• October 14, 2025

BJP कार्यकर्ता चला रहे शराब ठेका: सांसद वीरेंद्र सिंह का आरोप- वाराणसी में नहीं हो रही दिशा की बैठक

वाराणसी, 7 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के चंदौली से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद वीरेंद्र सिंह ने अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि वाराणसी में बीजेपी कार्यकर्ता शराब के ठेके चला रहे हैं, जिससे इलाके में शराब की बिक्री और खपत को बढ़ावा मिल रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वाराणसी में जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठकें लंबे समय से आयोजित नहीं हो रही हैं, जिसके कारण विकास कार्यों की निगरानी और समीक्षा प्रभावित हो रही है। इस बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है।
सांसद का बयान
सोमवार को चंदौली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा, “यह शर्मनाक है कि बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता शराब ठेके चला रहे हैं। वाराणसी जैसे पवित्र शहर में, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है, इस तरह की गतिविधियां हो रही हैं। इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “दिशा की बैठकें, जो जिले के विकास कार्यों की समीक्षा के लिए जरूरी हैं, वाराणसी में नहीं हो रही हैं। यह सवाल उठता है कि आखिर विकास की निगरानी कौन कर रहा है?”
वीरेंद्र सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ स्थानीय नेता और कार्यकर्ता व्यक्तिगत लाभ के लिए संगठन के सिद्धांतों से समझौता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वह इस मुद्दे को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक ले जाएंगे।
दिशा बैठक का मुद्दा
जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठकें सांसदों, विधायकों और जिला प्रशासन के बीच समन्वय का एक महत्वपूर्ण मंच होती हैं। इन बैठकों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाती है। सांसद वीरेंद्र सिंह का कहना है कि वाराणसी में ऐसी बैठकें पिछले कई महीनों से नहीं हुई हैं, जिसके चलते मनरेगा और अन्य विकास योजनाओं में अनियमितताएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, “बिना दिशा बैठक के विकास का कोई मतलब नहीं रह जाता। यह सिर्फ कागजों तक सीमित हो गया है।”
शराब ठेके का आरोप
सांसद के इस आरोप ने बीजेपी के भीतर और बाहर चर्चा को जन्म दे दिया है। वीरेंद्र सिंह ने हालांकि किसी कार्यकर्ता का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ था कि वाराणसी में शराब का कारोबार कुछ पार्टी नेताओं की शह पर चल रहा है। यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी नेताओं पर इस तरह के आरोप लगे हैं। इससे पहले भी 2020 में वाराणसी में शराब तस्करी के एक मामले में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के तत्कालीन जिलाध्यक्ष संजय गुप्ता का नाम सामने आया था, जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था।
पार्टी और विपक्ष की प्रतिक्रिया
सांसद के बयान पर बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इस मामले को लेकर पार्टी के अंदर खलबली मची हुई है। कुछ नेताओं का मानना है कि यह वीरेंद्र सिंह का निजी हमला हो सकता है, जो उनकी अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं से पुरानी नाराजगी को दर्शाता है।
वहीं, विपक्ष ने इस मुद्दे को हाथों-हाथ लिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के एक नेता ने कहा, “बीजेपी के अपने सांसद ही उनकी पोल खोल रहे हैं। वाराणसी में शराब का धंधा और विकास का ठप्प होना योगी सरकार की नाकामी को दिखाता है।” कांग्रेस ने भी इस मामले में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह “दोहरी नीति” का सबूत है, जहां एक तरफ शराबबंदी की बात होती है और दूसरी तरफ ठेके चल रहे हैं।
पहले भी विवादों में रहे हैं वीरेंद्र सिंह
चंदौली से सांसद वीरेंद्र सिंह पहले भी अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए चर्चा में रहे हैं। 2021 में बलिया में दिशा बैठक के दौरान उनकी अपनी ही पार्टी के विधायक सुरेंद्र सिंह से तीखी नोकझोंक हुई थी, जिसके बाद दोनों के बीच तनातनी की खबरें सुर्खियों में आई थीं। इसके अलावा, उन्होंने समय-समय पर प्रशासन और पार्टी नेताओं की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
प्रशासन का जवाब
वाराणसी जिला प्रशासन ने दिशा बैठक के आरोपों पर सफाई दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “बैठकें नियमित रूप से होती हैं, लेकिन कभी-कभी सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों की व्यस्तता के कारण तारीखें बदल जाती हैं। हम इस मामले की जांच करेंगे और जल्द ही बैठक आयोजित की जाएगी।” शराब ठेके के आरोप पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
आगे क्या?
सांसद वीरेंद्र सिंह के इस बयान के बाद अब सबकी नजर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व और योगी सरकार की प्रतिक्रिया पर है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस मामले में कोई जांच शुरू की जाएगी या इसे पार्टी के अंदरूनी विवाद के तौर पर दबा दिया जाएगा। वाराणसी, जो न केवल धार्मिक बल्कि सियासी नजरिए से भी महत्वपूर्ण है, में इस तरह के आरोप निश्चित रूप से बीजेपी के लिए चुनौती खड़ी कर सकते हैं।
Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *