• October 14, 2025

UP: पूरे प्रदेश में खंगाली जाएगी शिक्षामित्रों की कुंडली, प्रोफार्मा पर सभी बीएसए से मांगी जानकारी

6 मार्च 2025 उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश भर में शिक्षामित्रों की कार्यशैली और उनकी पात्रता की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (BSA) से प्रोफार्मा पर जानकारी मांगी गई है, ताकि शिक्षामित्रों की कुंडली को खंगालने का काम शुरू किया जा सके। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति और उनके कामकाज में कोई अनियमितता या धांधली न हो, और वे शिक्षा व्यवस्था में अपनी भूमिका निभा रहे हैं या नहीं।

शिक्षामित्रों की जानकारी की मांग

उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों की नियुक्ति एक बड़ा मुद्दा रहा है, और राज्य सरकार ने अब तक कई बार इस वर्ग के बारे में समीक्षा की है। राज्य के शिक्षा विभाग ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) से एक विशेष प्रोफार्मा पर शिक्षामित्रों की जानकारी मांगी है। इस प्रोफार्मा में शिक्षामित्रों की शैक्षिक योग्यता, उनकी नियुक्ति की तारीख, उनके कामकाजी रिकॉर्ड, और उनके द्वारा की गई सेवाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। यह पहल इस बात को सुनिश्चित करने के लिए है कि हर शिक्षामित्र की कार्यप्रणाली और योगदान की जांच की जा सके।

यह जानकारी विभाग को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से भेजी जाएगी। बीएसए को यह निर्देश दिया गया है कि वे हर शिक्षामित्र की जानकारी का सही तरीके से सत्यापन करें और कोई भी संदिग्ध मामला सामने आने पर उसे तुरंत रिपोर्ट करें।

जांच की मुख्य वजहें

प्रदेश भर में शिक्षामित्रों की संख्या बड़ी है, और कई वर्षों से उनकी स्थिति को लेकर विवाद चलता रहा है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति पूरी पारदर्शिता से हुई हो और उनकी योग्यता, कार्यक्षमता के आधार पर ही उन्हें काम सौंपा गया हो। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षामित्र अपने कार्यों में पूरी निष्ठा से जुटे हुए हैं या नहीं।

साथ ही, यह कदम इसलिए भी उठाया गया है क्योंकि कई बार यह आरोप लगते रहे हैं कि कुछ शिक्षामित्रों की नियुक्ति अनुशासनहीनता या गलत प्रक्रिया के तहत हुई थी, या फिर कुछ लोगों को बिना सही योग्यता के ही नौकरी मिल गई थी। यह प्रक्रिया उन शिक्षामित्रों की पहचान करने में मदद करेगी जो शिक्षा व्यवस्था में सही तरीके से योगदान नहीं दे रहे हैं।

बीएसए से जानकारी की आवश्यकता

प्रोफार्मा में बीएसए से जिन मुख्य जानकारी की मांग की गई है, उनमें शिक्षामित्र की शैक्षिक योग्यता, उनकी नियुक्ति की तारीख, सेवा रिकॉर्ड, उनकी किसी भी प्रकार की शिकायतें, और उनके द्वारा किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी शामिल हैं। इसके अलावा, यदि किसी शिक्षामित्र पर अनुशासनहीनता या कार्य में लापरवाही का आरोप है, तो उसकी पूरी जानकारी भी मांगी जाएगी।

बीएसए से कहा गया है कि वे यह जानकारी जल्द से जल्द जुटाकर शिक्षा विभाग को भेजें, ताकि इस मामले में जांच पूरी की जा सके। यह जानकारी सिर्फ प्रशासनिक जांच के लिए नहीं, बल्कि भविष्य में शिक्षा नीति को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

शिक्षामित्रों की स्थिति पर नजर

उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों का मामला हमेशा से ही एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। पहले शिक्षामित्रों को शॉर्ट-टर्म नियुक्ति दी गई थी, लेकिन बाद में उनकी स्थायी नियुक्ति के लिए कई बार आंदोलन भी हुए। कई शिक्षामित्रों का कहना है कि उन्हें न तो स्थिरता मिली है, न ही उन्हें उचित वेतन और सुविधाएं मिल रही हैं। इसके बावजूद, वे सरकार की शिक्षा नीति के हिस्से के रूप में काम कर रहे हैं, और बच्चों को पढ़ाने का कार्य करते हैं।

शिक्षामित्रों का कहना है कि अगर उनकी पात्रता की जांच की जाती है, तो इससे उनकी स्थिति में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, वे यह भी चाहते हैं कि सरकार उनके लिए बेहतर कार्य शर्तें और वेतन की व्यवस्था करे, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता से बच्चों को शिक्षा दे सकें।

प्रशासनिक पहल और भविष्य की दिशा

शिक्षामित्रों की कुंडली खंगालने का यह कदम एक प्रशासनिक सुधार का हिस्सा है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल योग्य और समर्पित लोग ही शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। साथ ही, यह कदम राज्य सरकार की नीयत को भी दर्शाता है कि वह शिक्षामित्रों के मुद्दों को गंभीरता से ले रही है और शिक्षा व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में काम कर रही है।

इसके अलावा, यह पहल भविष्य में अन्य सरकारी कर्मचारियों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने के लिए एक उदाहरण भी बन सकती है। सरकार द्वारा यह कदम यह दिखाने के लिए है कि वह सभी सरकारी कर्मचारियों के कामकाजी मानकों को सही तरीके से मापने के लिए गंभीर है, ताकि केवल गुणवत्तापूर्ण सेवा ही जनता को मिल सके।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशभर में शिक्षामित्रों की कार्यशैली और योग्यताओं की जांच के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। बीएसए से मांगी गई जानकारी और प्रोफार्मा के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षा व्यवस्था में सभी शिक्षामित्र सही तरीके से काम कर रहे हैं और कोई भी अनियमितता या धांधली नहीं हो रही है। यह कदम शिक्षा के स्तर को सुधारने और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है, और आने वाले दिनों में इससे शिक्षा व्यवस्था में बड़े सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *