फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर बना शिक्षक,आरटीआई एक्टिविस्ट ने डीएम से जांच की लगाई गुहार
फारबिसगंज के मध्य विधालय खैरखा के सहायक शिक्षक मो मुश्ताक आलम के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ लेकर नौकरी लेने का खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट सह बिहार विकास युवा मोर्च के अध्यक्ष प्रसेनजीत कृष्ण ने किया है। मामले को लेकर उन्होंने डीएम इनायत खान को लिखित आवेदन देकर फारबिसगंज एसडीएम से जांच कराए जाने की मांग की है।
डीएम को दिए आवेदन में आरटीआई एक्टिविस्ट प्रसेनजीत कृष्ण ने बताया है कि मो मुस्ताक आलम पिता- स्व खलील ‘शेख’ जाति से आते हैं। लेकिन वर्ष 2005 में मो मुस्ताक आलम ने प्रखंड शिक्षक के रूप में फर्जी जाति प्रमाण पत्र में धुनिया जाति का लगाकर नौकरी प्राप्त कर लिया। जबकि इनका खतियान,केवाला और जमीन का रसीद में जाति में शेख दर्ज है। तो फिर किस आधार पर इसके द्वारा धुनिया जाति प्रमाण पत्र बनाया गया, यह जांच का विषय है।
प्रसेनजीत कृष्ण ने कहा कि मुस्ताक आलम के द्वारा पूर्व में भी फर्जीवाड़ा करके एक नेपाली नागरिक को अपना भाई बताकर फर्जी पासपोर्ट बनवा लिया था, जो मामला पूर्व में उजागर हो चुका है। मोर्चाध्यक्ष प्रसेनजीत कृष्ण ने मो मुस्ताक आलम के दस्तावेज की जांच फारबिसगंज अनुमंडल पदाधिकारी से कराकर उचित कानूनी कार्यवाही करने की मांग डीएम से किया है।




