• October 14, 2025

पहलगाम हमले पर ओवैसी का अफरीदी को करारा जवाब: “क्या जोकरों का नाम ले रहे?”

छत्रपति संभाजीनगर, 28 अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी के बयान पर तीखा पलटवार किया है। अफरीदी ने इस हमले के लिए भारतीय सेना को “नालायक” और “निकम्मा” बताते हुए भारत पर बिना सबूत के पाकिस्तान को दोषी ठहराने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में ओवैसी ने अफरीदी को “जोकर” करार देते हुए कहा, “तुम क्या जोकरों का नाम ले रहे हो मेरे सामने? यह लोग आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं और बेतुके बयान दे रहे हैं।” ओवैसी का यह बयान महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एक जनसभा के दौरान आया, जहां वे वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए थे।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरण मीडो में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें एक नेपाली नागरिक और दो विदेशी पर्यटक शामिल थे। इस हमले में कई लोग घायल भी हुए। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक है। आतंकियों ने कथित तौर पर पीड़ितों की धार्मिक पहचान पूछकर उनकी हत्या की, जिसे ओवैसी ने “आईएसआईएस जैसा कृत्य” करार दिया। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदार ठहराया है।
अफरीदी का विवादित बयान
पाकिस्तानी टीवी चैनल समा टीवी पर बोलते हुए शाहिद अफरीदी ने पहलगाम हमले पर भारत की प्रतिक्रिया और मीडिया कवरेज की आलोचना की। उन्होंने कहा, “भारत में पटाखा भी फट जाए, तो पाकिस्तान को दोष दे देते हैं। कश्मीर में 8 लाख सैनिक हैं, फिर भी यह हमला हुआ। इसका मतलब तुम नालायक हो, निकम्मे हो, जो लोगों को सुरक्षा नहीं दे सके।” अफरीदी ने पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत मांगे और भारतीय मीडिया को “बॉलीवुड” जैसा बताकर उसका मजाक उड़ाया। उनके इस बयान ने भारत में तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया।
ओवैसी का तीखा पलटवार
छत्रपति संभाजीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने अफरीदी के बयान को “बचकाना” और “हास्यास्पद” बताया। उन्होंने कहा, “शाहिद अफरीदी कौन है? क्या जोकरों का नाम ले रहे हो मेरे सामने? ये लोग आतंकवाद को फंडिंग करते हैं और फिर बेतुके बयान देकर दुनिया को गुमराह करते हैं।” ओवैसी ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में वापस लाना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा, “पाकिस्तान आईएसआईएस का उत्तराधिकारी बन गया है। लोगों की धार्मिक पहचान पूछकर हत्या करना कहां का धर्म है? ये ख्वारिज से भी बदतर हैं।”
ओवैसी ने भारत सरकार से पाकिस्तान पर आर्थिक और कूटनीतिक दबाव बढ़ाने की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि कश्मीर और कश्मीरी भारत का अभिन्न हिस्सा हैं, और कुछ टीवी चैनलों द्वारा कश्मीरियों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिशों को रोका जाए। उन्होंने कहा, “कश्मीर भारत का है, और कश्मीरी भी भारत के हैं। आतंकियों से लड़ते हुए कश्मीरी मरे, घायलों को कंधों पर ले गए। फिर भी कुछ लोग कश्मीरियों पर शक करते हैं। यह शर्मनाक है।”
पाकिस्तान के अन्य बयानों पर भी हमला
ओवैसी ने पहलगाम हमले पर पाकिस्तानी नेताओं के बयानों की भी आलोचना की। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने हमले के बाद “खून बहेगा” जैसे उत्तेजक बयान दिए थे, जिस पर ओवैसी ने कहा, “बिलावल को याद रखना चाहिए कि उनकी मां (बेनजीर भुट्टो) को उसी पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों ने मारा था। बचकानी बातें न करें।” इसके अलावा, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस दावे पर भी ओवैसी ने निशाना साधा, जिसमें उन्होंने हमले को “भारत की साजिश” और “फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन” बताया था। ओवैसी ने कहा, “पाकिस्तान अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है। आतंकवाद का समर्थन करने की उनकी नीति पूरी दुनिया देख रही है।”
सियासी और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
ओवैसी के इस बयान ने भारत में व्यापक समर्थन और कुछ आलोचनाएं दोनों प्राप्त कीं। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उनके तीखे पलटवार की सराहना की, खासकर अफरीदी को “जोकर” कहने पर। एक यूजर ने लिखा, “ओवैसी ने बिल्कुल सही कहा। अफरीदी जैसे लोग आतंकवाद पर पर्दा डालने की कोशिश करते हैं।” वहीं, कुछ ने ओवैसी पर सियासी फायदा उठाने का आरोप लगाया। बीजेपी के कुछ नेताओं ने कहा कि ओवैसी का बयान सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए है।
पहलगाम हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। भारत ने हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दीं, जबकि पाकिस्तान ने रूस और चीन से हमले की जांच में शामिल होने की मांग की है। भारत ने इसे “हास्यास्पद” बताते हुए खारिज कर दिया।
कानूनी और सुरक्षा कदम
पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। 60 से अधिक छापेमारी की गई, और 9 संदिग्ध ठिकानों को ध्वस्त किया गया। भारत सरकार ने हमले के दोषियों को “कठोरतम जवाब” देने की बात कही है। ओवैसी ने सरकार से मांग की कि आतंकियों को सजा दी जाए और पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाया जाए।
आगे की राह
यह विवाद अभी शांत होने के आसार नहीं दिख रहे। ओवैसी ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाएंगे, खासकर पाकिस्तान और उसके समर्थकों के खिलाफ। अफरीदी का बयान और ओवैसी का जवाब दोनों ही सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। इस बीच, पहलगाम हमले ने कश्मीर में पर्यटन उद्योग पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, और स्थानीय लोग सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
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Rama Niwash Pandey

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