• October 14, 2025

केंद्र सरकार ने कोचिंग सेंटरों पर कसा शिकंजा, छात्रों को वापस मिले ₹1.56 करोड़ रुपये

23 फ़रवरी केंद्र सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में कोचिंग सेंटरों से संबंधित छात्रों की शिकायतों को लेकर एक अहम कदम उठाया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (डीओसीए) ने 600 से अधिक छात्रों को कुल ₹1.56 करोड़ की राशि का रिफंड दिलवाया है। ये छात्र पहले कोचिंग संस्थानों द्वारा तय किए गए नियमों और शर्तों का पालन करने के बावजूद उचित रिफंड से वंचित थे। यह कदम छात्रों को उनके वित्तीय अधिकारों की रक्षा करने के लिए उठाया गया है, जिनका भुगतान उन्हें अधूरी सेवाओं, कक्षाओं में देरी या रद्द किए गए पाठ्यक्रमों के लिए नहीं मिला था।

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बताया कि यह राहत छात्रों की शिकायतों के आधार पर मिली, जो उन्होंने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के माध्यम से दर्ज कराई थी। एनसीएच ने इन मामलों के समाधान के लिए एक सुव्यवस्थित और प्रभावी प्रक्रिया की व्यवस्था की, जिससे छात्रों को रिफंड प्राप्त करने में मदद मिली।

छात्रों के लिए रिफंड प्राप्त करना

छात्रों को उनके रिफंड हासिल करने में कठिनाइयाँ आ रही थीं, जो उनके कोचिंग सेंटरों द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करने के बावजूद रिफंड से वंचित थे। यह रिफंड उन छात्रों को मिला जिन्होंने सिविल सेवा, इंजीनियरिंग कोर्स और अन्य कार्यक्रमों के लिए कोचिंग सेंटरों में नामांकन कराया था। इन छात्रों को पहले मुआवजा नहीं दिया गया था, लेकिन उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई से उन्हें उचित रिफंड मिल सका।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का निर्देश

विभाग ने अपने निर्णय में सभी कोचिंग सेंटरों को निर्देश दिया है कि वे छात्रों के हितों की रक्षा के लिए एक छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाएं और स्पष्ट तथा पारदर्शी रिफंड नीतियों को अनिवार्य रूप से लागू करें। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब वैध रिफंड दावों को अस्वीकार करने की प्रथा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शैक्षिक संस्थानों से अनुरोध किया गया है कि वे उपभोक्ता अधिकारों का सम्मान करें और सुनिश्चित करें कि छात्रों को उनके वित्तीय अधिकार समय पर और सही तरीके से दिए जाएं।

उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा में सशक्त कदम

उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय इस कदम के माध्यम से छात्रों के उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रहा है। विभाग ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित हो रही है। इसके जरिए छात्र बिना किसी लंबी कानूनी लड़ाई के अपने मुद्दों का समाधान पा सकते हैं। इससे समय और ऊर्जा की बचत होती है और साथ ही निष्पक्ष परिणाम प्राप्त होते हैं।

एनसीएच ने मुकदमेबाजी से पहले शिकायतों का समाधान करके विवादों को बढ़ने से रोकने में मदद की है। यह सेवा विशेष रूप से छात्रों के लिए लाभकारी रही है, क्योंकि अब उनके पास अपने हितों की रक्षा करने के लिए एक भरोसेमंद रास्ता उपलब्ध है।

निष्कर्ष

केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की यह पहल छात्रों के अधिकारों की रक्षा करने और शैक्षिक संस्थानों द्वारा किए जा रहे अनुचित व्यवहार के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मंत्रालय की त्वरित कार्रवाई से छात्रों को उनके रिफंड वापस मिल गए हैं और अब कोचिंग सेंटरों को भी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उचित दिशा-निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता होगी। इस पहल के माध्यम से सरकार ने छात्रों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया और यह सुनिश्चित किया कि उन्हें उचित न्याय मिले।

यह कदम न केवल छात्रों के हितों की रक्षा करता है, बल्कि यह शैक्षिक संस्थानों के लिए भी एक सख्त संदेश भेजता है कि वे अपने संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं उत्पन्न न हों।

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Rama Niwash Pandey

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