पीएम मोदी का वाराणसी दौरा: जीआई टैग, पूर्वांचल का विकास, और मुफ्त इलाज पर जोर – भाषण की प्रमुख बातें
वाराणसी, 11 अप्रैल 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के 50वें दौरे पर काशीवासियों को विकास और समृद्धि का नया तोहफा दिया। इस दौरान उन्होंने 3900 करोड़ रुपये की 44 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। अपने संबोधन में पीएम ने जीआई टैग, पूर्वांचल के आर्थिक विकास, आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज, और काशी की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर ले जाने जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर जोर दिया। उनके भाषण ने काशी को न केवल आध्यात्मिक, बल्कि आर्थिक और स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र बनाने की उनकी प्रतिबद्धता को उजागर किया। इसके साथ ही, उन्होंने हाल ही में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
जीआई टैग: काशी की कला को वैश्विक पहचान
पीएम मोदी ने अपने भाषण में काशी की हस्तकला और शिल्प को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने तीन भौगोलिक संकेतक (जीआई) प्रमाणपत्र प्रदान किए, जो काशी के पारंपरिक उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने में मदद करेंगे। इनमें बनारसी साड़ी, धातु शिल्प, और अन्य हस्तनिर्मित उत्पाद शामिल हैं। उन्होंने कहा, “यूपी की मिट्टी में जो खुशबू है, वह केवल हवा में नहीं, बल्कि सरहदों के पार भी जाएगी। जीआई टैग से काशी के शिल्पकारों को नई पहचान मिल रही है, और उनके उत्पाद अब विश्व बाजार में मांग में हैं।”
उन्होंने शिल्पकारों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि बनारस का धातु शिल्प और हस्तकला अब देश-विदेश में काशी की संस्कृति का प्रतीक बन रहा है। पीएम ने यह भी जोड़ा कि उनकी सरकार शिल्पकारों को डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रशिक्षण के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
पूर्वांचल का विकास: काशी बनी आर्थिक केंद्र
पीएम ने अपने संबोधन में काशी को पूर्वांचल के आर्थिक विकास का केंद्र बताया। उन्होंने कहा, “काशी अब पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे का केंद्र बन चुकी है। पिछले 10 वर्षों में यहां विकास ने नई गति पकड़ी है।” उन्होंने वाराणसी में शुरू की गई परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये परियोजनाएं न केवल काशी, बल्कि पूरे पूर्वांचल को समृद्ध करेंगी।
उन्होंने सड़क, बिजली, और शिक्षा से जुड़ी परियोजनाओं पर प्रकाश डाला। इनमें शामिल हैं:
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वाराणसी रिंग रोड से सारनाथ तक सड़क पुल, भिखारीपुर और मंडुवाडीह में फ्लाईओवर, और राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर हाईवे अंडरपास रोड टनल, जिनकी लागत 980 करोड़ रुपये से अधिक है।
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जौनपुर, चंदौली, और गाजीपुर में दो 400 केवी और एक 220 केवी ट्रांसमिशन सबस्टेशन, जिनकी लागत 1045 करोड़ रुपये है।
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पिंडरा में सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज और बरकी गांव में सरदार वल्लभभाई पटेल सरकारी कॉलेज का उद्घाटन।
पीएम ने कहा, “बनारस ने पिछले 10 वर्षों में विकास की नई गति पकड़ी है। आज की काशी न केवल प्राचीन है, बल्कि प्रगतिशील भी है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि काशी अब पूर्वांचल के लिए एक मॉडल बन रही है, जो रोजगार और अवसरों का केंद्र बन रहा है।
आयुष्मान भारत: मुफ्त इलाज का वादा
स्वास्थ्य सेवाओं पर बोलते हुए पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत योजना को काशी और पूर्वांचल के लिए गेम-चेंजर बताया। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत कार्ड वितरित किए और कहा, “अब इलाज के लिए जमीन बेचने या कर्ज लेने की जरूरत नहीं है। आयुष्मान कार्ड से आपके इलाज का खर्च सरकार उठाएगी।” उन्होंने बताया कि वाराणसी में ही करीब 50,000 वय वंदना कार्ड वितरित किए जा चुके हैं, जो बुजुर्गों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान करते हैं।
उन्होंने पूर्वांचल में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर जोर देते हुए कहा, “10-11 साल पहले पूर्वांचल में इलाज को लेकर जो परेशानियां थीं, वो सबको पता हैं। आज स्थिति बदल गई है। काशी अब आरोग्य की राजधानी बन रही है। दिल्ली-मुंबई के बड़े अस्पताल अब आपके घर के पास उपलब्ध हैं।” उन्होंने काशी को स्वास्थ्य सेवाओं का हब बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

महाकुंभ 2025: काशी की वैश्विक भूमिका
पीएम ने महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, “महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि काशी की संस्कृति, शिल्प, और परंपराओं को विश्व मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर है।” उन्होंने काशीवासियों से इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने और शहर को स्वच्छ व सुंदर रखने में सहयोग करने की अपील की।
नारी सशक्तिकरण और डेयरी किसानों को बोनस
पीएम ने नारी सशक्तिकरण पर जोर देते हुए पूर्वांचल की महिलाओं की प्रशंसा की, जो ‘लखपति दीदी’ पहल के तहत आत्मनिर्भर बन रही हैं। उन्होंने बनास डेयरी (अमूल) से जुड़े डेयरी किसानों को 106 करोड़ रुपये का बोनस हस्तांतरित किया और कहा, “यह बोनस आपकी मेहनत का उपहार है।” उन्होंने खासकर महिलाओं की भूमिका को सराहा, जो डेयरी क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं।
काशी का बदलता स्वरूप
अपने भाषण में पीएम ने काशी के बदलते स्वरूप को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “काशी विश्वनाथ धाम, गंगा घाटों का सौंदर्यीकरण, और स्वच्छता के प्रयासों ने काशी को नई पहचान दी है। यह अब केवल आध्यात्मिक राजधानी नहीं, बल्कि विकास और प्रगति का प्रतीक भी है।” उन्होंने काशी को विश्व पर्यटन और संस्कृति के नक्शे पर और मजबूत करने का संकल्प दोहराया।
जनता से संवाद
जनसभा में हजारों लोग शामिल हुए, जिन्होंने पीएम का उत्साह के साथ स्वागत किया। पीएम ने कहा, “काशी मेरे लिए सिर्फ एक संसदीय क्षेत्र नहीं, यह मेरे दिल का हिस्सा है। आपका प्यार और समर्थन मेरी ताकत है।” उन्होंने लोगों से विकास की इस यात्रा में साथ देने और काशी को स्वच्छ, सुंदर, और समृद्ध बनाने में योगदान देने का आह्वान किया।