अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य स्वरूप: 28 लाख दीयों से जगमगाएगी राम नगरी
अयोध्या, 12 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश की राम नगरी अयोध्या एक बार फिर रोशनी के त्योहार दीपोत्सव में विश्व का ध्यान आकर्षित करने को तैयार है। सरयू नदी के तट पर स्थित 56 घाटों पर लाखों दीयों की ज्योति जगमगाएगी, जो न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक बनेगी बल्कि एक नया विश्व रिकॉर्ड भी स्थापित करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नौवां दीपोत्सव-2025 अब तक का सबसे ऐतिहासिक आयोजन बनने जा रहा है। यह उत्सव केवल दीयों की चमक तक सीमित नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को वैश्विक मंच पर उजागर करने का माध्यम भी है। लाखों श्रद्धालु और पर्यटक इस दिव्य दृश्य के साक्षी बनेंगे। आखिर इस भव्य आयोजन की क्या हैं खासियतें, और कैसे तैयार हो रही है अयोध्या? आइए, इसकी तैयारी और महत्व को विस्तार से जानें।
नया विश्व रिकॉर्ड: 56 घाटों पर 28 लाख दीयों की चमक
अयोध्या में नौवें दीपोत्सव-2025 की तैयारी जोरों पर है, जहां सरयू नदी के 56 घाटों पर 28 लाख दीयों का प्रज्वलन होगा। यह संख्या पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नया कीर्तिमान दर्ज कराएगी। आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन में यह आयोजन अयोध्या को धार्मिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। 75 हजार लीटर तेल और 55 लाख रुई की बत्तियों की व्यवस्था की गई है। 30 हजार स्वयंसेवकों को टोपी-टीशर्ट वितरित हो चुकी हैं, जो दीयों की सजावट, सुरक्षा और स्वागत में सहयोग करेंगे। यह उत्सव भगवान राम के वनवास से लौटने की खुशी को जीवंत करेगा, जहां रोशनी अंधकार पर विजय का प्रतीक बनेगी। अयोध्या की यह चमक दुनिया भर में भारत की सनातन संस्कृति को फैलाएगी।
लक्ष्मण किला घाट की एंट्री: विशेष आकर्षण और सांस्कृतिक आयोजन
इस वर्ष की खासियत लक्ष्मण किला घाट को पहली बार दीपोत्सव में शामिल करना है, जहां सवा चार लाख दीयों की ज्योति जगमगाएगी। राम की पैड़ी मुख्य केंद्र रहेगी, जहां 15-16 लाख दीयों से पूरा घाट अलौकिक रूप धारण कर लेगा। चौधरी चरण सिंह घाट पर साढ़े चार लाख और भजन संध्या घाट पर साढ़े पांच लाख दीयों का प्रज्वलन होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं राम की पैड़ी पर दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे, जिससे ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय हो जाएगा। आयोजन में रामायण के प्रसंगों पर आधारित सांस्कृतिक प्रदर्शन, ड्रोन शो, लेजर इफेक्ट्स और लाइट-साउंड शो शामिल होंगे। यह केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि विश्वबंधुत्व का प्रतीक है, जो राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या के पुनरुद्धार को दर्शाता है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक इस दिव्य आभा के साक्षी बनेंगे।
तैयारियों का जोर: स्वयंसेवक और प्रशासन की युद्धस्तरीय मेहनत
दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए सरकार, प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाएं युद्धस्तर पर जुटी हैं। राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने 22 समितियां गठित की हैं, जो समन्वय, सुरक्षा, स्वच्छता, ट्रैफिक और मीडिया प्रबंधन का जिम्मा संभालेंगी। घाटों पर प्रत्येक 16×16 फुट क्षेत्र में दीयों की सटीक गिनती के लिए विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग होगा। नगर निगम ने स्वागत द्वार, शौचालय और साफ-सफाई की व्यवस्था पूरी कर ली है। पिछले वर्षों में अयोध्या ने 25 लाख से अधिक दीयों से रिकॉर्ड बनाया था, और इस बार 28 लाख का लक्ष्य इसे और ऊंचा ले जाएगा। यह आयोजन अयोध्या के विकास को रफ्तार देगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। श्रद्धालुओं से अपील है कि वे इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनें, जहां रोशनी की लहरें राम की गौरव गाथा को नई ऊर्जा देंगी।
