कावड़ यात्रा को लेकर नगीना सांसद का बड़ा बयान, योगी सरकार पर साधा निशाना….
सावन का माह चल रहा है, इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। कांवड़ यात्रा की तैयारी एक माह से पहले ही शुरू हो जाती है, जिसमें खास सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था तैयार की जाती है। लेकिन इसी व्यवस्था को देखते हुए चंद्रशेखर ने सवाल उठाया कि जब एक पूरे महीने तक कांवड़ यात्रा के लिए सड़कें बंद हो सकती हैं और प्रशासन ‘गुलदस्तों’ से स्वागत करता है, तो नमाज़ के लिए भी कुछ मिनट का बंद क्यों नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि“अगर कांवड़ यात्रा के लिए एक महीना सड़क बंद रहे, तो नमाज़ के लिए 15 मिनट सड़क बंद क्यों नहीं हो सकती?”
चंद्रशेखर ने स्पष्ट कहा कि कांवड़ यात्रा में सड़कों पर श्रद्धालुओं की भीड़ को प्रशासन और सरकार विशेष दृष्टि से देखते हैं, लेकिन जब मुसलमान नमाज़ अदा करने निकलते हैं तो पुलिस तत्काल हस्तक्षेप करती है.
उन्होंने इसे धार्मिक भेदभाव बताते हुए “मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनी जा रही है” और संविधान की धारा 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) का उल्लंघन बताया.
सांसद ने कहा, “कांवड़ियों पर फूल बरसाए जाते हैं, मुसलमानों को डंडा मारकर भगा दिया जाता है।” उनका कहना है कि इस चुनावी धर्मनिरपेक्ष राज्य में नीति की इस वास्तविकता को उजागर करने की जरूरत है
चंद्रशेखर ने कांवड़ यात्रा के दौरान उग्र घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि “धर्म की आड़ में हुड़दंग की खुली छुट क्यों?
उत्तर प्रदेश में इनदिनों कांवड़ यात्रा को सफल बनाने के लिए योगी सरकार की मेहनत साफ़ देखने को मिल रही है. इसी के साथ उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से सांसद और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कांवड़ यात्रा को लेकर बयान दिया है. चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि, कोई आतंकवादी नहीं बता रहा है, जिसको जिस धर्म की आस्था में शामिल होना है उस धर्म में शामिल हो सकता है. आजाद समाज पार्टी के नेता ने आगे कहा कि सरकार की पॉलिसी सबके लिए एक-सी होनी चाहिए, सबका ध्यान रखना चाहिए। कांवड़ यात्रा में बहुत-सी दुकानों को बंद किया गया है. जिससे उन दुकानदारों के जीवन पर गहरा असर पड़ा है, उनके बच्चों और उनकी आर्थिक स्थिति तक गड़बड़ा सकती है. आजाद ने आगे कहा कि सरकार ने एक बार नहीं सोचा कि दुकानदार और उनके बच्चों का क्या होगा?
उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी पॉलिसी बनानी चाहिये, जिससे कांवड़ यात्रा सकुशल संपन्न हो सके, साथ ही किसी को परेशानी भी न हो. क्युकी कुछ लोग कांवड़ियों की वेश-भूषा में हिंसा करते कैमरे में कैद हुए. वही लोगों ने सीआरपीएफ जवान के साथ मारपीट भी की. सरकार को इस पर जवाब देना चाहिये, कि कांवड़ यात्रा को लेकर जो एक माह पूर्व से ही तैयारियां चल रही थी वो विफल कैसे हो रही है.
