पीएम मोदी को श्रीलंका यात्रा के दौरान मित्र विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया: “यह सभी भारतीयों का सम्मान”
कोलंबो, 5 अप्रैल 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन दिवसीय श्रीलंका यात्रा के दौरान आज कोलंबो में श्रीलंका के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘मित्र विभूषण’ से सम्मानित किए गए। यह पुरस्कार उन्हें भारत-श्रीलंका संबंधों को मजबूत करने और दोनों देशों के साझा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को बढ़ावा देने के लिए उनके असाधारण प्रयासों के लिए दिया गया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, “यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच ऐतिहासिक संबंधों और गहरी मित्रता का प्रतीक है।”
कोलंबो में भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार शाम को कोलंबो पहुंचे थे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। बारिश के बावजूद, भारतीय समुदाय और श्रीलंकाई लोगों ने उनकी अगवानी की। कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर में शनिवार सुबह उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जो किसी विदेशी नेता के लिए पहली बार आयोजित किया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने उनकी अगवानी की और दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की।
भारत-श्रीलंका संबंधों में नया अध्याय
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा, डिजिटलीकरण और व्यापार जैसे क्षेत्रों में सात समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। रक्षा सहयोग पर एक महत्वपूर्ण समझौता भी हुआ, जो भारत और श्रीलंका के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस समझौते को 35 साल पहले भारतीय शांति सेना (आईपीके) की वापसी के बाद रक्षा संबंधों में एक नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है।
राष्ट्रपति दिसानायके ने पीएम मोदी को आश्वासन दिया कि श्रीलंका अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत की सुरक्षा के खिलाफ किसी भी गतिविधि के लिए नहीं होने देगा। उन्होंने भारत द्वारा श्रीलंका को आर्थिक संकट के दौरान दी गई सहायता के लिए भी आभार व्यक्त किया। 2022 में श्रीलंका के आर्थिक संकट के दौरान भारत ने 4.5 बिलियन डॉलर की सहायता प्रदान की थी, जिसे श्रीलंका ने अपनी रिकवरी में अहम बताया।

संयुक्त परियोजनाओं का उद्घाटन
पीएम मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके ने कई परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन किया, जिसमें त्रिंकोमाली में 120 मेगावाट की सैंपूर सौर ऊर्जा परियोजना शामिल है। यह परियोजना भारत की नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) और श्रीलंका की सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के संयुक्त उद्यम से बनाई जा रही है। इसके अलावा, डंबुला में एक कोल्ड स्टोरेज प्लांट का भी उद्घाटन किया गया।
सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मजबूती
दोनों नेताओं ने भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच बौद्ध धरोहर, जिसे “धर्म चक्र” के रूप में जाना जाता है, ने सांस्कृतिक परंपराओं को आकार दिया है। रविवार को पीएम मोदी अनुराधापुरा जाएंगे, जहां वे भारत द्वारा वित्त पोषित विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और जया श्री महा बोधि मंदिर में दर्शन करेंगे, जो दोनों देशों के बीच सभ्यतागत संबंधों का प्रतीक है।
क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग
यह यात्रा भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और ‘सागर’ (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) दृष्टिकोण को रेखांकित करती है। श्रीलंका की सामरिक स्थिति को देखते हुए, भारत ने इस यात्रा के दौरान समुद्री सुरक्षा, संयुक्त सैन्य अभ्यास और उपकरण समर्थन पर जोर दिया। दोनों देशों ने डेट रिस्ट्रक्चरिंग और करेंसी स्वैप जैसे आर्थिक सहयोग पर भी चर्चा की।
भारतीय समुदाय से मुलाकात
कोलंबो में भारतीय समुदाय ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने भारतीय डायस्पोरा के साथ बातचीत की और एक पारंपरिक कठपुतली शो भी देखा। पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय की गर्मजोशी के लिए उनकी सराहना की और कहा कि उनकी यह ऊर्जा दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के रिश्तों को दर्शाती है।
यात्रा का महत्व
यह यात्रा श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के कार्यकाल में किसी विदेशी नेता की पहली आधिकारिक यात्रा है। दिसानायके ने पिछले साल दिसंबर में भारत की अपनी पहली विदेश यात्रा की थी, जिसे उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों में एक “मील का पत्थर” बताया था। पीएम मोदी की यह यात्रा श्रीलंका के आर्थिक सुधार और क्षेत्रीय स्थिरता में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।
