भारत ने म्यांमार में राहत-बचाव कार्यों के लिए भेजे 80 NDRF कर्मी, दल में खोजी कुत्ते भी शामिल
29 मार्च 2025 म्यांमार में हाल ही में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद भारत ने अपनी सहायता हाथ बढ़ाते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के 80 कर्मियों का एक दल भेजा है। इस दल में खोजी कुत्ते भी शामिल हैं, जो मलबे में फंसे लोगों की तलाश और बचाव कार्य में सहायता करेंगे।
म्यांमार में भूकंप का कहर
28 मार्च 2025 को म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा में 144 से अधिक लोगों की जान गई और 700 से अधिक लोग घायल हुए। भूकंप के झटके म्यांमार के विभिन्न हिस्सों में महसूस किए गए, जिससे स्थानीय लोग दहशत में आ गए। भारत ने इस आपदा के बाद म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजने की घोषणा की, जिसमें टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल हैं।
NDRF दल की तैनाती
भारत सरकार ने म्यांमार में राहत और बचाव कार्यों के लिए NDRF के 80 कर्मियों का एक दल भेजा है। इस दल में खोजी कुत्ते भी शामिल हैं, जो मलबे में फंसे लोगों की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। NDRF के ये कर्मी म्यांमार के विभिन्न हिस्सों में राहत कार्यों में जुटे हैं, स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर प्रभावितों की सहायता कर रहे हैं।
भारत की मानवीय सहायता
भारत ने अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘पड़ोसी प्रथम’ नीतियों के तहत म्यांमार को मानवीय सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई है। इससे पहले, दिसंबर 2024 में भारत ने म्यांमार को 2,200 मीट्रिक टन चावल की खेप भेजी थी, जो चेन्नई बंदरगाह से रवाना हुई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने इस सहायता की पुष्टि करते हुए कहा था कि यह भारत की पड़ोसियों के प्रति मित्रता और सहायता की भावना को दर्शाता है।
भविष्य में सहयोग की प्रतिबद्धता
भारत और म्यांमार के बीच सहयोग का यह सिलसिला भविष्य में भी जारी रहने की संभावना है। भारत ने म्यांमार में नागरिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई परियोजनाओं का समर्थन किया है, जिनमें सड़क, पुल, शिक्षा केंद्र और जल आपूर्ति प्रणालियों का निर्माण शामिल है। इन परियोजनाओं से म्यांमार के लोगों की जीवन गुणवत्ता में सुधार हुआ है और दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए हैं।
निष्कर्ष
म्यांमार में आए भूकंप के बाद भारत की त्वरित प्रतिक्रिया और सहायता से दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग की भावना को और बल मिला है। NDRF दल की तैनाती और राहत सामग्री की आपूर्ति से प्रभावितों को तत्काल सहायता मिल रही है, जो संकट की घड़ी में भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। आशा है कि इस सहयोग से म्यांमार के पुनर्निर्माण और राहत कार्यों में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी।
