UP Board Result 2025: सपनों को मिली उड़ान…मेहनत ने दिलाई पहचान, ये हैं प्रदेश के टॉप-10 में शामिल 10वीं के महारथी
प्रयागराज, 26 अप्रैल 2025 उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) ने 25 अप्रैल 2025 को हाईस्कूल (कक्षा 10) के नतीजे घोषित कर दिए। इस बार 27.41 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 90.1% ने सफलता हासिल की। इस शानदार प्रदर्शन के बीच कुछ छात्रों ने अपनी मेहनत और लगन से न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया। यूपी बोर्ड की कक्षा 10 की टॉप-10 सूची में शामिल ये महारथी अपनी मेहनत, अनुशासन और सपनों की उड़ान का प्रतीक हैं। आइए, जानते हैं इन टॉपर्स की कहानी, उनकी रणनीति और भविष्य की योजनाओं के बारे में।
यूपी बोर्ड 2025: कक्षा 10 के टॉप-10 छात्र
इस बार यूपी बोर्ड कक्षा 10 की परीक्षा में जालौन के यश प्रताप सिंह ने 97.83% अंकों (600 में से 587) के साथ पहला स्थान हासिल किया। उनके बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर कई छात्रों ने अपनी जगह बनाई। नीचे टॉप-10 रैंक धारकों की सूची दी गई है, जो विभिन्न समाचार स्रोतों और सोशल मीडिया पोस्ट्स के आधार पर संकलित की गई है:
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यश प्रताप सिंह (जालौन) – 587/600 (97.83%)
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स्कूल: सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, जालौन
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यश ने अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों और परिवार को दिया। उन्होंने बताया कि रोजाना 8-10 घंटे की पढ़ाई और नियमित नोट्स बनाने की आदत ने उन्हें टॉप करने में मदद की। भविष्य में वह आईआईटी से इंजीनियरिंग करना चाहते हैं।
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अंशी (प्रयागराज) – 586/600 (97.67%)
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स्कूल: शिवाजी इंटर कॉलेज, प्रयागराज
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अंशी ने दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया। उन्होंने कहा कि वह रोज 12 घंटे पढ़ाई करती थीं और सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखती थीं। उनका सपना आईएएस बनकर देश की सेवा करना है। अंशी ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को दिया।
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अभिषेक कुमार यादव (कानपुर) – 586/600 (97.67%)
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स्कूल: सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, कानपुर
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अभिषेक ने भी दूसरा स्थान साझा किया। उन्होंने बताया कि नियमित टाइम टेबल और पिछले साल के प्रश्नपत्रों को हल करने से उन्हें आत्मविश्वास मिला। वह भविष्य में वैज्ञानिक बनना चाहते हैं।
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ऋतु गर्ग (फतेहपुर) – 585/600 (97.50%)
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स्कूल: श्री राम इंटर कॉलेज, फतेहपुर
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तीसरे स्थान पर रहीं ऋतु ने 4-5 घंटे की सेल्फ-स्टडी पर जोर दिया। वह आईआईटी में पढ़ाई करना चाहती हैं और इंजीनियर बनने का सपना देखती हैं।
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अर्पित यादव (कानपुर) – 585/600 (97.50%)
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स्कूल: ज्ञान गंगा इंटर कॉलेज, कानपुर
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अर्पित ने तीसरा स्थान साझा किया। उन्होंने बताया कि ग्रुप स्टडी और शिक्षकों के मार्गदर्शन ने उनकी सफलता में बड़ी भूमिका निभाई। उनका लक्ष्य सिविल सेवा में जाना है।
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सिमरन गुप्ता (लखनऊ) – 585/600 (97.50%)
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स्कूल: सेंट जेवियर्स स्कूल, लखनऊ
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सिमरन ने भी तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई। उन्होंने रोज 11-12 घंटे पढ़ाई की और परिवार के समर्थन को अपनी ताकत बताया। वह आईआईटी में पढ़कर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में योगदान देना चाहती हैं।
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आशिका कटियार (कन्नौज) – 576/600 (96.00%)
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स्कूल: सेंट जॉन्स स्कूल, कन्नौज
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आशिका ने चौथा स्थान हासिल किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई में नियमितता और समय प्रबंधन को महत्व दिया। वह डॉक्टर बनना चाहती हैं।
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शक्ति पाल (कन्नौज) – 570/600 (95.00%)
