एनएचएम संविदा कार्मिकों के लिए समान कार्य, समान वेतन की मांग को लेकर संगठन ने वेतन आयोग को सौंपा सुझाव
लखनऊ, 25 फरवरी 2025: उत्तर प्रदेश के संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारी संघ ने एनएचएम संविदा कर्मचारियों के वेतनमान और सेवा नीति को लेकर 8वें वेतन आयोग से संबंधित सुझाव प्रस्तुत किए हैं। संगठन ने रिज़वी कमेटी (2013) की संस्तुतियों को आधार बनाते हुए “समान कार्य, समान वेतन” की मांग की है, ताकि संविदा कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारियों की तरह वेतन और सुविधाएं प्राप्त हो सकें।
विधान भवन में वित्त विभाग के अधिकारियों से चर्चा
इस संबंध में संगठन ने विधान भवन स्थित वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव को एक पत्र सौंपा। इसके साथ ही, वेतन आयोग अनुभाग-2 के विशेष सचिव श्री पुष्पेंद्र जी से विस्तृत चर्चा भी की। इस चर्चा में विशेष सचिव ने संगठन को आवश्यक जानकारी प्रदान की और आश्वासन दिया कि जब वेतन आयोग समिति की बैठक होगी, तब इस विषय को गंभीरता से लिया जाएगा।
संघ की ओर से एनएचएम कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा की वकालत
संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनिल गुप्ता ने संगठन की ओर से एनएचएम संविदा कर्मचारियों के हितों की रक्षा और समान वेतन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को एनएचएम संविदा कर्मचारियों के लिए एक स्थायी नीति बनानी चाहिए, ताकि उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन और सुविधाएं मिल सकें।
संघ के महामंत्री ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा, “एनएचएम संविदा कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों की भांति वेतन और सुविधाएँ मिलनी चाहिए। सरकार को इस दिशा में जल्द ठोस नीति बनानी चाहिए। संगठन इस मुद्दे को लगातार उठाता रहेगा और जब भी कमेटी की बैठक होगी, संघ पुनः इस पर कार्य करेगा।”
संघ की पहल से बनी नई उम्मीद
संघ की इस पहल से एनएचएम संविदा कर्मचारियों के वेतनमान और सेवा सुरक्षा को लेकर एक नई उम्मीद जगी है। संगठन ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया है, और यह संकेत दिया है कि वह इसे अपनी प्राथमिकता के रूप में जारी रखेगा। संघ का उद्देश्य है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले और संविदा कर्मचारियों को उनका हक दे।
निष्कर्ष
संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ, उत्तर प्रदेश ने एनएचएम संविदा कर्मचारियों के लिए समान कार्य, समान वेतन की मांग को लेकर वेतन आयोग को सुझाव सौंपे हैं। इस पहल से संविदा कर्मचारियों के लिए बेहतर वेतनमान और सेवा सुरक्षा की उम्मीद बढ़ी है। संगठन इस संघर्ष को और तेज करेगा, ताकि इन कर्मचारियों को उनका हक मिल सके।