• October 19, 2025

गाजियाबाद DM की सख्ती: 35 अधिकारियों का वेतन रोका, शून्य फीडबैक पर लगी मुहर

गाजियाबाद, 10 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में जिलाधिकारी रवींद्र कुमार मांदड़ ने जनसुनवाई पोर्टल (आईजीआरएस) पर खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। शून्य संतुष्टि फीडबैक वाले 35 विभागों के अधिकारियों के मासिक वेतन पर रोक लगा दी गई है। यह कदम जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही को रोकने के लिए उठाया गया है, जो जिले की रैंकिंग और छवि को प्रभावित कर रहा था। डीएम ने चेतावनी दी है कि सुधार न होने पर वेतन बहाल नहीं होगा। यह कार्रवाई प्रशासनिक जवाबदेही को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आइए, इसकी पूरी कहानी जानते हैं।

लापरवाही पर लगी लगाम: शून्य फीडबैक की सजा

गाजियाबाद के जिलाधिकारी रवींद्र कुमार मांदड़ ने आईजीआरएस पोर्टल पर जनशिकायतों के निस्तारण में उदासीनता दिखाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। 1 सितंबर से 30 सितंबर 2025 तक की अवधि में 35 विभागों के अधिकारियों को शून्य प्रतिशत संतुष्ट फीडबैक मिला, जिसके आधार पर उनके वेतन पर रोक के आदेश जारी किए गए। मुख्य कोषाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि इन अधिकारियों का वेतन अगले आदेश तक न जारी किया जाए। डीएम ने कहा कि बार-बार निर्देशों के बावजूद कुछ अधिकारी शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध समाधान नहीं कर रहे, जो जिले की आईजीआरएस रैंकिंग को नीचा दिखा रहा है। यह कार्रवाई न केवल लापरवाह अधिकारियों को चेतावनी है, बल्कि जनता की आवाज को प्राथमिकता देने का संदेश भी देती है। प्रशासनिक सुधार की यह पहल अन्य जिलों के लिए भी उदाहरण बन सकती है।

चेतावनी का एलान: सुधार या वेतन पर ब्रेक

जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी जारी की है कि जब तक संबंधित अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में सुधार नहीं लाते और आईजीआरएस पर संतुष्ट फीडबैक प्रतिशत नहीं बढ़ाते, तब तक उनका रोका हुआ वेतन बहाल नहीं होगा। उन्होंने जोर दिया कि जनशिकायतों का निस्तारण प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस कदम से जिले की शासन व्यवस्था के समक्ष छवि पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को रोका जा सकेगा। डीएम के आदेश में कहा गया है कि 100 प्रतिशत संतुष्टि फीडबैक का लक्ष्य हासिल करना हर अधिकारी का दायित्व है। यह कार्रवाई जवाबदेही को बढ़ावा देने के साथ-साथ भविष्य में ऐसी लापरवाही रोकने का प्रयास है। अधिकारियों को अब अपने प्रदर्शन पर पुनर्विचार करने का अवसर मिला है, ताकि जनता का भरोसा मजबूत हो।

प्रभाव और संदेश: जवाबदेही की नई मिसाल

यह कार्रवाई गाजियाबाद जिले में प्रशासनिक जवाबदेही की नई मिसाल कायम कर रही है। आईजीआरएस पोर्टल, जो उत्तर प्रदेश में जनता की शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करने का माध्यम है, पर फीडबैक का महत्व अब स्पष्ट हो गया है। 35 अधिकारियों पर वेतन रोक से न केवल व्यक्तिगत स्तर पर सुधार की उम्मीद है, बल्कि पूरे विभागों में कार्य संस्कृति में बदलाव भी आएगा। डीएम ने कहा कि ऐसी लापरवाही जिले की प्रगति में बाधक है, और सख्त कदम उठाने पड़ेंगे। यह घटना अन्य जिलों को भी प्रेरित कर सकती है, जहां जनसुनवाई को मजबूत करने की जरूरत है। जनता के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि उनकी शिकायतें अब अनसुनी नहीं रहेंगी। कुल मिलाकर, यह कदम पारदर्शिता और दक्षता की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा।
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Rama Niwash Pandey

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