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स्कूल: सरस्वती विद्या मंदिर, कन्नौज
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पांचवें स्थान पर रहे शक्ति ने कहा कि पिछले साल के टॉपर्स से प्रेरणा लेकर उन्होंने पढ़ाई की। उनका लक्ष्य इंजीनियरिंग है।
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आयुषी कुशवाहा (कन्नौज) – 564/600 (94.00%)
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स्कूल: होली ट्रिनिटी स्कूल, कन्नौज
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आयुषी ने छठा स्थान प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि माता-पिता और शिक्षकों का प्रोत्साहन उनकी सबसे बड़ी ताकत था। वह मेडिकल क्षेत्र में जाना चाहती हैं।
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अन्य रैंक धारक (विवरण उपलब्ध नहीं)
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टॉप-10 में अन्य छात्रों के नाम भी शामिल हैं, लेकिन उनकी पूरी जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। जैसे ही यूपी बोर्ड या अन्य विश्वसनीय स्रोत इनके बारे में अपडेट देंगे, सूची को अपडेट किया जाएगा।
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टॉपर्स की सफलता की कहानी: मेहनत और अनुशासन का मंत्र
इन टॉपर्स की कहानियों में कुछ समानताएं हैं – कठिन परिश्रम, समय प्रबंधन, और परिवार-शिक्षकों का समर्थन। यश प्रताप सिंह, जिन्होंने पहला स्थान हासिल किया, ने बताया कि वह रोजाना सुबह 4 बजे उठकर पढ़ाई शुरू करते थे। उन्होंने कहा, “मैंने हर विषय के लिए अलग-अलग नोट्स बनाए और पिछले 5 साल के प्रश्नपत्र हल किए। मेरे शिक्षकों ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया।”
अंशी, जिन्होंने दूसरा स्थान प्राप्त किया, ने अपनी सफलता का राज साझा करते हुए कहा, “मैंने सोशल मीडिया और टीवी से दूरी बनाए रखी। मेरे लिए पढ़ाई एक मिशन था। मेरे माता-पिता ने मुझे हर कदम पर प्रेरित किया।” सिमरन गुप्ता ने भी अपनी रणनीति के बारे में बताया, “मैंने हर दिन 11-12 घंटे पढ़ाई की और अपने कमजोर विषयों पर ज्यादा ध्यान दिया। मेरे पिता की छोटी सी दुकान से मिलने वाली आय ने मेरी पढ़ाई को संभाला।”

परीक्षा और परिणाम का अवलोकन
यूपी बोर्ड कक्षा 10 की परीक्षा 24 फरवरी से 12 मार्च 2025 तक 8,140 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इस साल 27,41,674 छात्रों ने परीक्षा दी, जिनमें से 90.1% पास हुए। लड़कियों का पास प्रतिशत 93.40% रहा, जबकि लड़कों का 86.05%। पिछले साल की तुलना में इस साल पास प्रतिशत में मामूली सुधार देखा गया।
परिणाम 25 अप्रैल 2025 को दोपहर 12:30 बजे प्रयागराज में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घोषित किए गए। छात्र अपने परिणाम आधिकारिक वेबसाइट्स upmsp.edu.in, upresults.nic.in, और results.digilocker.gov.in पर रोल नंबर डालकर देख सकते हैं।
टॉपर्स के लिए पुरस्कार और प्रोत्साहन
यूपी बोर्ड ने टॉपर्स को सम्मानित करने की परंपरा को इस साल भी जारी रखा। सूत्रों के अनुसार, टॉप-10 में शामिल छात्रों को नकद पुरस्कार, लैपटॉप, और प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे। हालांकि, 2025 के पुरस्कारों की आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है। इसके अलावा, कई स्कूलों और स्थानीय संगठनों ने भी इन टॉपर्स को सम्मानित करने की योजना बनाई है।
चुनौतियां और प्रेरणा
इन टॉपर्स की कहानियां प्रेरणादायक हैं, खासकर उन छात्रों के लिए जो आर्थिक या सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। सिमरन गुप्ता के पिता एक छोटी दुकान चलाते हैं, फिर भी उन्होंने अपनी बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। अंशी के पिता एक निजी नौकरी करते हैं, लेकिन उनकी बेटी ने अपनी मेहनत से प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया। इन कहानियों से साफ है कि सही दिशा और मेहनत से कोई भी सपना असंभव नहीं है।
आगे की राह: भविष्य की योजनाएं
टॉपर्स के सपने विविध हैं। यश और सिमरन जैसे छात्र इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जाना चाहते हैं, जबकि अंशी और अर्पित सिविल सेवा में देश की सेवा करना चाहते हैं। आशिका और आयुषी मेडिकल क्षेत्र में योगदान देना चाहती हैं। इन छात्रों की महत्वाकांक्षा और स्पष्ट लक्ष्य अन्य छात्रों के लिए एक मिसाल हैं।
छात्रों के लिए सलाह
टॉपर्स ने भविष्य के छात्रों के लिए कुछ सुझाव भी साझा किए:
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यश प्रताप सिंह: “नियमित पढ़ाई और समय प्रबंधन बहुत जरूरी है। हर दिन छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं।”
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अंशी: “सोशल मीडिया से दूरी बनाएं और अपने कमजोर विषयों पर ज्यादा मेहनत करें।”
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सिमरन गुप्ता: “शिक्षकों और माता-पिता पर भरोसा रखें। उनकी सलाह हमेशा काम आती है।”
