• October 14, 2025

वाराणसी में छह सड़कें बनेंगी मॉडल रोड, 47.84 करोड़ रुपये की लागत; पार्किंग और वेंडिंग जोन की सुविधा

वाराणसी, 3 मई 2025: काशी की सड़कों को और सुंदर व व्यवस्थित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। वाराणसी नगर निगम ने शहर की छह प्रमुख सड़कों को मॉडल रोड के रूप में विकसित करने की योजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना पर कुल 47.84 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इन सड़कों पर न केवल आधुनिक सुविधाएं होंगी, बल्कि पार्किंग और वेंडिंग जोन जैसी व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी, ताकि यातायात और व्यापार को सुगम बनाया जा सके। यह परियोजना शहर की बढ़ती भीड़, यातायात जाम और अनियोजित स्ट्रीट वेंडिंग की समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
कौन सी सड़कें बनेंगी मॉडल रोड?
वाराणसी नगर निगम के अनुसार, निम्नलिखित छह सड़कें मॉडल रोड के रूप में विकसित की जाएंगी:
  1. लहरतारा-मंडुवाडीह मार्ग: यह सड़क शहर के प्रमुख व्यावसायिक और आवासीय क्षेत्रों को जोड़ती है।
  2. कैंट स्टेशन से गोदौलिया मार्ग: यह मार्ग काशी विश्वनाथ मंदिर और घाटों की ओर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है।
  3. सिगरा से चेतगंज मार्ग: यह सड़क शहर के मध्य भाग में व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र है।
  4. महामना मार्ग (BHU से रविदास गेट): यह मार्ग बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और आसपास के क्षेत्रों को जोड़ता है।
  5. अंधरापुल से लंका मार्ग: यह सड़क शैक्षिक संस्थानों और बाजारों को जोड़ने में महत्वपूर्ण है।
  6. दुर्गाकुंड से अस्सी मार्ग: यह मार्ग पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए अस्सी घाट तक पहुंचने का प्रमुख रास्ता है।
इन सड़कों का चयन उनकी यातायात घनत्व, व्यावसायिक महत्व और तीर्थयात्रियों की आवाजाही को ध्यान में रखकर किया गया है।
मॉडल रोड की विशेषताएं
मॉडल रोड परियोजना के तहत निम्नलिखित सुविधाएं विकसित की जाएंगी:
  • पार्किंग जोन: प्रत्येक सड़क पर व्यवस्थित पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे, ताकि सड़कों पर अवैध पार्किंग और जाम की समस्या से निजात मिले। इनमें ऑटो, कार और दोपहिया वाहनों के लिए अलग-अलग स्थान होंगे।
  • वेंडिंग जोन: स्ट्रीट वेंडर्स के लिए विशेष क्षेत्र बनाए जाएंगे, जहां वे बिना सड़क अवरुद्ध किए अपना व्यवसाय कर सकेंगे। इन जोन में बिजली, पानी और स्वच्छता की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
  • आधुनिक सड़क निर्माण: सड़कों को चौड़ा करने के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाली डामर और ड्रेनेज सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। इससे जलभराव की समस्या कम होगी।
  • सौंदर्यीकरण: सड़कों पर पेड़-पौधे, स्ट्रीट लाइट्स, और साइनेज लगाए जाएंगे। साथ ही, फुटपाथ और साइकिल ट्रैक भी बनाए जाएंगे।
  • स्मार्ट सुविधाएं: कुछ सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे, स्मार्ट ट्रैफिक लाइट्स और वाई-फाई जोन की सुविधा भी होगी।
  • यातायात प्रबंधन: ट्रैफिक सिग्नल और रोड मार्किंग्स को उन्नत किया जाएगा ताकि यातायात सुचारू रहे।
परियोजना की लागत और समयसीमा
इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 47.84 करोड़ रुपये है। प्रत्येक सड़क के लिए बजट का बंटवारा सड़क की लंबाई, चौड़ाई और आवश्यक सुविधाओं के आधार पर किया गया है। वाराणसी नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि परियोजना को 18 से 24 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है। काम को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा ताकि यातायात और स्थानीय व्यापार पर कम से कम प्रभाव पड़े।
परियोजना का महत्व
वाराणसी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, पिछले कुछ वर्षों में विकास के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, घाटों का सौंदर्यीकरण, फ्लाईओवर और रिंग रोड जैसी परियोजनाओं के बाद यह मॉडल रोड परियोजना शहर की बुनियादी ढांचे को और मजबूत करेगी।
  • यातायात जाम से राहत: शहर में बढ़ती भीड़, खासकर महाकुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान, सड़कों पर भारी दबाव डालती है। ये मॉडल रोड यातायात को सुचारू बनाने में मदद करेंगी।

  • व्यापारियों और वेंडर्स को लाभ: वेंडिंग जोन के निर्माण से स्ट्रीट वेंडर्स को एक व्यवस्थित स्थान मिलेगा, जिससे उनकी आजीविका सुरक्षित होगी और सड़कों पर अतिक्रमण कम होगा।
  • पर्यटकों के लिए सुविधा: वाराणसी में हर साल लाखों पर्यटक और तीर्थयात्री आते हैं। इन सड़कों के विकास से उनकी यात्रा अधिक सुगम और सुखद होगी।
  • शहर का सौंदर्यीकरण: मॉडल रोड काशी की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को बनाए रखते हुए आधुनिकता का समावेश करेंगी।
प्रशासन और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
वाराणसी के मेयर अशोक तिवारी ने इस परियोजना को “काशी के लिए गेम-चेंजर” करार दिया। उन्होंने कहा, “ये सड़कें न केवल यातायात को सुगम बनाएंगी, बल्कि शहर की सौंदर्यता और व्यवस्था को भी बढ़ाएंगी। हमारा लक्ष्य काशी को विश्वस्तरीय शहर बनाना है।”
स्थानीय व्यापारियों और निवासियों ने भी इस परियोजना का स्वागत किया है। सिगरा के एक व्यापारी रमेश गुप्ता ने कहा, “पार्किंग और वेंडिंग जोन की सुविधा से सड़कों पर अव्यवस्था कम होगी। यह व्यापार के लिए भी अच्छा है।” हालांकि, कुछ निवासियों ने चिंता जताई कि निर्माण कार्य के दौरान यातायात और व्यवसाय प्रभावित हो सकते हैं। इसके जवाब में नगर निगम ने आश्वासन दिया है कि काम को योजनाबद्ध तरीके से किया जाएगा।
मौसम की चुनौती
यह परियोजना ऐसे समय में शुरू हो रही है, जब उत्तर प्रदेश के 58 जिलों, जिसमें वाराणसी भी शामिल है, में भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, 50-70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। नगर निगम ने कहा है कि मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य की शुरुआत सावधानीपूर्वक की जाएगी।
राजनीतिक और सामाजिक संदर्भ

यह परियोजना वाराणसी में चल रही अन्य विकास परियोजनाओं, जैसे कि गंजारी स्टेडियम के लिए सड़क चौड़ीकरण और फ्लाईओवर निर्माण, के साथ मिलकर शहर को एक आधुनिक तीर्थस्थल के रूप में स्थापित करेगी। हाल ही में राकेश टिकैत के साथ मुजफ्फरनगर में हुई घटना और वहां की महापंचायत के बाद वाराणसी में भी सामाजिक और राजनीतिक माहौल गर्म है। ऐसे में यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए एक सकारात्मक संदेश के रूप में देखी जा रही है।

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Rama Niwash Pandey

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