पीएम मोदी का वाराणसी दौरा: ‘महाकुंभ में काशी की बड़ी भागीदारी’, विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिल्पकारों को सम्मान
वाराणसी, 11 अप्रैल 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के 50वें दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने विकास, संस्कृति और आध्यात्मिकता के संगम को और सशक्त किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने लगभग 3900 करोड़ रुपये की 44 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उनके आगमन पर मां गंगा की आरती और पूजा के साथ भव्य स्वागत किया गया, जो काशी की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को और उजागर करता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कहा, “महाकुंभ में काशी की बड़ी भागीदारी होगी, और पीएम मोदी ने शिल्पकारों को वैश्विक पहचान दिलाई है।”
काशी में पीएम का स्वागत: एक आध्यात्मिक और विकासवादी यात्रा
प्रधानमंत्री का वाराणसी दौरा हमेशा से ही विशेष रहा है। आज सुबह करीब 11 बजे वाराणसी हवाई अड्डे पर उनके आगमन के साथ ही शहर में उत्साह का माहौल था। स्थानीय लोगों, कार्यकर्ताओं और प्रशासन ने मिलकर पीएम का स्वागत किया। मां गंगा की आरती और पूजा के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जो काशी की गंगा-जमुनी तहजीब को दर्शाता है। इस दौरे को खास बनाता है पीएम का काशी के साथ गहरा नाता, जिसे उन्होंने बार-बार अपने कार्यों और भाषणों में उजागर किया है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से काशी न केवल आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि विकास का भी एक मॉडल बन रहा है। यहां की हर गली, हर घाट अब विकास की कहानी कह रहा है।” उन्होंने काशी को विश्व के पर्यटन और संस्कृति के मानचित्र पर और मजबूती से स्थापित करने का संकल्प दोहराया।
3900 करोड़ की परियोजनाएं: विकास की नई गति
इस दौरे का मुख्य आकर्षण रहा 3900 करोड़ रुपये की 44 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास। इन परियोजनाओं में सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन से जुड़े कार्य शामिल हैं। इनमें से कुछ प्रमुख परियोजनाएं हैं:
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सड़क और कनेक्टिविटी: वाराणसी को पूर्वांचल और देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए कई सड़क परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया। इनमें रिंग रोड के विस्तार और नए फ्लाईओवर शामिल हैं, जो शहर में यातायात को और सुगम बनाएंगे।
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स्वास्थ्य सेवाएं: काशी में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए नए अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों का उद्घाटन किया गया। पीएम ने कहा, “पहले काशी को सिर्फ धर्म की राजधानी के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब यह स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी पहचानी जा रही है।”
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शिक्षा और कौशल विकास: युवाओं को सशक्त करने के लिए कई शैक्षणिक संस्थानों और कौशल विकास केंद्रों की आधारशिला रखी गई। ये केंद्र स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेंगे।
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पर्यटन और संस्कृति: काशी को विश्व पर्यटन के नक्शे पर और आकर्षक बनाने के लिए घाटों के सौंदर्यीकरण, मंदिरों के जीर्णोद्धार और पर्यटक सुविधाओं के विकास से जुड़ी परियोजनाएं शुरू की गईं।
इन परियोजनाओं से न केवल वाराणसी, बल्कि पूरे पूर्वांचल क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिलेगी। पीएम ने कहा, “ये परियोजनाएं काशी को 21वीं सदी का एक आधुनिक और समृद्ध शहर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।”
महाकुंभ 2025: काशी की वैश्विक पहचान
इस दौरे का एक और महत्वपूर्ण पहलू रहा महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर चर्चा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा, “महाकुंभ में काशी की बड़ी भागीदारी होगी। यह न केवल धार्मिक आयोजन होगा, बल्कि काशी की संस्कृति, शिल्प और परंपराओं को विश्व मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर भी होगा।” उन्होंने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में काशी ने नई ऊंचाइयां छुई हैं।
महाकुंभ को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। पीएम ने इस अवसर पर काशी के शिल्पकारों को विशेष रूप से सम्मानित किया। उन्होंने कहा, “काशी के शिल्पकारों की कला को विश्व स्तर पर पहचान मिल रही है। उनके बनाए उत्पाद अब देश-विदेश में मांग में हैं।” इस दौरान कई शिल्पकारों को सम्मानित भी किया गया, जिन्होंने काशी की बनारसी साड़ी, हस्तशिल्प और अन्य पारंपरिक उत्पादों को नई पहचान दी है।
शिल्पकारों को सम्मान: पीएम का विशेष जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में शिल्पकारों के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा, “पीएम मोदी ने काशी के शिल्पकारों को नई पहचान दी है। पहले इनका श्रम और कला गुमनामी में थी, लेकिन अब ये वैश्विक मंच पर चमक रहे हैं।” उन्होंने विशेष रूप से बनारसी साड़ी और काशी के लकड़ी के खिलौनों का जिक्र किया, जिन्हें हाल के वर्षों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में काफी सराहना मिली है।
पीएम ने अपने संबोधन में शिल्पकारों के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की, जिनमें उनके उत्पादों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बेचने के लिए विशेष सहायता और प्रशिक्षण शामिल हैं। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि काशी का हर शिल्पकार आत्मनिर्भर बने और उनकी कला को पूरी दुनिया देखे।”
काशी का बदलता स्वरूप
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में काशी के बदलते स्वरूप पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “जब मैं पहली बार काशी आया था, तब मैंने सपना देखा था कि काशी को उसका प्राचीन गौरव लौटाया जाए, लेकिन साथ ही इसे आधुनिक सुविधाओं से भी जोड़ा जाए। आज वह सपना सच हो रहा है।” उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, घाटों के सौंदर्यीकरण और गंगा की स्वच्छता के लिए किए गए कार्यों का विशेष उल्लेख किया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पीएम के नेतृत्व में काशी में पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है। एक स्थानीय व्यापारी रामलाल ने कहा, “पहले काशी में बुनियादी सुविधाओं की कमी थी, लेकिन अब सड़कें, बिजली और पर्यटन सुविधाएं विश्वस्तरीय हो गई हैं।”
