गोंडा की बेटी मुस्कान की प्रेरणादायक यात्रा: मल्टीनेशनल कंपनी से IAS तक
गोंडा, 29 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की बेटी मुस्कान ने अपनी मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प से एक ऐसी मिसाल कायम की है, जो देशभर की बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है। मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों रुपये की नौकरी छोड़कर मुस्कान ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की राह चुनी। पहले प्रयास में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयन हुआ, लेकिन उनका लक्ष्य था भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में जाना। दूसरे प्रयास में उन्होंने 2023 की यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 36 हासिल कर अपने सपने को साकार किया। मुस्कान की यह कहानी संघर्ष, त्याग और सफलता की एक ऐसी गाथा है, जो हर उस व्यक्ति को प्रेरित करती है, जो बड़े सपने देखने की हिम्मत रखता है।
प्रेरणा का स्रोत: अखबारों की खबरें
मुस्कान का जन्म गोंडा के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे, जबकि मां गृहिणी। बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल मुस्कान को सामाजिक मुद्दों और प्रशासनिक सुधारों में गहरी रुचि थी। स्कूल के दिनों में वह अखबारों में IAS अधिकारियों की कहानियां और उनके कार्यों की खबरें पढ़ा करती थीं। इन खबरों ने उनके मन में एक सपना जगा—देश की सेवा करने और समाज में बदलाव लाने का।
मुस्कान ने बताया, “मैं अखबारों में पढ़ती थी कि कैसे IAS अधिकारी गरीबों की मदद करते हैं, नीतियां बनाते हैं और समाज को बेहतर बनाते हैं। मैंने ठान लिया था कि मुझे भी ऐसा ही कुछ करना है।” यह प्रेरणा ही थी जिसने उन्हें यूपीएससी की कठिन राह पर चलने के लिए तैयार किया।

शिक्षा और शुरुआती करियर
मुस्कान ने गोंडा के एक स्थानीय स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर लखनऊ विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। उनकी प्रतिभा और मेहनत ने उन्हें एक मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी दिलाई, जहां उन्हें लाखों रुपये का पैकेज मिला। यह नौकरी उनके परिवार के लिए गर्व की बात थी, लेकिन मुस्कान का दिल कहीं और था।
नौकरी के दौरान भी वह यूपीएससी की तैयारी करती थीं। ऑफिस के बाद रातभर पढ़ाई और वीकेंड पर मॉक टेस्ट्स उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गए। परिवार और दोस्तों ने उनकी इस जिद को शुरू में पागलपन समझा। कई लोगों ने सलाह दी कि वह अपनी सुरक्षित और आकर्षक नौकरी छोड़ने का जोखिम न लें, लेकिन मुस्कान का इरादा पक्का था। उन्होंने कहा, “मुझे पता था कि अगर मैंने यह मौका छोड़ दिया, तो जिंदगी भर पछताऊंगी।”
पहला प्रयास: IPS में चयन
2021 में मुस्कान ने पहली बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी। उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 150 के साथ भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में जगह बनाई। यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी, लेकिन उनका अंतिम लक्ष्य IAS बनना था। IPS में चयन के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी तैयारी को और तेज कर दिया।
मुस्कान ने बताया, “IPS में चयन होने पर मुझे बहुत खुशी हुई, लेकिन मेरा सपना IAS बनकर देश के लिए कुछ बड़ा करना था। मैंने सोचा कि अगर मैं इतनी दूर आ सकती हूं, तो थोड़ा और प्रयास मुझे मेरे लक्ष्य तक पहुंचा सकता है।” उनकी इस जिद ने उन्हें दोबारा यूपीएससी की तैयारी में जुटने के लिए प्रेरित किया।
दूसरा प्रयास: AIR 36 के साथ IAS
2023 में मुस्कान ने दूसरी बार यूपीएससी परीक्षा दी और इस बार उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 36 हासिल कर अपने IAS बनने के सपने को पूरा किया। यह न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे गोंडा जिले के लिए गर्व का क्षण था। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समुदाय को प्रेरित किया।
मुस्कान की सफलता की खबर जैसे ही गोंडा में फैली, उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों में उनकी कहानी को प्रेरणा के रूप में साझा किया जा रहा है। ‘एक्स’ पर भी उनकी उपलब्धि की खूब चर्चा हुई, जहां यूजर्स ने उन्हें “गोंडा की बेटी” और “युवाओं की प्रेरणा” करारម्हें। एक यूजर ने लिखा, “मुस्कान ने साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी सपना असंभव नहीं है।”
महिलाओं के लिए प्रेरणा
मुस्कान की कहानी खासकर बेटियों के लिए एक मिसाल है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में, जहां लैंगिक असमानता और सामाजिक रूढ़ियां अभी भी चुनौतियां पेश करती हैं, मुस्कान ने यह दिखाया कि मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “मैं हर उस लड़की को कहना चाहती हूं जो अपने सपनों को पूरा करना चाहती है—डरें नहीं, मेहनत करें और खुद पर भरोसा रखें।”
चुनौतियां और परिवार का समर्थन
मुस्कान की राह आसान नहीं थी। मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ने का फैसला उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। परिवार के कुछ सदस्यों ने शुरू में इसका विरोध किया, क्योंकि यह आर्थिक सुरक्षा का सवाल था। लेकिन उनके पिता ने उनका साथ दिया और उन्हें प्रोत्साहित किया। मुस्कान ने कहा, “मेरे पिता ने मुझसे कहा कि अगर मैं यह नहीं करूंगी, तो जिंदगी भर अफसोस रहेगा। उनका यह विश्वास मेरी ताकत बना।”
यूपीएससी की तैयारी के दौरान उन्हें कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ा। प्रारंभिक परीक्षा में अच्छे अंक न आने पर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने अपनी कमजोरियों पर काम किया और स्मार्ट स्टडी की रणनीति अपनाई।
भविष्य की योजनाएं
IAS बनने के बाद मुस्कान का लक्ष्य समाज के कमजोर वर्गों, खासकर महिलाओं और बच्चों, के लिए काम करना है। वह शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए नीतियां बनाना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “मैं चाहती हूं कि गोंडा जैसे छोटे शहरों के बच्चे भी बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने का मौका मिले।”
सामाजिक प्रभाव
मुस्कान की सफलता ने गोंडा में यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच नई उम्मीद जगाई है। स्थानीय कोचिंग सेंटरों में उनकी कहानी को प्रेरणा के रूप में साझा किया जा रहा है। गोंडा के डीएम ने भी उनकी उपलब्धि की सराहना की और कहा, “मुस्कान ने न केवल गोंडा, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया है।”
