‘चुनाव से दूरी, BJP का सच्चा सिपाही’: पवन सिंह का बड़ा ऐलान
पटना, 11 अक्टूबर 2025: भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की सभी अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया है। हाल ही में BJP में वापसी के बाद आरा या शाहाबाद से टिकट की चर्चा जोरों पर थी, लेकिन पवन ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य कभी चुनाव लड़ना नहीं था। उन्होंने खुद को ‘पार्टी का सच्चा सिपाही’ बताते हुए भोजपुरी समाज को संदेश दिया। इस बीच, उनकी पत्नी ज्योति सिंह की प्रशांत किशोर से मुलाकात ने सियासी हलचल मचा दी, हालांकि दोनों ने चुनाव से दूरी का ऐलान किया। क्या यह फैसला पवन की पारिवारिक कलह से जुड़ा है? आइए, इस सियासी ड्रामे की पूरी कहानी जानते हैं।
अटकलों पर विराम: पवन सिंह का सोशल मीडिया पर खुलासा
भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने शनिवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर बिहार चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने लिखा, “मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज से बताना चाहता हूं कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं किया था और न ही मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा।” यह बयान अमित शाह से उनकी हालिया मुलाकात के बाद आया, जब BJP में वापसी पर टिकट की अटकलें तेज हो गई थीं। पवन ने साफ किया कि उनकी BJP जॉइनिंग का मकसद सेवा और समर्थन देना है, न कि व्यक्तिगत चुनाव। यह ऐलान NDA की सीट बंटवारे की चर्चाओं के बीच आया, जहां BJP राजपूत वोटों को मजबूत करने के लिए पवन को स्टार कैंपेनर के रूप में इस्तेमाल कर सकती है। सोशल मीडिया पर फैंस ने इसे सकारात्मक बताया, लेकिन कुछ ने पारिवारिक विवाद से जोड़ा।
BJP में वापसी का सफर: लोकसभा हार से सियासी उड़ान
पवन सिंह की BJP से नजदीकी पुरानी है, लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव ने ट्विस्ट लाया। BJP ने उन्हें पश्चिम बंगाल की आसनसोल से टिकट दिया, लेकिन महिलाओं पर गाने की विवादास्पद वजह से उन्होंने नाम वापस ले लिया। फिर बिहार की काराकाट से निर्दलीय लड़े, जहां 2.74 लाख वोट मिले, लेकिन हार गए। इससे BJP ने उन्हें निष्कासित कर दिया, जो NDA प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा को नुकसान पहुंचा। सितंबर 2025 में अमित शाह और JP नड्डा से मुलाकात के बाद पवन की BJP में वापसी हुई, जो शाहाबाद क्षेत्र (22 सीटें) में राजपूत-कुशवाहा वोटों को एकजुट करने की रणनीति का हिस्सा मानी गई। पवन ने कहा कि वे स्टार कैंपेनर बनकर BJP की मदद करेंगे। यह कदम 2020 में NDA की हार को पलटने की कोशिश है, जहां पवन का प्रभाव भोजपुरी बेल्ट में मजबूत है।
ज्योति सिंह का ट्विस्ट: प्रशांत किशोर से मुलाकात, चुनाव से इनकार
पवन सिंह के ऐलान के ठीक पहले उनकी दूसरी पत्नी ज्योति सिंह की जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर से पटना में मुलाकात ने सियासत गरमा दी। ज्योति, जो पवन पर बेवफाई का आरोप लगाती रहीं, ने कहा कि वे चुनाव लड़ने या टिकट मांगने नहीं आईं। “मैं यहां अन्याय की आवाज उठाने आई हूं, ताकि कोई बहू-बेटी ऐसा न झेले,” उन्होंने मीडिया से कहा। प्रशांत किशोर ने पुष्टि की कि ज्योति ने चुनाव का जिक्र नहीं किया; वे पारिवारिक अन्याय पर बात करने आईं। किशोर ने कहा, “ज्योति बिहारी महिला हैं, हम उनके लोकतांत्रिक अधिकारों के साथ हैं, लेकिन पारिवारिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।” ज्योति ने लखनऊ में पवन से मिलने पर पुलिस बुलाने का आरोप लगाया था। किशोर ने पवन को भी अपना मित्र बताया, लेकिन ज्योति की बात सुनी। जन सुराज ने 51 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की, लेकिन ज्योति का नाम नहीं। यह मुलाकात पवन के फैसले से जुड़ी लगती है, जो पारिवारिक कलह को सियासी रंग दे रही है।
