बुलंदशहर: पूर्व भाजपा ब्लॉक प्रमुख विनोद चौधरी की गला रेतकर बेरहमी से हत्या, घर में खून से सना बिस्तर
15 सितम्बर 2025, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक सनसनीखेज वारदात ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। जाहिदपुर गांव में पूर्व भाजपा ब्लॉक प्रमुख विनोद चौधरी की गला रेतकर हत्या कर दी गई। उनकी लाश घर के अंदर बेड पर खून से लथपथ मिली। यह घटना सोमवार तड़के हुई, जब परिवार वाले और पड़ोसी सुबह उठे तो यह भयानक दृश्य देखकर दंग रह गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक हत्यारों का कोई सुराग नहीं मिला है। इस हत्या ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है।विनोद चौधरी उम्र लगभग 50 वर्ष के थे। वे खुर्जा-जेवर क्षेत्र से दो बार ब्लॉक प्रमुख रह चुके थे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सक्रिय सदस्य थे। स्थानीय स्तर पर वे काफी प्रभावशाली नेता माने जाते थे। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे, लेकिन वे हमेशा सक्रिय राजनीति में बने रहे। विनोद चौधरी अपने घर में अकेले रहते थे। उनकी पत्नी और बच्चे दिल्ली में रहते हैं। बताया जाता है कि वे रविवार रात को घर लौटे थे और सामान्य रूप से सोने चले गए थे। लेकिन सोमवार सुबह जब वे देर तक नहीं उठे, तो पड़ोसियों को शक हुआ।घटना की पूरी कहानी कुछ इस तरह है।
जाहिदपुर गांव एक शांतिपूर्ण इलाका है, जहां ज्यादातर लोग खेती-बाड़ी और छोटे-मोटे कारोबार से जुड़े हैं। विनोद चौधरी का घर गांव के बीचों-बीच है, जो चारों तरफ से दीवारों से घिरा हुआ है। रविवार शाम को वे किसी मीटिंग से लौटे थे। रात करीब 10 बजे तक सब कुछ सामान्य था। पड़ोसियों के अनुसार, रात में कोई असामान्य आवाज नहीं सुनाई दी। लेकिन सुबह करीब 7 बजे, जब विनोद के घर से कोई हलचल नहीं हुई, तो एक पड़ोसी ने खिड़की से झांका। अंदर का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए। बेड पर विनोद चौधरी की लाश पड़ी थी, जिसका गला बुरी तरह कटा हुआ था। कमरे में खून की धारें बह रही थीं और बिस्तर पूरी तरह लाल हो चुका था।पड़ोसी ने तुरंत चिल्लाना शुरू किया और अन्य लोगों को बुलाया। जल्द ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। किसी ने विनोद के भाई को फोन किया, जो पास के ही गांव में रहते हैं।
भाई ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। बुलंदशहर पुलिस के एसपी देहात, सीओ सिटी और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने घर की तलाशी ली। कमरे में कोई संघर्ष के निशान नहीं मिले, जो बताता है कि शायद हत्या सोते हुए की गई हो। हत्यारे ने गला रेतने के बाद चाकू या धारदार हथियार से साफ-सुथरा काम किया लगता है।पुलिस जांच के दौरान एक महत्वपूर्ण बात सामने आई। विनोद चौधरी के घर के बाहर सीसीटीवी कैमरा लगा था, लेकिन उसका डीवीआर गायब था। संदेह है कि हत्यारे ने फुटेज मिटाने के लिए डीवीआर ले लिया। इससे लगता है कि वारदात सोची-समझी थी। एसपी देहात ने बताया कि “हम सीसीटीवी फुटेज, आसपास के कैमरों और गवाहों से पूछताछ कर रहे हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है। जल्द ही आरोपी पकड़े जाएंगे।” फोरेंसिक टीम ने कमरे से खून के नमूने, उंगलियों के निशान और अन्य सबूत इकट्ठे किए। डॉग स्क्वाड को भी बुलाया गया, लेकिन अभी तक कोई ठोस क्लू नहीं मिला।विनोद चौधरी के भाई ने पुलिस को बताया कि कुछ महीने पहले विनोद ने दो पक्षों के बीच समझौता कराया था। उस विवाद में जमीन या पैसों का मामला था। भाई का कहना है कि “मेरे भाई ने किसी की दुश्मनी मोल ले ली हो सकती है। वे हमेशा लोगों की मदद करते थे, लेकिन कुछ लोग इससे खुश नहीं होते।” स्थानीय लोगों के अनुसार, विनोद चौधरी के खिलाफ पुराने केस चल रहे थे, जिनमें मारपीट और जमीन विवाद शामिल थे।
