औरंगजेब को आदर्श मानने वालों पर CM योगी का कड़ा प्रहार
9 मार्च 2025 उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक कड़े बयान में उन लोगों पर निशाना साधा है जो औरंगजेब को अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग देश और समाज के दुश्मन हैं, जो इतिहास के उन दागदार पन्नों को आदर्श मानते हैं जिनसे भारतीय संस्कृति और अस्मिता को भारी नुकसान हुआ था। औरंगजेब को लेकर सीएम योगी का यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है और कई प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही हैं।
सीएम योगी का बयान
सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह बयान एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिया, जहां उन्होंने देश की संस्कृति और धर्म के खिलाफ खड़े हुए तत्वों पर कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि औरंगजेब जैसे शासक जिन्होंने भारत की संस्कृति और परंपराओं को नष्ट करने की कोशिश की, उन्हें आदर्श मानने वाले लोग देश की एकता और अखंडता के खिलाफ काम कर रहे हैं।
योगी ने औरंगजेब के शासनकाल में किए गए अत्याचारों को याद करते हुए कहा कि औरंगजेब ने भारतीय जनता पर जुल्म किए, मंदिरों को तोड़ा और हिन्दू धर्म के अनुयायियों को परेशान किया। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग औरंगजेब की विचारधारा का समर्थन करते हैं, वे भारतीय संस्कृति और सभ्यता के दुश्मन हैं और ऐसे लोगों को जनता से जवाब मिलना चाहिए।
औरंगजेब का इतिहास
औरंगजेब, जो मुग़ल साम्राज्य का छठा सम्राट था, का शासनकाल भारतीय इतिहास में विवादास्पद रहा है। औरंगजेब ने अपने समकालीन शासकों से अलग जाकर धर्मनिरपेक्षता को छोड़ दिया और एक कट्टर धार्मिक नीति अपनाई। उन्होंने हिन्दू मंदिरों को तोड़ने, हिन्दू धार्मिक नेताओं को दबाने और कई जगहों पर हिन्दू समुदाय पर अत्याचार करने के आरोपों का सामना किया है। औरंगजेब के शासनकाल में मुग़ल साम्राज्य का विस्तार हुआ, लेकिन उसकी धार्मिक नीतियों ने समाज में असंतोष भी पैदा किया।
औरंगजेब का सबसे बड़ा विवादित कदम यह था कि उसने हिन्दू धर्म के खिलाफ कई कड़ी नीतियां लागू की थीं, जैसे जजिया कर (हिन्दू समुदाय से लिया जाने वाला कर), हिन्दू मंदिरों का ध्वंस और धार्मिक स्वतंत्रता पर पाबंदी। इसलिए उसे भारतीय इतिहास में एक विवादास्पद और नकारात्मक छवि मिली।
सीएम योगी का उद्देश्य
सीएम योगी आदित्यनाथ के इस बयान का उद्देश्य समाज में सांप्रदायिक एकता को बढ़ावा देना और उन लोगों को चेतावनी देना था जो देश की एकता को खतरे में डालने वाली विचारधाराओं का समर्थन करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने हमेशा भारतीय संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए कदम उठाए हैं, और ऐसे लोग जो औरंगजेब जैसी विचारधारा का पालन करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार ने धार्मिक स्थलों और संस्कृति की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे मंदिरों की सुरक्षा, धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा देना और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना। उनका कहना था कि भारत की पहचान उसकी विविधता, संस्कृति और सभ्यता में है, और इसे बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
सीएम योगी का यह बयान राजनीतिक जगत में मिश्रित प्रतिक्रियाएं लेकर आया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन किया, और कहा कि यह बयान देश के हित में है। बीजेपी के नेता ने कहा कि औरंगजेब का इतिहास भारतीय जनता के लिए एक दुखद अध्याय है, और योगी जी ने जो कहा है वह पूरी तरह से सही है।
वहीं, विपक्षी दलों ने योगी के बयान पर विरोध व्यक्त किया। समाजवादी पार्टी (SP) और कांग्रेस ने कहा कि यह बयान समाज में नफरत फैलाने की कोशिश है। उनका आरोप था कि सीएम योगी को इतिहास के बारे में संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और समाज को जोड़ने के बजाय तोड़ने वाली बयानबाजी से बचना चाहिए। विपक्षी नेताओं ने यह भी कहा कि ऐसे बयान केवल चुनावी राजनीति का हिस्सा हो सकते हैं, और सरकार को देश की सामाजिक धारा को समृद्ध करने की दिशा में काम करना चाहिए।
समाज में प्रतिक्रिया
सीएम योगी के बयान पर समाज में भी विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आईं। कुछ लोगों ने उनका समर्थन किया, यह कहते हुए कि भारत को अपनी सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक सत्य को मान्यता देनी चाहिए, जबकि कुछ ने उनके बयान को असंवेदनशील और विभाजनकारी बताया। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ को इस प्रकार के बयान से बचना चाहिए, क्योंकि इससे समाज में और अधिक तनाव बढ़ सकता है।
