जम्मू-कश्मीर पुलिस ने व्हाट्सएप के माध्यम से पहली बार इलेक्ट्रॉनिक एफआईआर दर्ज की
23 फ़रवरी जम्मू एंड कश्मीर।जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए शनिवार को पहली बार व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त एक शिकायत के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक प्रथम सूचना रिपोर्ट (ई-एफआईआर) दर्ज की। यह कदम राज्य में पुलिस प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ी शुरुआत मानी जा रही है।
विलगाम पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ पहला ई-एफआईआर
यह घटना जम्मू-कश्मीर के विलगाम पुलिस स्टेशन से जुड़ी हुई है, जहां हंजिपोरा, कुपवाड़ा के निवासी इम्तियाज अहमद डार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पहली बार ई-एफआईआर दर्ज की गई। डार, जो राज्य सड़क परिवहन निगम में ड्राइवर के रूप में कार्यरत हैं, ने व्हाट्सएप के जरिए अपनी शिकायत पुलिस तक पहुंचाई।
शिकायत का विवरण
शिकायत में डार ने बताया कि वह तारथपोरा से श्रीनगर की यात्रा कर रहे थे, जब विलगाम पहुंचने पर उनके वाहन को दो व्यक्तियों, आशिक हुसैन भट और गौहर अहमद भट (दोनों निवासी शहनिपोरा, विलगाम) ने जबरन रोक लिया। इसके बाद, दोनों ने डार पर शारीरिक हमला किया, जिसके कारण उन्हें चोटें भी आईं। यह हमला अचानक हुआ, जिससे डार की सुरक्षा खतरे में आ गई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
शिकायत प्राप्त होते ही, विलगाम पुलिस स्टेशन ने त्वरित कार्रवाई की और भारतीय दंड संहिता की धारा 115(2) और 126(2) के तहत ई-एफआईआर दर्ज की। पुलिस प्रवक्ता ने इसे डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में एक अहम कदम बताया और कहा कि यह आधुनिक तकनीक का उपयोग करके अपराधों की रिपोर्टिंग और जांच की प्रक्रिया को और अधिक सरल और पारदर्शी बनाएगा।
डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में एक कदम
यह कदम राज्य में पुलिस सेवा को और अधिक नागरिकों के अनुकूल और कुशल बनाने के लिए उठाया गया है। व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से शिकायत दर्ज करने से न केवल पुलिस के कामकाजी तरीके में सुधार होगा, बल्कि नागरिकों को भी उनकी शिकायतों को तेज़ी से दर्ज कराने का एक नया और सुलभ तरीका मिलेगा। ई-एफआईआर सिस्टम के माध्यम से अब लोग किसी भी स्थान से अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं, जिससे पुलिस की प्रतिक्रिया समय में भी सुधार होगा।
निष्कर्ष
जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से ई-एफआईआर दर्ज करने की यह घटना डिजिटल पुलिसिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे न केवल पुलिस कार्य प्रणाली में सुधार होगा, बल्कि यह राज्य में नागरिकों के लिए एक नई शुरुआत की तरह है, जहां वे तकनीकी माध्यम से अपनी शिकायतों को प्रभावी तरीके से दर्ज करवा सकते हैं।