एक पड़ोसी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “विनोद जी ने कई बार गांव के झगड़ों को सुलझाया, लेकिन शायद किसी ने बदला ले लिया।” पुलिस पुरानी दुश्मनी, राजनीतिक रंजिश या कारोबारी विवाद के एंगल से जांच कर रही है।यह हत्या बुलंदशहर जिले में बढ़ते अपराधों की याद दिला रही है। पिछले कुछ महीनों में जिले में कई हत्याएं हो चुकी हैं, जिनमें ज्यादातर पुरानी रंजिश या संपत्ति विवाद कारण बने। एक अन्य घटना की याद आती है, जब अगौता थाना क्षेत्र में एक युवक की छत पर सोते हुए हत्या कर दी गई थी। वहां भी गला रेतकर वारदात की गई थी। लेकिन विनोद चौधरी की हत्या राजनीतिक रंग ले रही है, क्योंकि वे भाजपा के पूर्व पदाधिकारी थे। पार्टी के स्थानीय नेताओं ने इसे साजिश बताया है। भाजपा जिला अध्यक्ष ने कहा, “यह हमारी पार्टी पर हमला है। हम सरकार से न्याय की मांग करते हैं।“घटना के बाद जाहिदपुर गांव में सन्नाटा पसर गया। लोग डर के मारे घरों में बंद हो गए। महिलाएं और बच्चे खासतौर पर घबरा रहे हैं। एक बुजुर्ग महिला ने कहा, “ऐसे शांत गांव में भी सुरक्षा नहीं है। रात को कौन सोएगा अब?” पुलिस ने गांव में भारी फोर्स तैनात कर दी है। विनोद चौधरी का शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार को सौंप दिया गया।
उनका अंतिम संस्कार शाम को ही कर दिया गया, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। परिवार वाले सदमे में हैं। पत्नी दिल्ली से लौट आई हैं और रो-रोकर हाल बिगाड़ रही हैं। बच्चे स्कूल से आए तो मां को रोते देखकर खुद फूट-फूटकर रोने लगे।इस हत्या ने ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बुलंदशहर जैसे जिले में पुलिस की कमी और ग्रामीण क्षेत्रों में सीसीटीवी की कमी एक बड़ी समस्या है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में तुरंत जांच जरूरी है, वरना अपराधी बेधड़क घूमते रहेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले भी ऐसे हत्याकांडों पर सख्ती का ऐलान किया है, लेकिन जमीनी स्तर पर सुधार की जरूरत है। स्थानीय विधायक ने कहा, “हम सदन में इस मुद्दे को उठाएंगे। दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।”विनोद चौधरी का राजनीतिक सफर भी दिलचस्प था। वे 2010 से सक्रिय राजनीति में थे। खुर्जा ब्लॉक से पहली बार ब्लॉक प्रमुख बने, फिर जेवर से दोबारा चुने गए।
भाजपा में वे ब्लॉक स्तर पर अध्यक्ष भी रहे। वे गांव के विकास के लिए हमेशा आगे रहते थे। सड़क, पानी और बिजली जैसे मुद्दों पर वे आवाज उठाते थे। लेकिन उनके खिलाफ दर्ज केसों ने उनकी छवि को थोड़ा प्रभावित किया। एक केस में तो वे जमानत पर थे। फिर भी, गांव वाले उन्हें एक मददगार इंसान मानते थे।पुलिस की जांच जारी है। आसपास के गांवों में छापेमारी हो रही है। मोबाइल लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड चेक किए जा रहे हैं। अगर पुरानी दुश्मनी साबित हुई, तो कई नाम सामने आ सकते हैं। फिलहाल, पूरा जिला इस घटना से सदमे में है। विनोद चौधरी की हत्या न सिर्फ एक परिवार का दुख है, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। अपराध रोकने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।
