• November 14, 2025

दो साल की मेहनत, एक सुनहरा सपना — कैसे बनी टीम इंडिया महिला वर्ल्ड चैंपियन?

नई दिल्ली, 7 नवंबर: टीम इंडिया की महिला क्रिकेट टीम ने हाल ही में ऐसा इतिहास रचा जिसने पूरे देश को गर्व से भर दिया। वर्ल्ड कप जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात ने इस जीत को और भी भावनात्मक बना दिया। यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि उन दो वर्षों की मेहनत, जज़्बे और सपनों का जश्न थी। टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर और कोच अमोल मजूमदार के शब्दों ने देशभर के खेलप्रेमियों की आंखें नम कर दीं। आखिर कैसे तैयार हुई यह विजेता टीम, और प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा इन बेटियों से — जानते हैं पूरी कहानी।

दो साल की मेहनत और समर्पण की कहानी

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जीत किसी संयोग का परिणाम नहीं थी, बल्कि यह लगातार दो सालों की अथक मेहनत, रणनीति और विश्वास की मिसाल थी। टीम के मुख्य कोच अमोल मजूमदार ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान कहा, “सर, हम दो साल से लगे हुए थे… और आखिरकार ये दिन आ ही गया।” उनकी आवाज़ में गर्व और भावनाओं का संगम था। खिलाड़ियों ने हर अभ्यास सत्र में खुद को बेहतर करने की ठानी, हार से सीखा और कभी पीछे नहीं हटीं। कोच ने बताया कि हर खिलाड़ी ने मैदान पर ही नहीं, मानसिक रूप से भी खुद को मज़बूत किया। यह जीत केवल रन या विकेट की नहीं थी, बल्कि उस एकता और भरोसे की थी जिसने इस टीम को चैंपियन बनाया।

हरमनप्रीत कौर की यादें और पीएम मोदी का जवाब

टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मुलाकात में 2017 की अधूरी कहानी को याद किया। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “2017 में जब हम आपसे मिले थे, तब ट्रॉफी नहीं ला पाए थे। लेकिन इस बार हम वही सपना लेकर आए हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भावुक होकर जवाब दिया, “यह जीत सिर्फ आपकी नहीं, पूरे भारत की है।”
इस संवाद के दौरान पूरे माहौल में गर्व और प्रेरणा का भाव था। हरमनप्रीत की बातों ने यह साफ कर दिया कि यह जीत सात साल पुराने सपने का पूरा होना है। पीएम मोदी ने कहा कि यह टीम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है — जिन्होंने दिखाया कि अगर इरादे मज़बूत हों, तो कोई सपना अधूरा नहीं रहता।

पीएम मोदी का प्रेरणादायक संबोधन और नई दिशा

प्रधानमंत्री मोदी ने महिला खिलाड़ियों के जज़्बे की सराहना करते हुए कहा, “आपने कमाल कर दिया है। क्रिकेट अब सिर्फ एक खेल नहीं, भारत की धड़कन बन गया है।”
उन्होंने दीप्ति शर्मा, अमनजोत कौर, क्रांति गौड़ और जेमिमा रोड्रिग्स जैसी खिलाड़ियों के प्रदर्शन की विशेष प्रशंसा की, जिन्होंने टीम को नई दिशा दी।
पीएम ने कहा कि यह जीत उस सोच की जीत है जो हार के बाद भी हार नहीं मानती।
उन्होंने आगे कहा कि जैसे 1983 में कपिल देव की टीम ने देश को प्रेरित किया था, वैसे ही ये बेटियां अब नई पीढ़ी के लिए आत्मविश्वास की मिसाल बनेंगी।
यह सिर्फ एक ट्रॉफी की जीत नहीं, बल्कि महिला क्रिकेट के नए युग की शुरुआत है — एक ऐसा युग जहां सपनों की उड़ान अब और ऊंची होगी।


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