आंबेडकर जयंती: मायावती ने बाबा साहब को किया याद, बोलीं- एकता और वोटों से हासिल करें सत्ता की मास्टर चाबी
लखनऊ, 15 अप्रैल 2025: भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक समानता के प्रणेता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर देशभर में विभिन्न आयोजन हुए। इस मौके पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और अन्य उपेक्षित समुदायों से एकता और वोट की शक्ति के माध्यम से सत्ता की “मास्टर चाबी” हासिल करने का आह्वान किया।
मायावती का संदेश: एकता ही ताकत
मायावती ने लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में बाबा साहब को याद करते हुए कहा, “परमपूज्य बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने हमें संविधान के रूप में एक ऐसा रास्ता दिया, जिसके जरिए हर वर्ग को सम्मान और समानता मिल सकती है। लेकिन यह तभी संभव है, जब हम एकजुट होकर अपने वोट की ताकत को समझें। सत्ता की मास्टर चाबी हमारे हाथ में है, और इसे हासिल करने के लिए हमें आपसी एकता और अम्बेडकरवादी विचारधारा को मजबूत करना होगा।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि बाबा साहब का सपना केवल संवैधानिक अधिकारों तक सीमित नहीं था, बल्कि उनका लक्ष्य समाज के हर वंचित वर्ग को शासक वर्ग में बदलना था। मायावती ने कहा, “दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अन्य उपेक्षितों को वास्तव में मिशनरी अम्बेडकरवादी बनना होगा। जुल्म, अन्याय और शोषण से मुक्ति का रास्ता एकता और सत्ता में हिस्सेदारी से ही निकलेगा।”
बीजेपी और कांग्रेस पर साधा निशाना
मायावती ने इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि इन दोनों पार्टियों ने दलितों और पिछड़ों के हितों की अनदेखी की है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस हो या भाजपा, दोनों के शासनकाल में बहुजनों के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हालात बद से बदतर हुए हैं। आरक्षण के संवैधानिक अधिकार पर भी सुनियोजित हमले हो रहे हैं। रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं, और इन वर्गों की स्थिति ‘अच्छे दिन’ के बजाय ‘बुरे दिन’ की ओर बढ़ रही है।”
मायावती ने विशेष रूप से भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी नीतियां संविधान की मूल भावना के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, “बाबा साहब का संविधान सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय की भावना पर आधारित है, लेकिन मौजूदा सरकार की नीतियां केवल कुछ खास वर्गों के हित में काम कर रही हैं।”
बसपा का देशव्यापी आयोजन
आंबेडकर जयंती के अवसर पर बसपा ने देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। लखनऊ, दिल्ली, भोपाल, जयपुर और अन्य शहरों में पार्टी कार्यकर्ताओं ने बाबा साहब की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया और रैलियां निकालीं। बसपा कार्यकर्ताओं ने बाबा साहब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। लखनऊ में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “2027 का चुनाव बहुजनों के लिए एक बड़ा अवसर है। हमें बाबा साहब के दिखाए रास्ते पर चलकर अपनी ताकत को संगठित करना होगा। वोट की शक्ति से ही हम सत्ता हासिल कर सकते हैं और अपने समाज को मुख्यधारा में ला सकते हैं।”

राजनीतिक रणनीति और दलित वोट बैंक
मायावती का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब उत्तर प्रदेश में दलित वोट बैंक को साधने की होड़ तेज हो गई है। सूबे में करीब 21% दलित मतदाता हैं, जिनमें जाटव समुदाय का बड़ा हिस्सा बसपा का पारंपरिक वोटर रहा है। हालांकि, हाल के वर्षों में भाजपा और समाजवादी पार्टी ने भी दलित मतदाताओं को लुभाने के लिए कई रणनीतियां अपनाई हैं।
भाजपा ने जहां सामाजिक न्याय संगोष्ठियों और दलित नेताओं को संगठन में शामिल करने की कोशिश की है, वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले के जरिए इस वर्ग को जोड़ने की रणनीति बनाई है। दूसरी ओर, आजाद समाज पार्टी जैसे नए दल भी दलित वोटरों के बीच अपनी पैठ बढ़ा रहे हैं। ऐसे में मायावती का यह बयान बसपा के कोर वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
बाबा साहब का योगदान
डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता का सामना किया, लेकिन अपनी शिक्षा और दृढ़ संकल्प के बल पर वह भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार बने। आंबेडकर ने दलितों, पिछड़ों और महिलाओं के अधिकारों के लिए कई आंदोलन चलाए और आरक्षण के जरिए वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने की वकालत की।
उन्होंने संविधान में ‘एक व्यक्ति-एक वोट’ के सिद्धांत को स्थापित किया, जिसे मायावती ने अपने भाषण में बार-बार रेखांकित किया। मायावती ने कहा, “बाबा साहब ने हमें वोट की ताकत दी। यह ताकत ऐसी चाबी है, जो सत्ता के दरवाजे खोल सकती है। हमें इसे समझना होगा और इसका सही इस्तेमाल करना होगा।”
अन्य दलों की प्रतिक्रिया
आंबेडकर जयंती पर अन्य राजनीतिक दलों ने भी बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “बाबा साहब का जीवन और विचार हमें समानता और न्याय के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी जयंती पर उन्हें नमन।”
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “आंबेडकर का संविधान भारत की आत्मा है। हम उनके विचारों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी लखनऊ में एक रैली को संबोधित किया और कहा, “बाबा साहब का सपना तभी पूरा होगा, जब हर वर्ग को बराबरी का हक मिलेगा।”
