21,000 रुपये प्रति किलो तक की गिरावट दर्ज की गई है। शादी-ब्याह के मौसम से पहले आई यह मंदी एक ओर ग्राहकों के लिए राहतभरी खबर मानी जा रही है, तो दूसरी ओर निवेशकों के पोर्टफोलियो पर दबाव डाल रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी को इस गिरावट की अहम वजह बताया जा रहा है।
सोने के बाजार में गिरावट का दौर जारी
इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 17 अक्टूबर को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 1,30,874 रुपये थी, जो अब घटकर 1,20,100 रुपये रह गई है। यानी इस अवधि में सोना 10,774 रुपये तक सस्ता हुआ। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर भी यही रुझान देखने को मिला, जहां दिसंबर एक्सपायरी वाला सोना 1,27,008 रुपये प्रति 10 ग्राम से गिरकर 1,21,038 रुपये पर आ गया। वायदा बाजार में यह गिरावट करीब 5,970 रुपये की रही। विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में वृद्धि और डॉलर इंडेक्स की मजबूती ने निवेशकों को सोने से दूरी बनाने पर मजबूर किया है।
चांदी में भारी गिरावट, निवेशकों की चिंता गहराई
सोने की तरह चांदी के भावों में भी गिरावट का सिलसिला जारी है। आईबीजेए के मुताबिक, 17 अक्टूबर को 1 किलो चांदी का रेट 1,69,230 रुपये था, जो अब घटकर 1,48,275 रुपये रह गया है। यानी केवल 14 कारोबारी दिनों में चांदी 20,955 रुपये प्रति किलो सस्ती हो गई। एमसीएक्स पर भी दिसंबर वायदा में लगातार कमजोरी दर्ज की जा रही है — दो हफ्ते पहले इसका भाव 1,56,604 रुपये प्रति किलो था, जो अब 1,47,789 रुपये पर आ गया है। अगर इसके उच्चतम स्तर 1,70,415 रुपये से तुलना करें तो यह करीब 22,600 रुपये की गिरावट है। विशेषज्ञों का कहना है कि उद्योगिक मांग में कमी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के चलते चांदी पर दबाव बना हुआ है।
ग्राहकों के लिए मौका, निवेशकों के लिए चुनौती
जहां गिरती कीमतें निवेशकों के लिए चिंता का विषय हैं, वहीं उपभोक्ताओं के लिए यह सुनहरा अवसर साबित हो सकता है। शादी-ब्याह के सीजन से पहले सोना और चांदी के सस्ते होने से बाजार में मांग बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि खरीदारी से पहले IBJA द्वारा जारी मानक दरें अवश्य जांचें। ज्वेलरी की दुकान पर 3% जीएसटी और मेकिंग चार्ज जोड़ने से वास्तविक कीमत कुछ अधिक होती है। इसके अलावा, सोना खरीदते समय हॉलमार्किंग की जांच जरूरी है ताकि शुद्धता पर कोई सवाल न उठे। कुल मिलाकर, यह दौर आम खरीदारों के लिए राहत का है, लेकिन निवेशकों के लिए धैर्य की परीक्षा साबित हो रहा है।