प्रयागराज: फाफामऊ के पास ट्रेन को पलटने की साजिश नाकाम, ट्रैक पर मिला लोहे का पोल, अचानक रोकी गई मालगाड़ी
प्रयागराज, 5 अप्रैल 2025: उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के अंतर्गत प्रयागराज से ऊंचाहार रेलखंड पर एक बड़ा हादसा टल गया। फाफामऊ और अटरामपुर रेलवे स्टेशनों के बीच शनिवार सुबह एक मालगाड़ी को पलटने की साजिश को नाकाम कर दिया गया। ट्रैक पर एक लोहे का पोल रखा गया था, जिसे मालगाड़ी के लोको पायलट ने समय रहते देख लिया और ट्रेन को अचानक रोककर एक संभावित दुर्घटना को टाल दिया। इस घटना ने रेलवे प्रशासन और स्थानीय पुलिस को हाई अलर्ट पर ला दिया है।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, यह घटना शनिवार सुबह लगभग 11 बजे के आसपास हुई। मालगाड़ी प्रयागराज से ऊंचाहार की ओर जा रही थी, तभी फाफामऊ और अटरामपुर स्टेशनों के बीच ट्रैक पर एक लोहे का पोल पड़ा हुआ दिखाई दिया। लोको पायलट की सतर्कता के कारण उसने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर मालगाड़ी को रोक दिया। इस दौरान ट्रेन की गति धीमी थी, जिसके चलते कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। लोहे का पोल ट्रैक पर जानबूझकर रखा गया प्रतीत होता है, जिससे यह साफ है कि यह एक सुनियोजित साजिश थी।
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। रेलवे अधिकारियों ने ट्रैक की जांच शुरू कर दी है और इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि लोहे का पोल ट्रेन को पटरी से उतारने के इरादे से रखा गया था।

हाल के दिनों में बढ़ती साजिशें
यह घटना उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में ट्रेनों को निशाना बनाने की कई कोशिशों में से एक है। पिछले कुछ महीनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में ट्रैक पर गैस सिलेंडर, सीमेंट ब्लॉक, और लोहे की रॉड जैसी वस्तुएं रखकर ट्रेनों को पलटने की साजिशें सामने आई हैं। सितंबर 2024 में कानपुर में भिवानी-प्रयागराज कालिंदी एक्सप्रेस को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी, जहां ट्रैक पर एक एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल की बोतल, और माचिस की डिब्बियां रखी गई थीं। उस घटना में भी लोको पायलट की सतर्कता से हादसा टल गया था।
इसी तरह, सितंबर 2024 में ही कानपुर के प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास एक मालगाड़ी के रास्ते में एक खाली गैस सिलेंडर रखा गया था, जिसे ड्राइवर ने समय रहते देख लिया। इन घटनाओं ने रेलवे सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। रेलवे बोर्ड और केंद्रीय जांच एजेंसियां इन घटनाओं की गहन जांच कर रही हैं, और कई मामलों में साजिश के पीछे असामाजिक तत्वों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने का फैसला किया है। उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के अधिकारियों ने बताया कि ट्रैक की नियमित जांच और निगरानी बढ़ाई जाएगी। साथ ही, रेलवे सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। रेलवे ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी उपायों जैसे ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम और सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
स्थानीय पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और आसपास के इलाकों में संदिग्ध लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस तरह की साजिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, रेलवे ने यात्रियों से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध वस्तु या गतिविधि को देखते ही तुरंत रेलवे अधिकारियों को सूचित करें।
जनता में चिंता
फाफामऊ के पास हुई इस घटना ने स्थानीय लोगों में चिंता पैदा कर दी है। यह रेलखंड प्रयागराज से ऊंचाहार के बीच एक महत्वपूर्ण मार्ग है, और यहां से रोजाना कई यात्री और मालगाड़ियां गुजरती हैं। स्थानीय निवासी राम प्रसाद ने कहा, “यह बहुत डराने वाली बात है। अगर लोको पायलट ने समय पर ट्रेन न रोकी होती, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। सरकार को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।”
रेलवे सुरक्षा पर सवाल
हाल के दिनों में ट्रेनों को निशाना बनाने की बढ़ती घटनाओं ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि रेलवे ट्रैक की निगरानी के लिए और अधिक आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने की जरूरत है। साथ ही, रेलवे और स्थानीय प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है ताकि ऐसी साजिशों को समय रहते रोका जा सके।
