कानपुर में गर्मी और उमस का प्रकोप: स्कूलों को डीएम के आदेश का इंतजार, 1 मई को बैठक में होगा फैसला
कानपुर, 29 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के कानपुर में अप्रैल के अंत में भीषण गर्मी और उमस ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। तापमान 42 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है, जिसके चलते स्कूलों के समय या अवकाश को लेकर अभिभावक और शिक्षक चिंतित हैं। जिला प्रशासन ने अभी तक स्कूलों के लिए कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन जिलाधिकारी (डीएम) राकेश कुमार सिंह ने बताया कि 1 मई 2025 को एक बैठक में स्कूलों के समय या अवकाश पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। यह बैठक मौसम की स्थिति और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बुलाई गई है।
मौसम की स्थिति: धूप और उमस का कहर
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, कानपुर में पिछले कुछ दिनों से तापमान 40-42 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है, और उच्च आर्द्रता के कारण उमस ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। दिन में तेज धूप और रात में गर्म हवाएं चल रही हैं, जिससे बच्चों और बुजुर्गों को खासा परेशानी हो रही है। ‘एक्स’ पर कई यूजर्स ने इस स्थिति पर चिंता जताई है। एक यूजर ( ने लिखा, “कानपुर नगर का तापमान 42 डिग्री पार कर गया है। स्कूलों का समय 12 बजे तक करना बच्चों के लिए हितकर होगा।”
स्कूलों की स्थिति: अभिभावकों और शिक्षकों की मांग
कानपुर में कक्षा 1 से 12 तक के सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ाई जारी है, लेकिन गर्मी के कारण बच्चों को स्कूल आने-जाने में दिक्कत हो रही है। कई अभिभावकों ने स्कूलों का समय सुबह जल्दी करने या गर्मी की छुट्टियों की घोषणा करने की मांग की है। स्थानीय शिक्षक संगठनों ने भी जिला प्रशासन से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की अपील की है।
पिछले साल, 21 मई 2024 को डीएम ने भीषण गर्मी के चलते कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों को 30 जून तक बंद करने का आदेश जारी किया था। इस बार भी अभिभावक और स्कूल प्रशासन उसी तरह के आदेश की उम्मीद कर रहे हैं। एक अन्य ‘एक्स’ पोस्ट में ( लिखा गया, “लखनऊ में गर्मी के कारण स्कूल समय में बदलाव किया गया। कानपुर में भी बढ़ते तापमान को देखते हुए ऐसा करना चाहिए।”

डीएम की बैठक: 1 मई को होगा फैसला
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने अमर उजाला से बातचीत में कहा, “हम मौसम की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। 1 मई को बेसिक शिक्षा विभाग और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई गई है, जिसमें स्कूलों के समय में बदलाव या अवकाश पर फैसला लिया जाएगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग की सलाह और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाएगा।
पिछले अनुभवों को देखते हुए, संभावना है कि डीएम स्कूलों का समय सुबह 7 बजे से 11 बजे तक करने या कुछ दिनों के लिए अवकाश घोषित करने का आदेश दे सकते हैं। 2024 में, कानपुर में गर्मी के कारण स्कूल 21 मई से 30 जून तक बंद रहे थे, और इस बार भी इसी तरह का कदम उठाया जा सकता है।
सामाजिक और प्रशासनिक संदर्भ
कानपुर में गर्मी और उमस के कारण स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति भी प्रभावित हो रही है। कई स्कूलों ने स्वयं ही कुछ उपाय शुरू किए हैं, जैसे बच्चों को पानी की बोतल लाने की अनुमति देना और कक्षाओं में पंखों की व्यवस्था करना। हालांकि, सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण स्थिति और चुनौतीपूर्ण है।
‘एक्स’ पर अभिभावकों ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है, जिसमें कुछ ने लखनऊ का उदाहरण दिया, जहां डीएम ने गर्मी को देखते हुए स्कूलों का समय बदल दिया। यह मांग उस समय और प्रासंगिक हो जाती है, जब उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों, जैसे आगरा और नोएडा, में भी गर्मी के कारण स्कूलों के समय में बदलाव या अवकाश की घोषणा की जा चुकी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गर्मी और उमस के कारण बच्चों को दोपहर में बाहर न निकलने की सलाह दी है। डॉ. अनिल शर्मा, एक स्थानीय बाल रोग विशेषज्ञ, ने कहा, “उच्च तापमान और आर्द्रता के कारण बच्चों में डिहाइड्रेशन और हीटस्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। स्कूलों को सुबह जल्दी संचालित करना या ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करना बेहतर होगा।”
