इडुक्की में भूस्खलन की त्रासदी: एक मौत, आठ मकान ध्वस्त, सड़क चौड़ीकरण पर सवाल
इडुक्की, 25 अक्टूबर 2025: केरल के इडुक्की जिले में शनिवार रात एक भीषण भूस्खलन ने तबाही मचाई। आदिमाली के मन्नामकंदम में आठ मकान जमींदोज हो गए, और एक व्यक्ति की जान चली गई। इस त्रासदी ने स्थानीय निवासियों में दहशत फैला दी, जो राष्ट्रीय राजमार्ग-85 के चौड़ीकरण को इसका जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। भूस्खलन की चेतावनी के बावजूद अवैज्ञानिक निर्माण कार्यों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। एक दंपति मलबे में फंस गया, जिसमें से एक की मौत हो गई। आखिर इस हादसे के पीछे की वजह क्या थी, और इससे प्रभावित लोगों का भविष्य क्या होगा? आइए, इस घटना को तीन हिस्सों में समझते हैं
भूस्खलन की त्रासदी और एक मौत
इडुक्की के मन्नामकंदम में शनिवार रात करीब 10:30 बजे हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। आठ मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए, और 48 वर्षीय बीजू की मौत हो गई। उनकी पत्नी संध्या गंभीर रूप से घायल हो गईं। पुलिस के अनुसार, दंपति रात को खाना बनाने के लिए घर लौटा था, तभी पहाड़ी से मिट्टी ढहकर उनके घर पर गिर गई। स्थानीय निवासियों ने तुरंत पुलिस और अग्निशमन सेवाओं को सूचित किया। पांच घंटे के कठिन बचाव अभियान के बाद दोनों को मलबे से निकाला गया, लेकिन बीजू की जान नहीं बच सकी। संध्या को पहले आदिमाली के अस्पताल में भर्ती किया गया, फिर अलुवा शिफ्ट किया गया। उनकी हालत अब स्थिर है। इस हादसे ने क्षेत्र में भय का माहौल पैदा कर दिया, और लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
सड़क चौड़ीकरण पर उठे सवाल
स्थानीय निवासियों और पंचायत सदस्यों ने इस त्रासदी के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-85 के चौड़ीकरण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। आदिमाली ब्लॉक पंचायत सदस्य कृष्णमूर्ति ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र से मिट्टी हटाने के दौरान कोई सुरक्षा उपाय नहीं किए गए। आवासीय कॉलोनी राजमार्ग के नीचे ढलान पर थी, और पंचायत ने भूस्खलन की आशंका को देखते हुए 22 परिवारों को शनिवार शाम आदिमाली के सरकारी विद्यालय में बने राहत शिविर में स्थानांतरित कर दिया था। निवासी सुल्फी ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य अवैज्ञानिक तरीके से हो रहा था, जिसने भूस्खलन को बढ़ावा दिया। एक अन्य निवासी अनस ने बताया कि पहाड़ी में दरारें दिखने के बाद अधिकारियों को सूचित किया गया था, लेकिन निर्माण कार्य नहीं रोका गया। इस लापरवाही ने लोगों का गुस्सा भड़का दिया है, और वे जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।
प्रभावितों का दर्द और पुनर्वास की मांग
भूस्खलन ने मन्नामकंदम के निवासियों को बेघर कर दिया। अनस जैसे कई लोगों के घर पूरी तरह नष्ट हो गए, और अब वे राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। अनस ने कहा, “यहां रहना अब खतरनाक है, लेकिन हमारे पास जाने के लिए कोई और जगह नहीं है।” निवासियों ने सरकार से पुनर्वास की मांग की है, क्योंकि भूस्खलन का खतरा अभी टला नहीं है। बीजू के परिवार का दुख और गहरा है, जिनके बेटे की पिछले साल मृत्यु हो चुकी थी, और बेटी कोट्टायम में नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। आदिमाली पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम के बाद बीजू का शव परिजनों को सौंपा जाएगा। इस त्रासदी ने न केवल जिंदगियां छीनीं, बल्कि निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।