• October 14, 2025

UP News: राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि केस में सुनवाई टली, गवाह की बीमारी के कारण जिरह नहीं हो सकी

लखनऊ, 15 अप्रैल 2025: सुल्तानपुर की विशेष MP-MLA कोर्ट में कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि केस की सुनवाई एक बार फिर टल गई है। यह मामला 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी द्वारा कथित तौर पर गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ की गई टिप्पणी से जुड़ा है। सुनवाई टलने का कारण परिवादी (शिकायतकर्ता) के गवाह की बीमारी बताई गई है, जिसके चलते जिरह नहीं हो सकी। कोर्ट ने अब अगली सुनवाई के लिए 28 अप्रैल 2025 की तारीख तय की है।
मामले का विवरण
यह मानहानि मामला स्थानीय BJP नेता विजय मिश्रा ने 4 अगस्त 2018 को दायर किया था। मिश्रा ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने कर्नाटक चुनाव के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह, जो उस समय BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, के खिलाफ अपमानजनक और आधारहीन टिप्पणी की थी। मिश्रा का दावा है कि राहुल की टिप्पणी से उनकी भावनाएं आहत हुईं और यह मानहानि का मामला बनता है।
सुनवाई में बार-बार देरी
यह पहली बार नहीं है जब इस मामले की सुनवाई टली हो। इससे पहले भी कई बार सुनवाई स्थगित हो चुकी है:
  • 5 नवंबर 2024: जज के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई टली।

  • 5 सितंबर 2024: परिवादी की खराब तबीयत के कारण सुनवाई 19 सितंबर तक स्थगित की गई।

  • 10 जनवरी 2025: वकीलों की हड़ताल के कारण सुनवाई नहीं हो सकी।

  • 6 मार्च 2025: परिवादी और गवाहों की अनुपस्थिति के कारण सुनवाई 20 मार्च तक टली।

  • 3 अप्रैल 2025: गवाह की अनुपस्थिति के कारण सुनवाई 15 अप्रैल तक स्थगित की गई।

इन बार-बार की देरी ने मामले को और जटिल बना दिया है। राहुल गांधी ने 26 जुलाई 2024 को कोर्ट में पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि यह मामला “राजनीतिक साजिश” का हिस्सा है।
कोर्ट की ताजा कार्रवाई
15 अप्रैल 2025 को होने वाली सुनवाई में परिवादी के गवाह की बीमारी के कारण कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जा सका। राहुल गांधी के वकील काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया कि कोर्ट ने गवाह की अनुपस्थिति को देखते हुए सुनवाई को 28 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया। शुक्ला ने यह भी कहा कि राहुल गांधी पहले ही अपना बयान दर्ज करा चुके हैं, और अब परिवादी को अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस मामले को लेकर विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच बयानबाजी तेज है। BJP ने राहुल गांधी पर “गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी” का आरोप लगाया है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है। सपा नेता अखिलेश यादव ने हाल ही में एक बयान में कहा, “ऐसे मामले विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए दायर किए जाते हैं।” दूसरी ओर, BJP के स्थानीय नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी को अपने बयानों के लिए जवाबदेह होना चाहिए।
सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ यूजर्स ने इसे “न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग” करार दिया, तो कुछ ने कहा कि राहुल गांधी को अपने बयानों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। एक यूजर ने लिखा, “हर बार सुनवाई टल रही है, यह मामला कब खत्म होगा?” वहीं, कांग्रेस समर्थकों ने इसे “BJP की साजिश” बताया।
कानूनी स्थिति
यह मामला मोटर वाहन अधिनियम या सड़क सुरक्षा से संबंधित नहीं है, जैसा कि कुछ अन्य संदर्भों में देखा गया है, बल्कि यह विशुद्ध रूप से मानहानि का मामला है। राहुल गांधी के खिलाफ देशभर में 18 कानूनी मामले दर्ज हैं, जिनमें से 14 मानहानि से संबंधित हैं। इनमें से एक मामले में गुजरात की एक अदालत ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित कर दिया था। सुल्तानपुर का यह मामला भी उनमें से एक है, जो लंबे समय से चल रहा है।

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Rama Niwash Pandey

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