यूपी में मौसम का मिजाज: 23 जिलों में वज्रपात, 12 जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनी
लखनऊ, 26 अप्रैल 2025:उत्तर प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने राज्य के 23 जिलों में गरज-चमक के साथ वज्रपात और 12 जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। यह मौसमी बदलाव पश्चिमी विक्षोभ और स्थानीय वायुमंडलीय परिस्थितियों का परिणाम है, जिसके चलते अगले 48 घंटों में कई क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। इस चेतावनी ने किसानों, आम नागरिकों और प्रशासन को सतर्क कर दिया है, क्योंकि इससे फसलों को नुकसान और जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है।
मौसम विभाग की चेतावनी: किन जिलों में क्या असर?
मौसम विभाग के अनुसार, 23 जिलों में गरज-चमक के साथ वज्रपात की संभावना है। इनमें लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, फैजाबाद, बस्ती, आजमगढ़, जौनपुर, सुल्तानपुर, रायबरेली, अमेठी, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा शामिल हैं। इन क्षेत्रों में 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, और कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश भी हो सकती है। वज्रपात का खतरा विशेष रूप से खुले मैदानों, पेड़ों के नीचे या पानी के निकट रहने वालों के लिए अधिक है।
इसके अलावा, 12 जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई है। इनमें सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया और कानपुर देहात शामिल हैं। इन क्षेत्रों में ओलावृष्टि के साथ तेज हवाएं और बारिश फसलों, विशेष रूप से गेहूं, चना, सरसों और आम की फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित करने के लिए तत्काल कदम उठाएं और खुले में रखे अनाज को ढक दें।
क्यों हो रहा है मौसम में बदलाव?
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह बदलाव एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और पूर्वी हवाओं के टकराव का परिणाम है। पश्चिमी विक्षोभ हिमालयी क्षेत्र से उत्तर भारत में प्रवेश कर रहा है, जिसके कारण उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में बादल छाए हुए हैं। इसके साथ ही, बंगाल की खाड़ी से नम हवाएं भी राज्य में प्रवेश कर रही हैं, जो वज्रपात और ओलावृष्टि के लिए अनुकूल परिस्थितियां बना रही हैं। मौसम विभाग के निदेशक जे.पी. गुप्ता ने बताया, “अगले 48 घंटे महत्वपूर्ण हैं। लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां वज्रपात और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई है।”

प्रशासन की तैयारियां
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां वज्रपात का खतरा अधिक है, लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। प्रशासन ने बिजली के उपकरणों को अनप्लग करने, पेड़ों के नीचे न रहने और पानी के निकट न जाने की सलाह दी है। इसके अलावा, ओलावृष्टि से प्रभावित होने वाले जिलों में कृषि विभाग के अधिकारियों को किसानों की सहायता के लिए तैनात किया गया है।
लखनऊ के जिलाधिकारी ने बताया, “हमने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे मौसम की स्थिति पर नजर रखें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। लोगों से अपील है कि वे मौसम विभाग की सलाह का पालन करें और सुरक्षित रहें।”
किसानों की चिंता
ओलावृष्टि की चेतावनी ने किसानों के बीच चिंता बढ़ा दी है। उत्तर प्रदेश में इस समय गेहूं की कटाई और आम की फसल की तैयारियां चल रही हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान रामपाल सिंह ने कहा, “पिछले साल भी ओलावृष्टि ने हमारी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया था। इस बार हम पहले से सतर्क हैं, लेकिन अगर ओले गिरे तो नुकसान से बचना मुश्किल होगा।” कृषि विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि किसान अपनी फसलों को प्लास्टिक शीट या तिरपाल से ढकें और संभव हो तो फसल बीमा का लाभ उठाएं।
जनजीवन पर प्रभाव
मौसम के इस मिजाज का असर जनजीवन पर भी पड़ने की संभावना है। वज्रपात और तेज हवाओं के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है, और कुछ क्षेत्रों में सड़क यातायात प्रभावित हो सकता है। लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे बड़े शहरों में बारिश के कारण जलभराव की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और घरों में रहकर सुरक्षा सुनिश्चित करें।
सुरक्षा के उपाय
मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों को निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
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वज्रपात से बचाव: खुले मैदानों में न रहें, पेड़ों के नीचे शरण न लें, और बिजली के उपकरणों को अनप्लग करें।
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ओलावृष्टि से सुरक्षा: वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर खड़ा करें और फसलों को ढक दें।
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तेज हवाओं से बचाव: कमजोर संरचनाओं से दूर रहें और घरों की खिड़कियां-दरवाजे बंद रखें।
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जागरूकता: मौसम विभाग की वेबसाइट और स्थानीय समाचार चैनलों पर अपडेट्स देखते रहें।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, 28 अप्रैल के बाद मौसम में कुछ सुधार हो सकता है, और बारिश की तीव्रता कम होने की संभावना है। हालांकि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश और बादल छाए रह सकते हैं। तापमान में भी कमी आएगी, जिससे गर्मी से कुछ राहत मिलेगी। लखनऊ में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 22 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है।
