ट्रंप का ‘नो किंग्स’ प्रदर्शन पर AI वीडियो: फाइटर जेट से ‘मल बम’, अमेरिका में मचा बवाल
वाशिंगटन, 19 अक्टूबर 2025: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ ‘नो किंग्स’ प्रदर्शनों का सैलाब उमड़ पड़ा है, और इसी बीच ट्रंप ने एक AI-जनरेटेड वीडियो शेयर कर विवाद की आग को हवा दे दी। वीडियो में खुद को मुकुट पहने फाइटर जेट उड़ाते दिखाते हुए वे प्रदर्शनकारियों पर ‘मल’ गिराते नजर आते हैं। यह पोस्ट ट्रुथ सोशल पर वायरल हो गई, जिसने राजनीतिक बहस को नई ऊंचाई दे दी। लाखों लोग सड़कों पर ट्रंप की नीतियों के खिलाफ उतर आए हैं, लेकिन यह वीडियो आखिर क्या संदेश देना चाहता है? क्या यह सिर्फ मजाक है या कुछ गहरा? आइए, इस हंगामे की पूरी परतें तीन हिस्सों में खोलते हैं।
‘नो किंग्स’ प्रदर्शन: ट्रंप नीतियों के खिलाफ लाखों की आवाज
अमेरिका भर में 18 अक्टूबर को ‘नो किंग्स’ प्रदर्शन ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। सीएनएन के अनुसार, 50 राज्यों के 2,700 से ज्यादा शहरों में करीब 70 लाख लोग सड़कों पर उतरे। ये प्रदर्शन ट्रंप की तानाशाही वाली छवि, मीडिया पर हमले, राजनीतिक विरोधियों को दबाने और अप्रवासी नीतियों के खिलाफ थे। डेमोक्रेटिक शहरों जैसे सैन फ्रांसिस्को, शिकागो और पोर्टलैंड में तो हजारों की भीड़ जुटी, जहां ट्रंप ने सैन्य हस्तक्षेप की धमकी दी थी। जून में हुए पहले दौर से दो लाख ज्यादा लोग शामिल हुए। सेलिब्रिटी जैसे जिमी किमेल, रॉबर्ट डी निरो और ग्लेन क्लोज ने समर्थन दिया। प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप को ‘राजा’ बनाने से इनकार किया, लोकतंत्र की रक्षा का नारा लगाया। यह आंदोलन ट्रंप प्रशासन की ताकत बढ़ाने वाली कार्रवाइयों के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक बन गया।
AI वीडियो का धमाका: ट्रंप का ‘किंग ट्रंप’ अंदाज
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर 19 सेकंड का AI वीडियो शेयर किया, जिसमें वे मुकुट पहने ‘किंग ट्रंप’ लिखे फाइटर जेट उड़ा रहे हैं। वीडियो में ट्रंप टाइम्स स्क्वायर के ऊपर उड़ान भरते हैं और प्रदर्शनकारियों पर भूरा तरल (मल जैसा) गिराते दिखते हैं। खास तौर पर डेमोक्रेटिक एक्टिविस्ट हैरी सिसन पर निशाना साधा गया, जो हाल ही में स्नैपचैट स्कैंडल में फंसे थे। बैकग्राउंड में ‘डेंजर जोन’ गाना बजता है। ट्रंप ने इसे ‘पैरॉडी’ कैप्शन दिया, लेकिन यह पोस्ट प्रदर्शनों के ठीक बीच आया। वीडियो तेजी से वायरल हुआ, लाखों व्यूज बटोरे। ट्रंप के सहयोगी इसे मजाक बता रहे, लेकिन आलोचक इसे असंवेदनशील और हिंसक रेटोरिक का उदाहरण मान रहे। यह ट्रंप की पुरानी AI इस्तेमाल वाली रणनीति का हिस्सा लगता है, जैसे टेलर स्विफ्ट वाली फर्जी इमेज।
सोशल मीडिया पर बवाल: समर्थन से लेकर आलोचना तक
वीडियो शेयर होते ही सोशल मीडिया पर तूफान आ गया। डेमोक्रेट्स ने इसे अमेरिका के अपमान का प्रतीक बताया। सीनेट माइनॉरिटी लीडर चक शूमर ने कहा कि राष्ट्रपति का यह रवैया लोकतांत्रिक मूल्यों पर ठेस पहुंचाता है। विपक्ष ने ट्रंप पर विरोधियों को अपमानित करने का आरोप लगाया, इसे तानाशाही का निशान कहा। ट्रंप समर्थकों ने इसे हल्का-फुल्का मजाक बताया, कहते हुए कि विरोधी ‘हेट अमेरिका’ रैली कर रहे। एक्स पर हजारों पोस्ट्स में #NoKingsPoopBomb ट्रेंड कर रहा। आलोचकों का कहना है कि यह वीडियो वास्तविक हिंसा को भड़का सकता है, खासकर जब ट्रंप ने पहले ही सैन्य कार्रवाई की बात की। ट्रंप ने अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया, लेकिन यह विवाद उनके प्रशासन की छवि को और नुकसान पहुंचा रहा। विशेषज्ञों का मानना है कि AI का यह इस्तेमाल राजनीतिक युद्ध को नई आयाम दे रहा।
