मथुरा के बांकेबिहारी मंदिर में विशेष मंगला आरती के दौरान उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़

 मथुरा के बांकेबिहारी मंदिर में विशेष मंगला आरती के दौरान उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़

मथुरा, 28 अगस्त। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित बांकेबिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर वर्षभर में एक बार होने वाली विशेष मंगला आरती में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। विशेष मंगला आरती मंगलवार की रात्रि 1ः55 बजे सम्पन्न हुईं। इसमें प्रशासनिक आदेश के चलते सीमित संख्या में ही लोग सम्मिलित हुए। दूसरी ओर रंगनाथ मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

बांकेबिहारी मंदिर में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया। ठाकुर बांके बिहारी जी का दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक किया गया। एक दर्जन से अधिक नदियों के जल से स्नान कराया गया। भगवान का शृंगार किया गया, उसके बाद पीतांबरी वस्त्र धारण करके भक्तों को ठाकुर जी ने दर्शन दिए। मंदिर परिसर में रात 1ः55 बजे मंगला आरती संपन्न हुई। मंदिर के एक नंबर गेट से श्रद्धालुओं के आने की व्यवस्था की गई थी। दो एवं तीन नंबर गेट से निकासी द्वारा बनाए गए थे। वृंदावन में जन्माष्टमी को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। बांके बिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर और रंगनाथ मंदिर परिसर को कई सेक्टर में बांटा गया था। श्रद्धालुओं के आने और जाने की व्यवस्था के लिए अलग-अलग मार्ग बनाए गए थे ताकि कोई असुविधा न हो। जन्माष्टमी को लेकर 1000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए थे। जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेष कुमार पांडेय ने रात्रि में निरीक्षण किया तथा अधीनस्थों को निर्देश दिए।

बुधवार सुबह मंदिर सेवायत आचार्य प्रह्लाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि जन्माष्टमी की रात्रि में 12 बजे मंदिर गर्भगृह के अंदर ही सेवायतों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, इत्र, यमुनाजल, केवड़ा व अन्य पदार्थों से बांकेबिहारी महाराज का दिव्य महाभिषेक कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। मंदिर की परम्परा के अनुसार इसके दर्शन भक्त परिकर को नहीं हुए। श्रीकृष्ण जन्म के इसी समय मंदिर चबूतरे पर भक्तों को श्रीकृष्ण जन्म की कथा श्रवण करायी गयी। इसके बाद रात 1ः55 बजे साल में मात्र इसी दिन होने वाली विशेष मंगला आरती उतारी गई। प्रशासनिक आदेश का पालन करते हुए गत वर्ष की तर्ज पर इस बार भी मंगलआरती के दौरान सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश मिला। इससे सभी व्यवस्थायें दुरुस्त रहीं।

इस बार जन्माष्टमी का पर्व दो दिन मनाया गया। 27 अगस्त मध्य रात्रि को श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मथुरा में जन्माष्टमी पर्व की धूम रही, तो वहीं दूसरे दिन 28 अगस्त की मध्य रात्रि को वृंदावन में जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

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