काशी में ट्रैफिक व्यवस्था होगी हाईटेक: 200 नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, निगरानी होगी सख्त
वाराणसी, 1 मई 2025 धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी वाराणसी, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, अब अपनी ट्रैफिक व्यवस्था को और अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। शहर में ट्रैफिक प्रबंधन को हाईटेक करने के लिए 200 नए सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएंगे, जो ट्रैफिक नियमों की निगरानी और उल्लंघन पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह पहल वाराणसी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “सुरक्षित शहर, सुरक्षित राज्य” के दृष्टिकोण का हिस्सा है। इस परियोजना के तहत न केवल ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार होगा, बल्कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था भी और मजबूत होगी।
हाईटेक ट्रैफिक प्रबंधन की आवश्यकता
वाराणसी, जो विश्वभर में अपनी प्राचीन संस्कृति और गंगा घाटों के लिए प्रसिद्ध है, हर साल लाखों पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। इसके अलावा, महाकुंभ 2025 जैसे बड़े आयोजन के मद्देनजर शहर में ट्रैफिक की चुनौतियां और बढ़ गई हैं। संकरी गलियां, बढ़ता वाहन दबाव और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन शहर के लिए प्रमुख समस्याएं रही हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए वाराणसी पुलिस और नगर निगम ने आधुनिक तकनीक का सहारा लेने का फैसला किया है।
नए सीसीटीवी कैमरों की स्थापना से ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर नजर रखना आसान होगा। ये कैमरे रेड लाइट जंपिंग, ओवरस्पीडिंग, गलत पार्किंग और अन्य ट्रैफिक उल्लंघनों को रिकॉर्ड करेंगे, जिसके आधार पर स्वचालित चालान जारी किए जाएंगे। इससे न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित होगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
200 नए सीसीटीवी कैमरे: कहां और कैसे?
वाराणसी में 200 नए सीसीटीवी कैमरे शहर के प्रमुख चौराहों, भीड़भाड़ वाले इलाकों और ट्रैफिक संवेदनशील क्षेत्रों में लगाए जाएंगे। इनमें दशाश्वमेध, गोदौलिया, लंका, कैंट, भेलूपुर, सिगरा और रेलवे स्टेशन जैसे व्यस्त क्षेत्र शामिल हैं। ये कैमरे अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगे, जिनमें नाइट विजन, हाई-रिजॉल्यूशन इमेजिंग और 360 डिग्री रोटेशन की सुविधा होगी। इसके अलावा, ये कैमरे इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) से जुड़े होंगे, जो कंट्रोल रूम से रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा प्रदान करेगा।
वाराणसी के पुलिस अधीक्षक (ट्रैफिक) ने बताया, “ये कैमरे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को तुरंत पकड़ने में सक्षम होंगे। साथ ही, इनकी मदद से हम शहर में ट्रैफिक जाम की स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि इन कैमरों से प्राप्त डेटा का उपयोग ट्रैफिक पैटर्न का विश्लेषण करने और भविष्य में सड़क विस्तार या नए ट्रैफिक नियम लागू करने के लिए किया जाएगा।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा
यह परियोजना वाराणसी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लागू की जा रही है, जिसका उद्देश्य शहर को तकनीकी और बुनियादी ढांचे के मामले में विश्व स्तरीय बनाना है। पहले से ही शहर में 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरे विभिन्न स्थानों पर लगाए जा चुके हैं, जो सुरक्षा और ट्रैफिक निगरानी में सहायक हैं। नए 200 कैमरों के साथ, यह संख्या 900 को पार कर जाएगी, जो वाराणसी को देश के सबसे अधिक निगरानी वाले शहरों में से एक बनाएगा।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम को भी अपग्रेड किया जा रहा है। कई चौराहों पर स्मार्ट ट्रैफिक लाइटें लगाई गई हैं, जो ट्रैफिक के दबाव के आधार पर स्वचालित रूप से समय समायोजित करती हैं। इसके अलावा, ई-चालान सिस्टम को और प्रभावी बनाया जा रहा है, जिससे ट्रैफिक उल्लंघन करने वालों को तुरंत चालान भेजा जा सके।
महाकुंभ 2025 की तैयारी
महाकुंभ 2025 को देखते हुए वाराणसी में ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना जरूरी हो गया है। इस दौरान शहर में लाखों श्रद्धालुओं का आगमन होगा, जिससे ट्रैफिक प्रबंधन एक बड़ी चुनौती होगी। नए सीसीटीवी कैमरे इस दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा, वाराणसी पुलिस ने ट्रैफिक कर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए हैं, ताकि वे आधुनिक तकनीक का उपयोग प्रभावी ढंग से कर सकें।
नागरिकों की जिम्मेदारी
हाईटेक ट्रैफिक व्यवस्था के साथ-साथ नागरिकों की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। वाराणसी पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें और सड़क पर अनुशासन बनाए रखें। पुलिस ने यह भी कहा कि सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में कोई भी उल्लंघन बख्शा नहीं जाएगा, और दोषियों को तुरंत चालान या अन्य कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
