• April 19, 2025

लखनऊ का भारत की राजनीति में विशेष स्थान: केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद

लखनऊ, 17 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने हमेशा से भारत की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह शहर न केवल प्रशासनिक और सांस्कृतिक केंद्र है, बल्कि देश की सियासत का भी एक प्रमुख गढ़ रहा है। हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने लखनऊ के इस विशेष स्थान को रेखांकित करते हुए कहा कि यह शहर भारतीय राजनीति का एक अनमोल रत्न है। उनके इस बयान ने न केवल लखनऊ के ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व को उजागर किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि यह शहर आज भी देश की दिशा और दशा को प्रभावित करने में सक्षम है।
लखनऊ: राजनीति का ऐतिहासिक केंद्र
लखनऊ का इतिहास नवाबों के शासनकाल से लेकर स्वतंत्र भारत तक एक समृद्ध और गौरवशाली रहा है। अवध की राजधानी के रूप में इसने कला, संस्कृति, और साहित्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। लेकिन इसका राजनीतिक महत्व भी कम नहीं रहा। 1857 की क्रांति में लखनऊ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जब यह स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख केंद्र बना। स्वतंत्रता के बाद, लखनऊ ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया।
लखनऊ ने कई दिग्गज नेताओं को जन्म दिया और देश की राजनीति को दिशा दी। पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं का लखनऊ से गहरा नाता रहा है। आज भी यह शहर उत्तर प्रदेश की सियासत का केंद्र है, जो भारत की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य के रूप में राष्ट्रीय राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है। जितिन प्रसाद ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि लखनऊ की सियासी जमीन ने हमेशा देश को नई दिशा देने वाले नेताओं और विचारों को जन्म दिया है।
जितिन प्रसाद: एक उभरता हुआ सियासी चेहरा
जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद हैं और वर्तमान में नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उनका राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू हुआ, जहां उन्होंने युवा नेतृत्व के रूप में अपनी पहचान बनाई। 2004 में शाहजहांपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और 2008 में यूपीए सरकार में केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री बने। वह उस समय मनमोहन सिंह सरकार में सबसे कम उम्र के मंत्रियों में से एक थे।
हालांकि, 2014, 2017, और 2019 के चुनावों में लगातार हार के बाद उनका कांग्रेस में प्रभाव कम हुआ। 2021 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामा और योगी आदित्यनाथ सरकार में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री बने। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पीलीभीत से जीत हासिल की और अब वह केंद्र में वाणिज्य, उद्योग, और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों के राज्यमंत्री हैं।
जितिन प्रसाद का लखनऊ से गहरा नाता है। उनके परिवार की राजनीतिक जड़ें शाहजहांपुर और लखीमपुर जैसे आसपास के क्षेत्रों में गहरी हैं, लेकिन लखनऊ उनकी सियासी गतिविधियों का केंद्र रहा है। उनके पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के दिग्गज नेता थे, जो राजीव गांधी और पी.वी. नरसिम्हा राव के सलाहकार रहे। जितिन ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश की सियासत में अपनी जगह बनाई है।
लखनऊ का सियासी महत्व
लखनऊ का महत्व केवल इसकी भौगोलिक स्थिति या ऐतिहासिक पृष्ठभूमि तक सीमित नहीं है। यह शहर उत्तर प्रदेश की सियासत का दिल है, और उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय राजनीति में विशेष स्थान है। 80 लोकसभा सीटों के साथ यह राज्य किसी भी राष्ट्रीय दल के लिए सत्ता की कुंजी है। लखनऊ, इस राज्य की राजधानी के रूप में, नीतियों के निर्माण और उनके कार्यान्वयन का केंद्र रहा है।
जितिन प्रसाद ने अपने बयान में लखनऊ की इस भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि यह शहर न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश की सियासत को प्रभावित करता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि लखनऊ ने हमेशा से सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दिया है, जो भारतीय राजनीति की नींव है। लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब इसकी सियासी ताकत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विभिन्न समुदायों को एक मंच पर लाती है।
लखनऊ और विकास की नई दिशा
जितिन प्रसाद ने अपने बयान में लखनऊ के विकास और इसके राष्ट्रीय महत्व को जोड़ते हुए कहा कि यह शहर अब केवल सियासत का केंद्र नहीं, बल्कि आर्थिक और तकनीकी प्रगति का भी प्रतीक बन रहा है। हाल के वर्षों में लखनऊ ने इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, और उद्योग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। योगी आदित्यनाथ सरकार के तहत शहर ने मेट्रो, एक्सप्रेसवे, और आईटी हब जैसे प्रोजेक्ट्स के साथ नई पहचान बनाई है।
जितिन प्रसाद, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्यमंत्री हैं, ने लखनऊ को तकनीकी नवाचार का केंद्र बनाने की बात कही। उन्होंने हाल ही में पीलीभीत में नाइलिट सेंटर के शिलान्यास और रोजगार मेले के उद्घाटन जैसे कदमों के जरिए क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा दिया है। लखनऊ में भी ऐसे प्रयासों की जरूरत पर उन्होंने जोर दिया, ताकि यह शहर न केवल सियासी बल्कि आर्थिक रूप से भी देश का नेतृत्व कर सके।
लखनऊ का भविष्य और जितिन प्रसाद की भूमिका
जितिन प्रसाद का यह बयान केवल एक राजनेता का कथन नहीं, बल्कि लखनऊ के भविष्य की एक रणनीति को दर्शाता है। बीजेपी के एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरे के रूप में, वह उत्तर प्रदेश में सामाजिक समीकरणों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। लखनऊ, जो विभिन्न समुदायों का संगम है, उनके लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
उनके केंद्रीय मंत्रालयों की जिम्मेदारियां भी लखनऊ के विकास में योगदान दे सकती हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत वह लखनऊ को औद्योगिक निवेश का केंद्र बनाने की दिशा में काम कर सकते हैं। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जरिए वह शहर को डिजिटल इंडिया का एक प्रमुख हिस्सा बना सकते हैं।
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