सीआईएससीई बोर्ड परीक्षा परिणाम 2025: जिले की बेटियों ने फिर लहराया सफलता का परचम
लखनऊ , 29 अप्रैल 2025:काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने बुधवार को 10वीं (ICSE) और 12वीं (ISC) कक्षा के बोर्ड परीक्षा परिणाम आधिकारिक वेबसाइट पर घोषित कर दिए। इस वर्ष के परीक्षा परिणामों में एक बार फिर जिले की बेटियों ने अपनी प्रतिभा, मेहनत और आत्मविश्वास का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए न केवल परीक्षा उत्तीर्ण की, बल्कि उच्चतम अंकों के साथ जिला और राज्य स्तर पर टॉप किया।
इस वर्ष भी एक बात स्पष्ट रूप से उभर कर सामने आई – जिले की छात्राओं ने सफलता के सभी मानकों को पार कर लिया है। चाहे बात प्रतिशत की हो या टॉपर्स की सूची की, बेटियों ने हर मोर्चे पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
टॉपर्स की सूची में बेटियों की धाक
ICSE परीक्षा में जिले की टॉपर रही कृतिका शर्मा ने 99.6% अंक प्राप्त कर जिले का नाम पूरे राज्य में रोशन किया। वहीं, ISC (12वीं) परीक्षा में साक्षी मिश्रा ने 98.8% अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया। दोनों ही छात्राओं ने न केवल अपने-अपने स्कूल बल्कि परिवार और जिले का भी नाम रोशन किया।
कृतिका, जो कि सेंट जोसेफ गर्ल्स स्कूल की छात्रा हैं, ने कहा, “यह मेरी मेहनत के साथ-साथ मेरे शिक्षकों और माता-पिता के निरंतर सहयोग का परिणाम है। मैं आगे चलकर आईएएस बनना चाहती हूं।”
वहीं साक्षी, जो कि सेंट मेरी इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा हैं, ने बताया कि “मैं मेडिकल फील्ड में जाना चाहती हूं और एमबीबीएस के बाद कार्डियोलॉजिस्ट बनने का सपना देख रही हूं।”
बेटियों की मेहनत के पीछे परिवार और शिक्षकों का योगदान
इन दोनों ही छात्राओं के सफल होने में न केवल उनकी लगन और अनुशासन का योगदान है, बल्कि उनके माता-पिता और स्कूल शिक्षकों ने भी उन्हें पूरा सहयोग दिया। विशेष रूप से कोविड महामारी के बाद की चुनौतियों के बावजूद स्कूलों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पढ़ाई को निरंतर बनाए रखा।
शिक्षक रेखा वर्मा, जो कि कृतिका को विज्ञान विषय पढ़ाती हैं, बताती हैं, “हमने बच्चों को समझाया कि परीक्षा सिर्फ अंक पाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह आत्मविश्वास और अनुशासन को मापने का भी माध्यम है। बेटियों ने इस दिशा में जिस तरह से परिश्रम किया, वह काबिले तारीफ है।”
राज्य और जिला प्रशासन ने दी बधाई
जिले के जिलाधिकारी श्री राजेश कुमार ने परीक्षा परिणाम की घोषणा के तुरंत बाद टॉप करने वाली छात्राओं और उनके परिवार को सम्मानित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “जिले की बेटियों ने यह साबित कर दिया है कि अगर उन्हें समान अवसर और सही मार्गदर्शन मिले, तो वे किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं हैं।”
वहीं जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने भी कहा कि बेटियों की यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योजनाएं लागू करने की दिशा में काम कर रहा है, जिससे हर छात्रा को गुणवत्ता वाली शिक्षा मिले।
सांख्यिकीय विवरण: बेटियों का ग्राफ बढ़ा
इस बार की परीक्षा में जिले से कुल 8,452 छात्रों ने ICSE परीक्षा दी, जिसमें से 4,360 छात्राएं थीं। ISC परीक्षा में कुल 5,024 छात्रों ने हिस्सा लिया, जिनमें 2,768 छात्राएं थीं। ICSE में पास प्रतिशत 99.38% रहा, जबकि ISC में 98.65% छात्र सफल रहे। इनमें लड़कियों का पास प्रतिशत लड़कों से अधिक रहा।
विशेष बात यह रही कि जिले के टॉप 10 स्थानों में से 7 स्थान बेटियों ने हासिल किए। इससे स्पष्ट होता है कि लड़कियों का शिक्षा के प्रति रुझान और मेहनत निरंतर बढ़ रही है।
समाज में सकारात्मक संदेश
बेटियों की इस कामयाबी ने समाज में भी एक सकारात्मक संदेश दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी इलाकों तक, कई अभिभावकों ने कहा कि अब वे अपनी बेटियों की शिक्षा पर पहले से अधिक ध्यान देंगे।
ग्राम कुशाहरी की निवासी मीरा देवी, जिनकी बेटी ICSE में 96% अंक लाकर पास हुई, कहती हैं, “हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारी बेटी इतना अच्छा करेगी। अब हम उसे शहर भेजकर आगे की पढ़ाई करवाएंगे।”
इस तरह की सोच यह बताती है कि शिक्षा का स्तर सिर्फ स्कूल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे परिवार और समाज की मानसिकता को भी बदल रहा है।
सरकारी और निजी प्रयासों का मिला-जुला असर
जिले में पिछले कुछ वर्षों से सरकारी स्तर पर बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम, छात्रवृत्ति योजनाएं और बालिकाओं के लिए अलग कक्षाएं एवं पुस्तकालय जैसी सुविधाएं प्रदान की गई हैं।
इसके साथ ही निजी स्कूलों ने भी अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता को बनाए रखते हुए टेक्नोलॉजी के सहारे बच्चों को इंटरएक्टिव लर्निंग की सुविधा दी, जिससे छात्राओं को पढ़ाई में काफी मदद मिली।
भविष्य की योजनाएं और प्रेरणा स्रोत
जिले की ये बेटियां अब कई और बच्चों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। कई स्कूलों ने घोषणा की है कि वे इन छात्राओं को “ब्रांड एंबेसडर” के रूप में प्रस्तुत करेंगे, ताकि अन्य छात्राएं भी उनसे प्रेरित होकर शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ें।
साक्षी मिश्रा ने बताया कि वह छुट्टियों में अपने गांव जाकर अन्य बच्चों को गाइड करेंगी, ताकि वे भी पढ़ाई के प्रति गंभीर बनें।
