पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव: पाकिस्तान का एयरस्पेस बंद, खाड़ी और यूरोपीय उड़ानें महंगी, समय में भी इजाफा
नई दिल्ली, 2 मई 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य तनातनी को बढ़ा दिया। जवाबी कार्रवाई के तहत पाकिस्तान ने 24 अप्रैल से भारतीय एयरलाइंस के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया, जिसका असर खाड़ी, यूरोप, और उत्तरी अमेरिका जाने वाली उड़ानों पर पड़ा है। उड़ानें अब लंबे रास्तों से होकर गुजर रही हैं, जिससे यात्रा का समय 15 मिनट से लेकर 4 घंटे तक बढ़ गया है और किराये में 8-12% की वृद्धि होने की संभावना है।
पाकिस्तान के एयरस्पेस बंद होने का असर
पाकिस्तान ने भारतीय स्वामित्व या संचालित सभी एयरलाइंस, साथ ही सैन्य उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को 24 अप्रैल से 23 मई 2025 तक बंद कर दिया है। इस फैसले से भारतीय एयरलाइंस जैसे एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट, और एयर इंडिया एक्सप्रेस की करीब 800 साप्ताहिक उड़ानें प्रभावित हुई हैं, जो पहले पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से होकर खाड़ी देशों, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, और मध्य एशिया की ओर जाती थीं।
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लंबे रास्ते और ईंधन खपत: उड़ानें अब अरब सागर के रास्ते, गुजरात, मुंबई, या मस्कट और दोहा के ऊपर से होकर गुजर रही हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली से न्यूयॉर्क की एयर इंडिया की उड़ान को वियना या कोपेनहेगन में रिफ्यूलिंग के लिए रुकना पड़ रहा है, जिससे यात्रा समय 4-6 घंटे तक बढ़ गया है। दिल्ली से दुबई की उड़ान में 15-45 मिनट और यूरोप की उड़ानों में 1.5-2.5 घंटे का अतिरिक्त समय लग रहा है।
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किराये में वृद्धि: लंबे रास्तों और बढ़ी ईंधन खपत के कारण परिचालन लागत में वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले कुछ हफ्तों में किराये में 8-12% की बढ़ोतरी हो सकती है। इंडिगो ने दिल्ली-ताशकंद और दिल्ली-अल्माटी उड़ानों को 7 मई तक निलंबित कर दिया है, क्योंकि इसके नैरो-बॉडी विमानों के लिए नए रास्ते व्यवहार्य नहीं हैं।
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पेलोड समस्याएं: लंबी उड़ानों के लिए अतिरिक्त ईंधन की जरूरत ने विमानों की पेलोड क्षमता को प्रभावित किया है। एयरलाइंस को यात्रियों या सामान की संख्या कम करनी पड़ रही है, जिससे उनकी आय पर असर पड़ रहा है।
प्रमुख प्रभावित मार्ग
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खाड़ी देश: दिल्ली, अमृतसर, लखनऊ, और जयपुर से दुबई, अबू धाबी, और दोहा जैसे गंतव्यों की उड़ानें 15-45 मिनट ज्यादा समय ले रही हैं।
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यूरोप और उत्तरी अमेरिका: दिल्ली से लंदन, पेरिस, न्यूयॉर्क, और शिकागो की उड़ानें 1.5-4 घंटे तक लंबी हो गई हैं। एयर इंडिया की दिल्ली-शिकागो उड़ान को अब वियना में रिफ्यूलिंग स्टॉप लेना पड़ रहा है।
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मध्य एशिया: इंडिगो की दिल्ली-ताशकंद और दिल्ली-अल्माटी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, क्योंकि नए रास्ते इनके विमानों की रेंज से बाहर हैं।
भारत की जवाबी कार्रवाई
पाकिस्तान के इस कदम के जवाब में भारत ने 30 अप्रैल को पाकिस्तानी एयरलाइंस और सैन्य उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया। इस फैसले से पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) की कुआलालंपुर, सिंगापुर, और बैंकॉक जैसी उड़ानें प्रभावित होंगी, जिन्हें अब चीन या श्रीलंका के ऊपर से लंबे रास्ते लेने पड़ेंगे। उदाहरण के लिए, इस्लामाबाद से कुआलालंपुर की उड़ान का समय 5.5 घंटे से बढ़कर 8.5 घंटे हो जाएगा।
आर्थिक नुकसान
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भारतीय एयरलाइंस: एयर इंडिया ने अनुमान लगाया है कि इस बंद से उसे अगले 12 महीनों में 600 मिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। 2019 में बालाकोट हमले के बाद पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र बंद होने से भारतीय एयरलाइंस को 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
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पाकिस्तान: पाकिस्तान को भारतीय उड़ानों से रोजाना करीब 232,000 डॉलर की ओवरफ्लाइट फीस मिलती थी, जो अब बंद हो गई है। 2019 में 5 महीने के बंद से पाकिस्तान को 100 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। इस बार भी उसे समान नुकसान की आशंका है।
यात्रियों के लिए सुझाव
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जल्दी बुकिंग: किराये में बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए जल्द से जल्द टिकट बुक करें।
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अतिरिक्त समय: कनेक्टिंग फ्लाइट्स के लिए अतिरिक्त समय रखें, क्योंकि उड़ानें देरी से पहुंच सकती हैं।
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एयरलाइंस की वेबसाइट जांचें: एयर इंडिया और इंडिगो ने यात्रियों से उनकी वेबसाइट या कॉल सेंटर (एयर इंडिया: 011-69329333, 011-69329999) पर उड़ान की स्थिति जांचने की अपील की है।
सरकार की प्रतिक्रिया
नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने कहा कि सरकार एयरलाइंस के साथ मिलकर वैकल्पिक मार्गों पर काम कर रही है ताकि यात्रियों पर असर कम हो। मंत्रालय ने एयरलाइंस से 6 महीने से एक साल तक के प्रभाव का आकलन करने को कहा है। कुछ एयरलाइंस ने सरकार से सब्सिडी की मांग की है ताकि किराये में बढ़ोतरी को रोका जा सके।
वैश्विक एयरलाइंस पर असर
पाकिस्तान ने विदेशी एयरलाइंस के लिए अपना हवाई क्षेत्र खुला रखा है, जिससे कतर एयवे, एमिरेट्स, और लुफ्थांसा जैसी एयरलाइंस को लागत और समय में फायदा हो रहा है। हालांकि, कुछ विदेशी एयरलाइंस भारत-पाक तनाव के कारण जोखिम मूल्यांकन कर रही हैं। कतर एयरवेज ने कहा कि उसकी उड़ानें सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं।
आगे क्या?
पाकिस्तान का एयरस्पेस बंद होना दोनों देशों के लिए आर्थिक और परिचालन चुनौती है। अगर यह बंदी लंबी खिंचती है, तो भारतीय एयरलाइंस को भारी नुकसान होगा, और यात्रियों को महंगे किराये और लंबी उड़ानों का सामना करना पड़ेगा। दूसरी ओर, पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था को ओवरफ्लाइट फीस के नुकसान से बड़ा झटका लगेगा। दोनों देशों के बीच बातचीत और कूटनीतिक समाधान ही इस संकट को हल कर सकता है।
