‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ विवाद: रणवीर अल्लाहबादिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, पासपोर्ट लौटाने का आदेश
नई दिल्ली, 28 अप्रैल 2025: यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया, जिन्हें ‘बीयरबाइसेप्स’ के नाम से भी जाना जाता है, को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उनके पासपोर्ट को लौटाने का आदेश दिया, जिससे वह अपने पेशेवर काम के लिए विदेश यात्रा कर सकेंगे। यह फैसला ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो में उनकी विवादित टिप्पणियों से जुड़े मामले में जांच पूरी होने के बाद आया है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह की बेंच ने असम और महाराष्ट्र सरकारों के इस बयान के बाद यह राहत दी कि रणवीर के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है।
विवाद की शुरुआत: ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो
यह विवाद 10 फरवरी 2025 को शुरू हुआ, जब रणवीर अल्लाहबादिया कॉमेडियन समाय रैना के यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के बोनस एपिसोड 6 में अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस दौरान रणवीर ने माता-पिता और यौन संबंधों को लेकर एक टिप्पणी की, जिसे कई लोगों ने आपत्तिजनक और अश्लील माना। रणवीर ने एक स्टैंडअप कॉमेडियन से सवाल पूछा था, “क्या आप अपने माता-पिता को हर दिन यौन संबंध बनाते देखेंगे या इसे हमेशा के लिए रोकने के लिए एक बार इसमें शामिल होंगे?” इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया और देश भर में उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गईं।
मामला तब और तूल पकड़ गया जब मुंबई, गुवाहाटी और जयपुर में रणवीर और शो से जुड़े अन्य लोगों, जैसे समाय रैना, आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्वा मखीजा के खिलाफ कई प्राथमिकियां (FIR) दर्ज की गईं। इन पर भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और सिनेमैटोग्राफ अधिनियम के तहत अश्लीलता को बढ़ावा देने और महिलाओं का अनादर करने जैसे आरोप लगाए गए। विवाद के बाद समाय रैना ने शो के सभी एपिसोड यूट्यूब से हटा लिए, और रणवीर ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी, यह स्वीकार करते हुए कि उनकी टिप्पणी “न केवल अनुचित थी, बल्कि मजेदार भी नहीं थी।”
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
18 फरवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर अल्लाहबादिया को विभिन्न शहरों में दर्ज प्राथमिकियों में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया, लेकिन उनकी टिप्पणियों को “अश्लील” और “गंदे दिमाग” की उपज बताते हुए कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, “उनके दिमाग में कुछ गंदा है, जो इस कार्यक्रम के माध्यम से फैलाया गया।” कोर्ट ने रणवीर को थाने के नोडल साइबर पुलिस स्टेशन, ठाणे में अपना पासपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया, जिससे वह बिना कोर्ट की अनुमति के विदेश यात्रा नहीं कर सकते थे। इसके अलावा, कोर्ट ने शुरू में उनके पॉडकास्ट ‘द रणवीर शो’ पर किसी भी तरह का कंटेंट अपलोड करने पर रोक लगा दी थी।
3 मार्च 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर को अपना पॉडकास्ट फिर से शुरू करने की अनुमति दी, बशर्ते कि सामग्री “नैतिकता और शालीनता” के मानकों का पालन करे और सभी आयु वर्ग के दर्शकों के लिए उपयुक्त हो। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि रणवीर अपने कंटेंट में इस मामले का जिक्र नहीं करेंगे। रणवीर ने कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर भविष्य में शालीनता बनाए रखने का वचन दिया।

पासपोर्ट लौटाने का आदेश
21 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने नोट किया कि रणवीर के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस की जांच पूरी हो चुकी है, और गुवाहाटी में दर्ज प्राथमिकी में केवल एक सह-आरोपी का बयान दर्ज करना बाकी है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि महाराष्ट्र पुलिस जल्द ही चार्जशीट दाखिल करेगी। इसके आधार पर कोर्ट ने रणवीर की पासपोर्ट वापसी की याचिका पर सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तारीख तय की।
28 अप्रैल 2025 को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह की बेंच ने असम और महाराष्ट्र सरकारों के इस बयान के बाद पासपोर्ट लौटाने का आदेश दिया कि रणवीर के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने रणवीर को महाराष्ट्र साइबर पुलिस ब्यूरो से संपर्क कर अपना पासपोर्ट वापस लेने की अनुमति दी। इसके साथ ही, कोर्ट ने रणवीर के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ को बताया कि अगली सुनवाई में उनकी कई प्राथमिकियों को एक जगह समेकित करने की याचिका पर विचार किया जाएगा।
रणवीर का बयान और वापसी
विवाद के बाद रणवीर ने एक महीने तक सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी। 7 मार्च 2025 को वह गुवाहाटी पुलिस के सामने पेश हुए और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के समन का भी जवाब दिया। अप्रैल में अपनी वापसी की घोषणा करते हुए, रणवीर ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा, “मजबूरी में लिया गया ब्रेक मुझे शांति अपनाने का मौका दे गया। मुझे पता चला कि कई भारतीय मुझे अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। उन सभी से माफी। अगले 10, 20, 30 साल तक, जब तक मैं कंटेंट बनाऊंगा, मैं इसे और जिम्मेदारी के साथ करूंगा।”
उन्होंने अपने नए पॉडकास्ट एपिसोड में बौद्ध भिक्षु पालगा रिनपोचे को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया और शालीनता के साथ कंटेंट बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
सियासी और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
इस मामले ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया में शालीनता की सीमाओं पर बहस छेड़ दी। कुछ लोगों ने रणवीर की टिप्पणियों को “अश्लील” और “अनुचित” माना, जबकि अन्य ने इसे कॉमेडी शो के हिस्से के रूप में हल्के-फुल्के मजाक के रूप में देखा। सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणियों, जैसे “गंदा दिमाग” और “समाज को शर्मसार करने वाला,” ने इस मामले को और सुर्खियों में ला दिया।
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने रणवीर के प्रति समर्थन जताया, उनका तर्क था कि एक मजाक को इतना तूल देना अनुचित है। एक यूजर ने लिखा, “रणवीर ने माफी मांग ली, फिर भी उन्हें इतना परेशान किया जा रहा है। क्या कॉमेडी शो में मजाक करना अब अपराध है?” वहीं, कुछ ने कोर्ट के कड़े रुख की सराहना की, यह कहते हुए कि प्रभावशाली हस्तियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
आगे की राह
सुप्रीम कोर्ट का पासपोर्ट लौटाने का फैसला रणवीर के लिए बड़ी राहत है, क्योंकि इससे वह अपने अंतरराष्ट्रीय शो और पेशेवर प्रतिबद्धताओं को पूरा कर सकेंगे। हालांकि, कई प्राथमिकियों को एक जगह समेकित करने की उनकी याचिका अभी लंबित है, जिस पर अगली सुनवाई में विचार होगा। इसके अलावा, समाय रैना के खिलाफ एक नई याचिका, जिसमें उन पर विकलांग लोगों का मजाक उड़ाने का आरोप है, 5 मई 2025 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है।
